खाना बनाते समय सबसे बड़ा टास्क यह होता है कि क्या बनाया जाए। जो लोग खुद कुकिंग करते हैं, वे ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर तीनों वक्त इस सवाल का सामना करते हैं। पर उससे भी बड़ा सवाल यह है कि ऐसा क्या बनाया जाए जो टेस्टी के साथ-साथ हेल्दी भी हो। कुछ ऐसे व्यंजन हैं, जो हेल्दी तो हैं, पर उन्हें देखते ही सब मुंह बनाने लगते हैं। इसलिए आज हम हेल्थ शॉट्स पर आपके लिए लाए हैं ऐसे 5 हैक्स जो आपके हर रोज के साधारण खाने को सुपर हेल्दी (5 tips to make your daily food healthier) बना सकते हैं।
रेस्तरां में जब खाना खाने जाते हैं, तो कई वेरायटीज़ मिलती है। किसी को थाई पसंद है, किसी को चाइनीज़ पसंद है, तो कोई इटेलियन फूड खाना पसंद करता है। कुछ दिन तक लगातार बाहर का खाना खाने के बाद हमें घर का स्वाद याद आने लगता है, जो स्वाद और सेहत का एक ऐसा डबल तड़का है। इससे हमारा शरीर एक पीलर के सामन मज़बूती से खड़ा रहात है। बाहर का खाना खाने के बाद हम कई प्रकार की बीमारियों से घिर जाते हैं। वहीं घर का सादा खाना भी हमें हेल्दी बनाने का काम करता है। जानते हैं, कुछ ऐसे सरल बदलाव, जिससे आप अपने खाने को अपने हिसाब से और पौष्टिक और स्वादिष्ट बना सकते हैं।
साधारण अनाज से तैयार आटे को होल ग्रेन व्हीट से बदलने से शरीर में फाइबर की कमी को पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा इससे पाचन संबधी सूमस्याएं दूर हो जाती है। इसके अलावा हार्ट हेल्थ, स्ट्रोक और टाइप 2 डायबिटीज़ के खतरे से बचा जा सकता है। साथ ही शारीरिक अंगों में आने वाली सूजन भी दूर होने लगती है।
मील्स में नमक के इस्तेमाल को कम करें। इसके अलावा दाल और सब्जि में फलेवर एड करने के लिए नींबू का प्रयोग कर सकते हैं। डब्ल्यू एच ओ के मुताबिक नमक में साडियम की अधिक मात्रा होती है। जो ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण साबित होता है। ज्यादा मात्रा में नमक खाने से शरीर में कैथ्ल्शयम की कमी होने लगती है, जिसके चलते हड्डिया कमज़ोर हो जाती है। इसके लिए रूटीन में नमकीन नट्स या चिप्स का सेवन करने से बचें। इससे हृदय.रोग का खतरा बना रहता है।
इस बारे में कार्डियक पेसिंग और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी विभाग इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल नई दिल्ली की सीनियर कंसल्टेंटए डॉ विनिता अरोड़ा का कहना है कि तेल के ज्यादा इस्तेमाल से बचना चाहिए। हमें एक ही तरह के तेल को रोज़ाना इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। खाने का हेल्दी बनाने के लिए आलटरनेट डेंज़ में कुकिंग ऑयल्स को शफ्ल करके प्रयोग में लाना चाहिए।
उनका कहना है कि एक ही तेल प्रयोग करने से वो आर्टरीज़ को ब्लॉक करने का भी काम करती है। इसके चलते आप अपनी पसंद के हिसाब से सरसों का तेल, ऑलिव ऑयल और पीनट ऑयल का प्रयोग कर सकते हैं।
रिफाइंड शुगर को अन्य स्वीटनर्स से रिप्लेस कर सकते है। खीर, कस्टर्ड, शेक्स या कोई अन्य पुडिंग बनाने के लिए चीनी की जगह अपनी मील में गुड़, अंजीर और खजूर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे शरीर में डायबिटीज़ का खतरा कम होता है। साथ ही शरीर को जरूरी पोषक तत्वों की प्राप्ति भी होती है।
लंबे वक्त तक सब्जियों को गैस पर पकाने और उन्हें तलने से उसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। ऐसे में किसी भी सब्जि या पनीर को रोस्ट करके खाएं। इसके अलावा ड्राई फ्रूट्स और मखानों को भी रोस्ट करके खाने से इनका स्वाद बढ़ जाता है। साथ ही न्यूट्रिएंट्स सरंक्षित हो जाते हैं।
अधिकतर बच्चे पालक और चुकंदर खाने से कतराते हैं। ऐसे में बच्चों को हेल्दी डाइट देने के लिए बीटरूट और पालक के रस को निकालकर आटे को गूंथ लें। इससे इन सब्जियों के पोषक तत्व अपने आप आटे में सम्मिलित हो जाते हैं। इससे आटे के रंग में बदलाव आ जाता है। आप बच्चों के हिसाब से कभी लाल, तो कभी करे रंग की चपाती बनाकर खिला सकते हैं।
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