मोटापा एक बेहद कॉमन प्रॉब्लम बन चुका है। जिसकी वजह से बहुत से लोग वेट लॉस डाइट फॉलो कर रहे हैं। ज्यादातर लोग वेट मैनेजमेंट में अपने खान-पान को पूरी तरह से नियंत्रित कर लेते हैं, क्योंकि डाइटिंग के दौरान कैलोरी पर नियंत्रण पाने की सलाह दी जाती है। जिसकी वजह से कई बार शरीर में कैलोरी की कमी हो जाती है, जिसे हम “कैलोरी डेफिसिट” कहते हैं। जिस प्रकार कैलोरी का अधिक सेवन वजन बढ़ाने का कारण बन जाता है, ठीक उसी प्रकार कैलोरी की कमी शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए डाइटिंग के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें, ताकि बॉडी में कैलोरी की कमी न हो।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल गुरुग्राम की हेड और चीफ डायटीशियन परमीत कौर ने कैलोरी डेफिसिट को मैनेज करने के कुछ हेल्दी टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं, बॉडी में कैलोरी की मात्रा को किस तरह संतुलित रखा जा सकता है (how to manage a calorie deficit)।
सबसे पहले समझते हैं कि कैलोरी की कमी वास्तव में क्या है। कैलोरी की कमी तब होती है जब आप अपनी बॉडी वेट मेंटेन रखने के लिए आवश्यक कैलोरी से कम कैलोरी का सेवन करती हैं। इसका मतलब है, आप जितनी कैलोरी बर्न करती हैं, उससे कम कैलोरी का सेवन करती हैं। कम कैलोरी का सेवन करने से, आपका शरीर एनर्जी के लिए स्टोर फैट का उपयोग करना शुरू कर देता है, जिससे आपका वजन कम होना शुरू हो जाता है।
वैकल्पिक रूप से आप अतिरिक्त कैलोरी जलाने के लिए अपनी शारीरिक गतिविधि बढ़ाने पर विचार कर सकती हैं। कैलोरी की कमी और एक दिन में आवश्यक कैलोरी की मात्रा व्यक्ति के शारीरिक, बनावट, वजन और जरूरतों पर निर्भर करती है।
यदि आप एक हेल्दी वेट मैनेज करने के लिए कम मात्रा में कैलोरी लेते हुए कैलोरी डेफिसिट से बचना चाहती हैं, तो सबसे जरूरी है कैलोरी काउंट पर ध्यान देना। आप क्या खा रही हैं और क्या नहीं, इस पर ध्यान दें और देखें कि आपकी बॉडी कितनी कैलोरी ले रही है। खाते वक्त तनाव को कम करने के लिए आप पहले से अपना मील प्लान कर सकती हैं। इस प्रकार आप अपनी कैलोरी काउंट को मैनेज कर सकती हैं।
प्रोटीन आपको लंबे समय तक संतुष्ट रखता है, जिससे आपकी भूख नियंत्रित रहती है और कैलोरी का सेवन भी सीमित रहता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन की माने तो डाइट में प्रयाप्त प्रोटीन लेने से आपको पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है।
पूरे दिन में 5-6 छोटे-छोटे मील लेने का प्रयास करें। यह न केवल भोजन को मेटाबॉलिक करता है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा कैलोरी को बर्न करने में भी आपकी मदद करता है। भोजन का एक निश्चित अंतराल घ्रेलिन के स्राव को रोकता है। घ्रेलिन एक ऐसी हार्मोन है, जो हाई फैट और उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों के क्रिविंग्स को ट्रिगर करती है।
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सही समय पर भोजन करने से अधिक संतुष्टि महसूस होती है, साथ ही हाई कैलोरी फूड की क्रिविंग्स भी कम हो जाती है। आप अपने डाइट पर नज़र रखने के लिए एक चार्ट तैयार कर सकती हैं, इसके अलावा आजकल मोबाइल फोन पर कई ऐसे ऐप उपलब्ध हैं, जो खाने का समय और अंतराल बताने में आपकी मदद कर सकते हैं।
जब कैलोरी की कमी को पूरा करने की बात आती है, तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीना सबसे कारगर उपाय है! पर्याप्त पानी पीने से स्ट्रेच-रिफ्लेक्स शुरू हो सकता है, जो मस्तिष्क को पेट भरा होने का संकेत देता है और आपकी भूख को नियंत्रित रखता है। यदि आप अक्सर चीनी युक्त मीठे पेय पदार्थों का सेवन करती हैं, तो इसकी जगह पानी पीने की आदत डालें।
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कस्टमाइज़ करेंसुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त पानी पी रही हैं, लेकिन पाचन संबंधी व्यवधान को रोकने के लिए भोजन के समय बहुत अधिक पानी पीने से बचें। विशेषज्ञ भोजन से 30 मिनट पहले और बाद में पानी पीने का सुझाव देते हैं, ताकि आपका शरीर आपके भोजन से पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित कर सके।
अब आप सोच रही होंगी की कैलोरी की कमी को पूरा करने के लिए आखिर एक्सरसाइज क्यों करनी है, क्योंकि आम तौर पर कैलोरी बर्न करने के लिए एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है। जब आप एक्सरसाइज करती हैं, तो शरीर में ऊर्जा शक्ति को बनाए रखने के लिए बॉडी पहले से स्टोर फैट को रिलीज करती है। इस प्रकार नियमित रूप से एक्सरसाइज करने से बॉडी एक्स्ट्रा कैलोरी बर्न करती है, परंतु मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है। जिसकी वजह से कैलोरी मेंटेन रखने में मदद मिलती है।
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