मुंह हमारे शरीर का वह हिस्सा होता है, जिसकी सेहत और स्वास्थ्य को आमतौर पर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं। यही कारण है कि कई लोग इस लापरवाही की वजह से मसूड़े की सूजन का सामना करते हैं। यह स्थिति खासी दर्दनाक हो सकती है। कभी-कभी तो मसूड़े की सूजन के कारण खाना-पीना तक मुहाल हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि इसका तुरंत उपचार किया जाए। यहां हम कुछ DIY हैक्स देने वाले हैं, जो घर पर ही आपको मसूड़ों की सूजन (how to treat swollen gums) से आराम दिला सकते हैं। पर इससे पहले जान लेते हैं मसूड़ों में सूजन का कारण।
मसूड़ों में सूजन आने पर वह हिस्सा न केवल गहरा लाल हो जाता है, बल्कि उसमें खून आना, मुंह से बदबू आना और दांत का ढीला होना जैसे लक्षण भी शामिल हो सकते हैं। हालांकि मसूड़े में सूजन को परिभाषित करने के लिए काेई फिक्स टर्म नहीं है। फिर भी मसूड़े के प्रभावित क्षेत्र और मसूड़े में सूजन की गंभीरता के आधार पर इसके प्रकार को समझा जा सकता है, जो कुछ इस तरह से है।
आंशिक सूजन – जब मसूड़े का त्रिकोणीय आकार का क्षेत्र जिसे पपिले (Papillae) कहा जाता है, में हल्की सूजन हो और सिर्फ एक ही दांत से जुड़ा हिस्सा प्रभावित हो, तो इसे आंशिक मसूड़े की सूजन कहा जाता है।
वृहद सूजन – जब एक से ज्यादा दांत से जुड़े पपिले (Papillae) क्षेत्र में सूजन हो, तो इसे वृहद मसूड़े की सूजन कहा जाता है।
विस्तृत सूजन – जब मसूड़े में पपिले क्षेत्र के साथ-साथ मार्जिनल भाग अर्थात बाहरी किनारे के छोर तक सूजन होती है, तो इसे विस्तृत मसूड़े की सूजन के रूप में भी देखा जाता है।
टूथपेस्ट या माउथवाश के प्रति ज्यादा संवेदनशीलता की वजह से।
जिंजिवाइटिस (बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होने वाली मसूड़ों से संबंधित एक बीमारी) की वजह से सूजन।
डेन्चर (नकली दांत) या मुंह से अन्य उपकरणों की खराब फिटिंग की वजह से।
स्कर्वी (विटामिन सी की कमी से होने वाला रोग) की वजह से।
वायरस या फंगस इन्फेक्शन की वजह से।
पोषण की कमी की वजह से।
गर्भावस्था की वजह से।
किसी दवा विशेष के दुष्परिणाम की वजह से।
दांतों या मसूड़ों में फंसे खाद्य अंश के कारण।
मसूड़े की सूजन का घरेलू उपचार करने के लिए नमक का पानी लाभकारी हो सकता है। असल में, मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नमक के पानी से कुल्ला एक प्रचलित और प्रभावी घरेलू उपचार माना जाता है, जिसे विशेषज्ञ भी मानते हैं। वहीं, मसूड़ों की सूजन से संबंधित नमक के पानी पर की गयी NCBI (National Center for Biotechnology Information) के एक रिसर्च में भी इस बात को माना गया है।
रिसर्च में जिक्र मिलता है कि यह मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी लाभदायक हो सकता है। इसके साथ ही, रिसर्च में यह भी जिक्र मिलता है कि यह ओरल वूंड हीलिंग को बढ़ावा देने का कार्य भी कर सकता है। इस वजह से यह मसूड़े में सूजन की परेशानी को कम करने में भी कुछ हद तक कारगर साबित हो सकता है। फिलहाल, इससे जुड़े सटीक प्रमाण के लिए और रिसर्च की जरूरत है।
कैसे इस्तेमाल करें- गुनगुने पानी में नमक डालकर इस पानी से कुल्ला करें।
अधिक लाभ के लिए इस प्रक्रिया को दिन में दो बार सुबह और रात को दोहरा सकते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, लौंग के तेल में बैक्टीरियल इन्फेक्शन को खत्म करने, सूजन को कम करने के साथ ही दर्दनिवारक गुण मौजूद होता है। इन गुणों की वजह से ही लौंग का तेल जिंजिवाइटिस (मसूड़ों में सूजन) की परेशानी से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि मसूड़े की सूजन के उपचार के तौर पर लौंग के तेल के फायदे लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं।
