हर व्यक्ति ऐसी स्थति से जरूर गुजरता है, जब वो खुद को कमजोर मानने लगता है। तब उसका खुद पर से भरोसा उठने लगता है। सामने खड़ी समस्या इतनी बड़ी लगने लगती है, कि उसका सामना करने के बजाय व्यक्ति उससे दूर भागने की कोशिश करने लगता है। जीवन में आगे बढ़ने और अपनी पहचान बनाने के लिए कॉन्फिडेंट होना बेहद जरूरी है। अगर हमें खुद पर भरोसा है, तो हम नामुमकिन चीजों को भी मुमकिन बना सकते हैं। अगर आपका खुद पर से विश्वास डगमगाने लगता है, तो जरूरी है कि आप इसे बचाए रखने का तरीका सीखें। ये टिप्स आपको हर स्थिति में कॉन्फिडेंट (how to stay confident) रहने में मदद करेंगे।
तो चलिए जानते हैं उन तरीकों के बारें में जिनसे हर स्थति में खुद को कॉन्फिडेंट बनाएं रख सकते हैं –
हमें यह समझने की जरूरत है कि हर व्यक्ति में कोई न कोई खूबी जरूर होती है। जो उसे दूसरों से अलग बनाती है। लेकिन कई चीजों में हम अपनी तुलना दूसरों से करने लगते हैं, जिससे हम अपना ही आत्मविश्वास गिरा रहे होते हैं। इसलिए अपनी कमियों पर काम करने की कोशिश करें। साथ ही अपनी काबिलियत समझे और खुद की तुलना दूसरों से नहीं करें। क्योंकि इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप नामुमकिन काम भी आसानी से पूरे कर पाएंगी।
जिंदगी में कुछ भी हासिल करने के लिए खुद पर भरोसा होना बेहद जरूरी है, क्योंकि खुद पे भरोसा रखने से हम नेगेटिव विचारों से दूर हटकर कुछ अच्छा कर सकते हैं।
नेशनल एलायंस ऑन मेंटल इलनेस (NAMI) के अनुसार आत्म-सम्मान एक भावना है, कि कोई व्यक्ति खुद को कैसा महसूस करता है, कि वे कौन हैं और वे क्या करते हैं। खुद पर भरोसा बनाए रखने से अपना आत्म सम्मान बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
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अक्सर किसी भी स्थति में हम अपना कॉन्फिडेंस इसलिए खोने लगते हैं, क्योंकि हम अपनी कमियों पर काम नहीं करते, और मुसीबत से भागने की कोशिश करते है। लेकिन अपनी कमियों को समझकर समय-समय पर खुद में बदलाव करना बेहद आवश्यक है। इससे आपको खुद को बेहतर तरीके से निखारने में मदद मिलेगी।
जिन लोगों के साथ हम समय व्यतीत करते हैं, वे आपके विचारों और भावनाओं को गहनता से प्रभावित करते हैं। इसलिए अपना समय ऐसे लोगों के बीच बिताने की कोशिश करें जो आपको कॉन्फिडेंट महसूस कराते हैं।
ब्रिटिश जर्नल और नर्सिंग के मुताबिक व्यक्ति में आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण साथ-साथ चलते हैं। इसलिए ऐसे लोगों की तलाश करें, जो सकारात्मक हों और आपके आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद कर सकें।
कोई परेशानी हमें सिर्फ तभी हरा सकती है, जब तक हम उसका सामना नहीं करते। लेकिन अपनी परेशानी या अपने डर का सामना करने के बाद हम उस स्थति से बाहर आ जाते हैं। साइकोलॉजी ऑफ स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज के अनुसार अपने डर का सामना करने की प्रैक्टिस करने से आपके लिए उसका सामना करना आसान हो जाएगा। खुद से कहे यह भी एक अनुभव है, जो होगा देखा जाएगा।
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