क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर के लंबे सेलिब्रेशन के बाद 3 जनवरी को फेस्टिवल ऑफ स्लीप डे (festival of sleep day) के रूप में मानते हैं। क्रिसमस और न्यू ईयर का समय एक पर्फेक्ट हॉलीडे टाइमिंग माना जाता है। इस दौरान सेलिब्रेशन के लिए कुछ लोग कहीं बाहर ट्रिप पर जाना पसंद करते हैं तो कई लोग घर पर ही पार्टी प्लान कर लेते हैं। परंतु इसका आपकी नींद पर बुरा असर पड़ता है। क्योंकि न्यू ईयर हो या क्रिसमस ज्यादातर लोग इसे रात के समय सेलिब्रेट करते हैं। जिसकी वजह से स्लीप पैटर्न प्रभावित हो जाती है।
फेस्टिवल सीजन हो या फैमिली फंक्शन कभी भी अपनी नींद के साथ समझौता न करें। क्योंकि नींद की कमी आपकी सेहत को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। तो फेस्टिवल ऑफ स्लीप डे (festival of sleep day) के अवसर पर आज हम लेकर आए हैं नींद के कुछ महत्वपूर्ण फायदे साथ ही जानेंगे एक बेहतर नींद प्राप्त करने के कुछ जरूरी उपाय। चलिए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
क्रिसमस, न्यू ईयर, इत्यादि को सेलिब्रेट करने के बाद लोगों को घर से लेकर ऑफिस तक के कई कार्य सामने नजर आते हैं। ऐसे में उन्हें शुरू करने के पहले शरीर को एक पर्याप्त आराम देना बहुत जरूरी है। इसलिए फेस्टिवल ऑफ स्लीप डे का एकमात्र मकसद लोगों के बीच शरीर को आराम देने और नींद की गुणवत्ता के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस दिन आप सभी को एक उचित नींद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि बीते दिनों सेलिब्रेशन के दौरान हुई थकान को कम किया जा सके। वहीं नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने के उपाय और इसके फायदों को लेकर जागरूकता भी फैलाई जाती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार हेल्दी स्लीप से आपके इम्मयून सेल्स को पर्याप्त आराम प्राप्त करने में मदद मिलता है। जिस वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावी रूप से सक्रिय रहती है और बैक्टीरिया और वायरस से होने वाले संक्रमण से शरीर को प्रोटेक्ट करती हैं।
पब मेड सेंट्रल के अनुसार नींद की कमी दिल से जुड़ी बीमारी की संभावना को बढ़ा देती है। वहीं नींद की गुणवत्ता खराब होने से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या देखने को मिलती है। किये गए अध्ययन के अनुसार 7 घंटे सोने वाले लोगों की तुलना में 5 घंटे की नींद लेने वाले लोगों में दिल से जुड़ी बीमारी होने की संभावना 61 प्रतिशत तक ज्यादा होती है।
मेडिसिन द्वारा किए गए अध्ययन में सामने आया कि 7 घंटे से कम समय की नींद प्राप्त करने वाले व्यक्ति में वजन बढ़ने की संभावना काफी ज्यादा होती है। साथ ही सामान्य लोगों की तुलना में उनका बॉडी मास इंडेक्स भी अधिक रहता है। नींद की कमी घ्रेलिन के स्तर को बढ़ा देती हैं और लेप्टिन के स्तर को कम कर देती हैं। घ्रेलिन वह हॉर्मोन्स है जो भूख का एहसास दिलाता है वहीं लेप्टिन वह है जो हमे संतुष्ट रखता है। ऐसी स्थिति ओवरईटिंग की संभावना बनी रहती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा नींद को लेकर किए गए एक अध्ययन के अनुसार नींद की कमी कंसंट्रेशन, प्रोडक्टिविटी और आपके परफॉर्मेंस को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है। वहीं रिसर्च की माने तो एक अच्छी और पर्याप्त नींद बड़ों के वर्क परफॉर्मेंस को इन्हेंस करने के साथ ही बच्चों के एकेडमिक्स को भी इंप्रूव करती है। साथ ही साथ याददाश्त को मजबूत बनाये रखने में इसका एक बहुत बड़ा योगदान है।
एक हेल्दी स्लीप पैटर्न सेट करना जरूरी है। डॉक्टर्स 8 घंटे से ज्यादा लंबी नींद लेने से मना करते हैं। क्योंकि जिस तरह नींद की कमी आपकी सेहत के लिए खराब है ठीक इसी प्रकार नींद की अधिकता भी सेहत पर नकारात्मक असर डालती है। एक व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए हर रोज कम से कम 7 घंटे की नींद लेना अनिवार्य है।
इसके साथ ही अपने बेड पर जाने का एक उचित समय तय कर लें और ठीक उसी वक्त नियमित रूप से अपने बेड पर जाने का प्रयास करें। नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने का यह एक प्रभावी तरीका है। यदि उस वक्त नींद न आए तो 20 से 25 मिनट बाद बेड से उठकर थोड़ी देर अन्य गतिविधि में भाग ले सकती हैं।
भूखे पेट सोने से नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। इसके साथ ही बेड पर जाने के तुरंत पहले हैवी मिल लेने से बचें। वहीं सोने से पहले निकोटीन, कैफीन, अल्कोहल जैसी चीजों से पूरी तरह परहेज रखने की कोशिश करें। क्योंकि यह शुरुआत में आपके नींद को उत्तेजित कर सकती हैं परंतु बाद में नींद को बुरी तरह से प्रभावित कर देती हैं।
नियमित रूप से शारीरिक गतिविधियों में भाग लेते रहने से नींद की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद मिलती है। परंतु सोने के तुरंत पहले किसी तरह की कठिन शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने से बचें। ऐसा करना नींद में बाधा बन सकता है।
दिन के समय छोटी झपकी लेना ठीक है, परंतु अनियमित रूप से पूरे दिन में किसी भी वक़्त नैप लेने की आदत आपके रात के नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में असमय सोने से कई प्रकार के स्वास्थ्य जोखिमों की संभावना बढ़ जाती है।
रात की अच्छी नींद के लिए दिमाग का शांत रहना बहुत जरूरी है। परंतु आजकल की तनाव भरी जिंदगी में लोग रात को सोने से पहले तरह-तरह की स्ट्रेसफुल बातों को लेकर बैठ जाते हैं। यह नींद की गुणवत्ता के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। ऐसे में सोने से पहले कुछ देर मेडिटेशन का अभ्यास करें। यह आपको एक हेल्दी स्लीप प्राप्त करने में मदद करेगा।
वहीं नियमित रूप से सुबह उठकर योग का अभ्यास कर सकती हैं यह आपके शरीर को एक्टिव रखने और मूड को बूस्ट करने में कारगर होता है। ऐसे में आप रात की एक अच्छी नींद प्राप्त कर सकती हैं।
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