ये संकेत बताते हैं कि आपके प्रियजन को है आपकी मदद की जरुरत, ये 5 टिप्स आ सकते हैं काम

कभी-कभी तनावग्रस्त स्थितियों से व्यक्ति इतना ज्यादा निराश हो जाता है कि वह अपने जीवन के अंत के बारे में सोचने लगता है। जबकि आपकी मदद उन्हें फिर से निराशा से बाहर ला सकती है।
Suicide ke trigger points kya hain
भारत आत्महत्या दर में विश्व भर में 43वें नम्बर पर है। युवाओं में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है आत्महत्या। चित्र- शटरस्टॉक।
Updated On: 20 Oct 2023, 09:36 am IST
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हर किसी की जिंदगी में ऐसा पल जरूर आता है, जब इंसान की सारी उम्मीदें टूट जाती हैं, और परेशानियों से निकलने का रास्ता नजर नहीं आता है। इसकी वजह किसी को खोना, फाइनेंशियल स्ट्रेस या कोई अन्य कारण भी हो सकता है। जिसमें व्यक्ति की मानसिक स्थति उसके वश में नही होती। भारतीय सामाजिक ताना-बाना ऐसा है कि ज्यादातर लोग निराश होकर भी परिस्थितियों का सामना करने की हिम्मत जुटा ले जाते हैं। जबकि जो लोग लंबे अकेलेपन या तनाव से जूझ रहे होते हैं, उनके लिए इस निराशा से उबर पाना मुश्किल होता है। जो आगे बढ़कर तनाव, अवसाद और फिर आत्मघाती व्यवहार की ओर बढ़ती है। 10 अक्टूबर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World mental health day) के संदर्भ में आपको उन संकेतों को पहचानने की जरूरत है जो किसी के भी मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की ओर इशारा करते हैं। ताकि आप उनकी मदद (how to prevent suicidal behavior) कर सकें।

किसी भी तरह का तनाव हो सकता है घातक

आर्थिक, भावनात्मक और सामाजिक किसी भी तरह का तनाव व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता ह। मायो क्लिनिक के अनुसार लगातार तनाव हाइपरटेंशन, हृदय संबंधी समस्याओं और उम्र से पहले होने वाले बुढ़ापे को ट्रिगर करता है। आंखें, बाल, त्वचा और बोन हेल्थ भी इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाती। महिलाओं में तनाव ओवरईटिंग और मोटापे का भी कारण बन सकता है।

तनाव को अगर लगातार इग्नोर किया जाए तो यह ईटिंग और स्लीप डिसऑर्डर का कारण बनता है, जो आगे चलकर अवसाद को जन्म दे सकता है। जबकि मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा व्यक्ति आत्मघाती कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटता।

सुसाइड एक ऐसी मानसिक स्थति है, जब व्यक्ति का खुद पर कंट्रोल नहीं होता, और व्यक्ति अपना जीवन खत्म करने के बारें में सोचने लगता है। कई मामलों में समय के साथ व्यक्ति इस स्थति से बाहर आ जाता है, लेकिन कुछ कारणों में यह बहुत ज्यादा घातक भी हो सकती है, जिसमें अक्सर इस स्थति के लक्षणों का पता भी नहीं चल पाता है।

अगर आपको अपने किसी करीबी व्यक्ति के व्यवहार में लगातार बदलाव नजर आ रहा है, तो आपको आज ही सतर्क होने की आवश्कता है। यहां हम ऐसे लक्षणों के बारें में बताने जा रहे हैंं, जिनसे आप जान पाएंगी कि आपका करीबी व्यक्ति किस स्थिति से गुजर रहा है।

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ये लक्षण बताते हैं कि व्यक्ति अकेलेपन, अवसाद और आत्मघाती व्यवहार की ओर बढ़ रहा है । चित्र : शटरस्टॉक

