हेयरफॉल का अचानक से बढ़ जाना चिंता का कारण बनने लगता है। ऐसे में बालों की नरिशमेंट के लिए केमिकल युक्त प्रॉडक्टस का इस्तेमाल किया जाता है। केमिकल्स का अत्यधिक इस्तेमाल स्कैल्प संक्रमण और रूखेपन को बढ़ा देता है। इससे राहत पाने के लिए रसोई में मौजूद कलौंजी बेहद कारगर साबित होती है। कैरियर ऑयल में कलौंजी (black seed oil benefits) को मिलाकर उसका तेल तैयार करने से बालों से संबधी समस्याओं को कम किया जा सकता है। जानते हैं कलौंजी का तेल किस तरह से बालों का रखता है ख्याल (black seed oil for hair)।
इस बारे में स्किन एक्सपर्ट डॉ रिंकू कपूर बताती हैं कि कलौजीं में अमिनो एसिड की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे बालों की कंडीशनिंग (Black seed oil for hair conditioning) में मदद मिलती है। इस तेल में निगेलोन और थाइमोक्विनोन कंपाउड पाए जाते हैं, जो हेयरफॉल को कम करके बालों को स्मूदनेस प्रदान करते हैं। एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ (Anti-bacterial properties) से भरपूर इस तेल को बालों में 30 मिनट तक लगाने के बाद हेयरवॉश कर लें।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च के अनुसार कलौंजी में एंटी माइक्रोबियल, एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी एजिंग गुण पाए जाते हैं। इससे हेयरग्रोथ में मदद मिलती है और सन डैमेज का खतरा कम होने लगता है। इसमें कैल्शियम, आयरन, फैटी एसिड और एस्कॉर्बिक एसिड की मात्रा पाई जाती है।
तेज़ धूप में निकलने से हेयर डैमेज का खतरा बना रहता है। ऐसे में बालों को झड़ने से रोकने के लिए कलौंजी से तैरूर तेल को बालों में लगाने से स्कैल्प नरिशमेंट में मदद मिलती है। इससे बालों का पतलापन कम हो जाता है। बालों की जड़ों में गुनगुने तेल से मसाज करने से बालों की डेसिटी में सुधार आने लगता है।
कलौंजी के तेल में मेलानिन की मात्रा पाए जाने से बालों में ब्लैक पिगमेंट बढ़ने लगता है, जिससे ग्रे हेयर्स की समस्या हल होने लगती है। इसमें पाए जाने वाली अमीनो एसिड बालों में मॉइश्चर और प्राकृतिक रंग को रिस्टोर करके बालों के एजिंग प्रोसेस को धीमा कर देते हैं।
बालों का हेल्दी बनाए रखने के लिए स्कैल्प के रूखेपन को कम करना आवश्यक है। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण रूसी को कम करते है। इसके अलावा ओमेगा 3 और ओमेगा 6 जैसे फैटी एसिड बालों में नमी को सील करके डैंड्रफ से बचाने में मदद करते हैं।
बालों की सही देख रेख न कर पाने से दो मुंहे बालों की समस्या बढ़ने लगती है। इससे हेयरफॉल का सामना करना पड़ता है और बालों की ग्रोथ रूक जाती है। ऐसे में कलौंजी के तेल को बालों में लगाना कारगर साबित होता है। इसके अलावा हेयर मास्क में कलौजी के तेल को बालों में अप्लाई करने से भी फायदा मिलता है।
हेयर फॉलिकल्स और रूट्स की मज़बूती के लिए कलौंजी के तेल को हल्का गुनगुना कर ले। अब कुछ बूंद लेकर स्कैल्प के बीचों बीच बालो की जड़ों में अप्लाई करें। इससे बालों की मज़बूती बढ़ जाती है। सप्ताह में दो इसका इस्तेमाल करने से बालों को फायदा मिलता है।
हेयर ग्लो के लिए आधा चम्मच कलौंजी के तेल को एलोवेरा जेल, प्याज का रस और कड़ी पत्ते के पेस्ट में मिलाकर ब्लैंड कर लें। अब इस पेस्ट को बालों में लगाकर 15 मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद किसी हर्बल शैम्पू से बालों को धो दें। इससे बालों की चमक बरकरार रहती है।
कलौंजी को ओवरनाइट सोक करने के बाद एक पेस्ट तैयार कर लें। अब उस पेस्ट में कुछ बूंद कलौंजी का तेल मिलाएं। अब इस पेस्ट को बालों के बीचों बींच अप्लाई कर दें। 30 मिनट के बाद बालों को धोएं। इससे स्कैल्प संक्रमण को दूर किया जा सकता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंकलौंजी के बीज को नारियल तेल में डाल कर कुछ देर तक उबालें। जब तेल का रंग बदलने लगे, तो उसमें गुड़कल के फूल और पत्तियां डालें। कुछ देर ऑयल को पकाने के बाद छान लें और बालों पर अप्लाई करे। इससे बालों पी दिखने वाले एजिंग के प्रभाव को कम किया जा सकता है।