इस समय मानसिक तनाव, उदासियों और अवसाद की सबसे बड़ी वजह असफलता नहीं है। बल्कि वजह है कि हम असफलता को संभालना भूलने लगे हैं। अखबार की सुर्खियों से लेकर सोशल मीडिया की रील तक, सभी सफलता की कहानी कह रहे हैं। ऐसे में वे लाखों-करोड़ों लोग उदासी के अंधेरे में खो रहे हैं जो किसी भी वजह से सफल नहीं हो पाए। ये असफलता प्यार, रिश्ते, कॅरियर या किसी प्रतियोगिता में भी हो सकती है। पर जरूरी है इसे संभालने का शऊर सीखना। आइए जानते हैं कैसे करना है फेलियर (how to deal with failure) को हैंडल।
हम किसी भी कार्य की शुरुआत काफी उम्मीद के साथ करते हैं। जाहिर सी बात है सभी अपने काम मे सफल होना चाहते हैं। परंतु हर कोई हर कार्य मे सफल नहीं हो सकता। ऐसे में फेलियर यानी कि विफलता को हैंडल करना काफी मुश्किल हो जाता है। वहीं हर कोई फेलियर को हैंडल नहीं कर पाता। जिसकी वजह से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। कई बार लोग इतने हताश हो जाते हैं कि वे दोबारा जीवन में कुछ नया करने का प्रयास ही नहीं करते।
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खुद पर भरोसा रखना और शांत रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। तो आज हम आपके लिए लाए हैं, ऐसे ही 5 टिप्स जो फेलियर को डील करने में आपकी मदद करेंगे।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेलबोर्न द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार फेलियर कभी भी आपकी पर्सनालिटी को डिसाइड नहीं करता। विफलता सफलता की ओर आपका पहला कदम हो सकता है। जब हम प्रयास करते हैं तभी सफल या विफल होते हैं। यानि आपके अंदर प्रयास करने की क्षमता है और यही प्रयास यदि आप जारी रखती हैं, तो आपको एक न एक दिन सफलता जरूर प्राप्त होगी। इसलिए कभी भी अपनी असफलता को अपनी डेस्टिनी न समझें। यह मंजिल तक पहुंचने के रास्ते का एक छोटा सा हिस्सा है।
यदि आप कभी किसी कार्य में विफल हो जाती हैं, तो कई लोग आपका मजाक बना सकते हैं। ऐसे में सबसे जरुरी है खुद के साथ खड़ा रहना। अपनी भावनाओं को समझें और खुदके साथ खड़ी रहें।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेलबोर्न द्वारा की गयी स्टडी के अनुसार कई बार फेलियर को छिपाने के चक्कर में लोग अपने मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में सबसे जरुरी है की आप अपनी भावनाओं को समझें और चुप चाप से बैठे रहने की जगह इसे अपने दोस्त और परिवार के सदस्यों के साथ शेयर करें। कई बार अपनों से मिला मोटिवेशन विफलता के सफर को अधिक आसान बना देता है।
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यदि आप किसी कार्य में विफल हो गयी हैं, और इससे आपको अधिक निराशा महसूस हो रही है तो ऐसी स्थिति में अपने भविष्य के बारे में सोचें। आप सभी ने सुना होगा “खाली दिमाग सैतान का घर” ठीक उसी प्रकार विफलता के बाद यदि आप खली बैठी रहेंगी तो आपके दिमाग में सौ तरह की नकारत्मक बातें घूमती रहती है।
खुद को व्यस्त और दिमाग को सक्रिय रखने के लिए भविष्य की योजना पर काम करें साथ ही सोचें की सफलता प्राप्त करने के लीये आगे आपको क्या करने की जरुरत है। ऐसा करने से आपको शांत रहने में मदद मिलेगी साथ ही आपका दिमाग भी सकारात्मक रूप से काम करेगा।
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कस्टमाइज़ करेंयोग, एक्सरसाइज, मेडिटेशन, खुले वातावरण में टहलने जैसी गतिविधियां स्ट्रेस मैनेजमेंट में आपकी मदद करती हैं। ऐसे में इनका अभ्यास आपके ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है और और आपका हार्ट रेट भी नियंत्रित रहता है। आप चाहें तो स्ट्रेस मैनेज करने के लिए कुछ दिन की ट्रिप प्लान कर सकती हैं साथ ही किसी दोस्त से मिलने बाहर जा सकती हैं।
अक्सर लोग फेलियर के बाद स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, रफ़ ड्राइविंग जैसी गतिविधियां करना शुरू कर देते हैं। इस तरह की गतिविधियां फेलियर के स्ट्रेस को कम करने की जगह इसे बढ़ा देती हैं। वहीं इसकी लत लग सकती है, जो न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य बल्कि आपकी शारीरिक सेहत के लिए भी हानिकारक होती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेलबोर्न द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार हार्ट ब्रेक से लेकर विफलता के दर्द को कम करने के लिए ज्यादातर आवादी गलत आदतों की मदद ले रही है। जिसकी वजह से धीरे धीरे स्मोकिंग, ड्रग और अन्य नशीले पदार्थ लोगों को आसानी से अपना शिकार बना रहे हैं।
विफलता को सफलता में बदलने के लिए यह जानना सबसे ज्यादा जरूरी है, कि आखिर किन कमियों के कारण हम पिछले कार्य में विफल रहे थें। अपनी गलतियों का आकलन करें और इस पर कार्य करना शुरू करें, ताकि अगली बार जब आप कोशिश करें तो सफल होने की संभावना ज्यादा हो।
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