ये लक्षण बताते हैं कि व्यक्ति अकेलेपन, अवसाद और आत्मघाती व्यवहार की ओर बढ़ रहा है

आत्महत्या करने का विचार व्यक्ति के मन में उस स्थति में आता है, जब उसका खुद की मानसिक स्थति पर कंट्रोल नहीं रहता। मायो क्लिनिक की रिसर्च के अनुसार सुसाइड के विचार आने पर व्यक्ति में इस प्रकार के लक्षण दिखने लगते हैं –

  • ऐसी स्थति में व्यक्ति ज्यादातर आत्महत्या के बारे में बात करता है – जैसे कि, “काश मैं मर गया होता” या “काश मैं पैदा नहीं होता” जैसे विचार आदि।
  • व्यक्ति अपनी जान लेने के लिए साधन ढूढने लगता है, जैसे कि बंदूक खरीदना या गोलियां जमा करना।
  • अक्सर ऐसी मानसिक स्थति वाले लोग सामाजिक संपर्क से दूर होने लगते हैं और अकेले रहना पसंद करते हैं।
  • किसी स्थिति के बारे में फंसा हुआ या निराश महसूस करना, साथ ही लगातार मूड में बदलाव होना भी इस स्थति से जुड़ा हुआ है।
  • शराब या नशीली दवाओं का जरूरत से ज्यादा उपयोग करना शुरू कर देना।
  • इस स्थति में अक्सर व्यक्ति अपने ईटिंग या स्लीप पैटर्न के साथ दिनचर्या में भी बदलाव करने लगता है। इसके साथ ही जोखिम भरे काम करने की कोशिश करता है जैसे ड्रग्स का उपयोग करना या लापरवाही से गाड़ी चलाना आदि।
  • लोगों को ऐसे अलविदा कहना जैसे वो उनसे फिर कभी नहीं मिलेगा।

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दूसरो से सहानुभूति जरूर रखें . चित्र : शटरस्टॉक
जानिए आप कैसे उनकी मदद कर सकती हैं . चित्र : शटरस्टॉक

जानिए आप कैसे उनकी मदद कर सकती हैं (how to prevent suicidal behavior)

अगर किसी व्यक्ति कोे सुसाइड के विचारों से बाहर निकालना है, तो व्यक्ति का साथ बनाए रख कर और डॉक्टर की मदद से उसे इस समस्या से बाहर निकाला जा सकता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के अनुसार –

1. खुल कर बात करें

व्यक्ति से खुलकर बात करें कि क्या उनके मन में मरने के विचार आते हैं, रिसर्च के अनुसार ऐसा करने से खतरा कम होता है। क्योंकि व्यक्ति को अपनी गलती का अहसास होने लगता है।

2. अकेला न छोड़ें

ऐसी समस्या आने पर व्यक्ति को कभी अकेला नहीं रहने दें, साथ ही उसके पास कोई भी नुकीली या खतरनाक चीजें नहीं रहने दें।

3. बिना जज किए उन्हें समझने की कोशिश करें

व्यक्ति के लिए हर समय उपस्थित रहने की कोशिश करें, साथ ही उन्हें बिना जज किये उनकी बात समझने की कोशिश करें।

4. अन्य लोगों से भी बात करें

व्यक्ति को प्रेरित करें कि समस्या का हल ढूंढने के लिए हेल्पलाइन से मदद लेने की कोशिश करें और खुलकर अपनी समस्या बताए।

5. काउंसलिंग और थेरेपी

परेशानी बढ़ने पर व्यक्ति को काउंसलिंग और थेरेपी के जरिए मदद दिलवाने की कोशिश करें।

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लेखक के बारे में
ईशा गुप्ता
ईशा गुप्ता

यंग कंटेंट राइटर ईशा ब्यूटी, लाइफस्टाइल और फूड से जुड़े लेख लिखती हैं। ये काम करते हुए तनावमुक्त रहने का उनका अपना अंदाज है।

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