सूजे हुए मसूड़ों पर लौंग का तेल लगाएं और धीरे-धीरे मसाज करें।
इसके बाद इसे अपने मसूड़ों पर ऐसे ही लगा छोड़ दें।
मसूड़ों की सूजन और दर्द से राहत पाने के लिए लौंग के तेल को काली मिर्च के साथ भी प्रयोग कर सकते हैं।
और अधिक लाभ के लिए कुछ घंटों के अंतराल पर इस प्रक्रिया को दोहराया जा सकता है।
अदरक से भी मसूड़े की सूजन का उपचार किया जा सकता है। अदरक से संबंधित एक रिसर्च में इसके औषधीय गुणों का जिक्र किया गया है। इसमें माना गया कि अदरक में एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला), एंटीफंगल (फंगस इन्फेक्शन कम करने वाला) और एंटीमाइक्रोबियल (बैक्टीरिया नष्ट करने वाला) प्रभाव शामिल होते हैं। इसके साथ ही इस बात की पुष्टि की गई कि मौखिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में यह तीनों गुण संयुक्त रूप से सहायता कर सकते हैं।
अदरक अच्छे से साफ़ करके उसे पीस लें और उसमें नमक मिलाकर पेस्ट बना लें।
अब इस पेस्ट को सूजन वाले मसूड़ों पर रगड़ें और 10 से 12 मिनट के लिए छोड़ दें।
फिर बाद में सादा पानी से कुल्ला कर लें।
बबूल की छाल को भी मसूड़े की सूजन के उपचार के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है। जर्नल ऑफ फार्मेसी एंड बायोएलायड साइंसेज द्वारा की गयी एक रिसर्च में माना गया कि बबूल मसूड़ों की सूजन में कारगर साबित हो सकता है। रिसर्च में जिक्र मिलता है कि बबूल जिंजिवाइटिस को पैदा करने वाले ओरल पैथोजेन्स (बैक्टीरिया) खत्म करने में लाभदायक साबित हो सकता है।
बबूल की छाल को लगभग पांच से सात मिनट तक पानी में उबालें।
जब पानी ठंडा हो जाए तो इस पानी को माउथवॉश के तौर पर प्रयोग करें।
बेहतर लाभ के लिए इस पानी से दिन में तीन से चार बार तक कुल्ला किया जा सकता है।
मसूड़ों की सूजन में एलोवेरा जेल के फायदे भी लाभकारी साबित हो सकते हैं। असल में, इंडियन सोसाइटी ऑफ पीरियडोनटोलॉजी द्वारा किए गए एक शोध में एलोवेराजेल को मसूड़ों की सूजन पर कारगर माना गया है। रिसर्च में, माना गया कि एलोवेरा जेल में एंटीबैक्टीरियल (बैक्टीरिया नष्ट करने वाला) और एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन को कम करने वाला) प्रभाव मौजूद होता है।
यह दोनों प्रभाव संयुक्त रूप से जिंजिवाइटिस कम करने में सहायक हो सकते है।
एलोवेरा की पत्ती से जेल निकालकर मसूड़ों पर लगाएं।
जितनी देर हो सके इस जेल को मसूड़ों पर लगा रहने दें।
मसूड़ों में सूजन से राहत पाने के लिए आप एलोवेरा के जेल से गरारा भी कर सकते हैं।
अधिक बेहतर लाभ के लिए इस प्रक्रिया को दिन में दो बार दोहराया जा सकता है।
मौखिक स्वास्थ्य से संबंधित हल्दी पर की गयी एक रिसर्च से इस बात का प्रमाण मिलता है कि यह जिंजीवाइटिस में राहत पहुंचाने का काम कर सकती है। इस काम में हल्दी में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल (बैक्टीरिया नष्ट करने वाला) और एंटीइन्फ्लामेट्री (सूजन कम करने वाला) प्रभाव मुख्य भूमिका निभाते हैं।
सभी सामग्री मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बना लें और इसे मसूड़ों पर लगाएं।
इसे 10-12 मिनट तक लगा रहने दें।
फिर बाद में सादा पानी से कुल्ला कर लें।
इस प्रक्रिया को सप्ताह में लगभग दो बार दोहराया जा सकता है।
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