अपनी फील्ड का एक्सपर्ट होने के साथ आपका व्यवहार कुशल होना भी बहुत जरूरी है। ऑफिस एक ऐसी जगह है, जहां कई मिजाज के लोग एक साथ काम करते हैं। इनके बेहतर समन्वय और तनाव से बचकर ही परफॉर्मेंस में सुधार किया जा सकता है। जबकि यहां गॉसिपिंग, दूसरों को नाकारा साबित करना या खुद को सर्वश्रेष्ठ घोषित करने जैसी बातें भी बहुत आम हैं। असल में इसे ही ऑफिस पॉलिटिक्स कहते हैं। इससे वर्क प्लेस का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, यह आपके मानसिक स्वास्थ्य और प्रोडक्टिविटी को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप इससे बचने के गुर भी जानती हाें। यहां हम ऐसे टिप्स साझा कर रहे हैं, जो ऑफिस पॉलीटिक्स (how to avoid office politics) से बचने में आपकी मदद करेंगे।
वर्ष 2014 में रिसर्चगेट में ऑफिस पॉलिटिक्स पर एक स्टडी प्रकाशित हुई। इसे क्वांटम स्कूल ऑफ़ बिजनेस की स्वाति शर्मा और दून यूनिवर्सिटी के ओमवीर गौतम ने लिखा है।
लेखकों के अनुसार दुनिया भर के कॉर्पोरेट कार्यालय में कर्मचारियों द्वारा कभी-कभी उत्कृष्ट प्रदर्शन करने और अधिकांश समय दूसरों के प्रदर्शन को नीचा दिखाने के लिए राजनीति खेली जाती है। प्रबंधन के अथक प्रयासों के बावजूद यह समस्या लाइलाज है। इसके निष्कर्ष में कई विषयों पर प्रकाश डालने के अलावा इसे नियंत्रित करने के तकनीकों के बारे में भी बताता है। साथ ही इस बात पर भी जोर दिया गया है कि व्यक्ति खुद भी प्रयास कर ऑफिस पॉलिटिक्स से छुटकारा पा सकता है।
कही-सुनी बातों पर ध्यान देने की बजाय आप अपनी ड्यूटी पर ध्यान दें। अपने काम पर ध्यान दें और अपने दिए गये टास्क को डेडलाइन पर पूरा करने की कोशिश करें। ऑफिस मैनेजर भी यह ध्यान दें कि ड्यूटी वर्क सभी में बराबर रूप से बंटा हो। किसी को कम या ज्यादा काम नहीं करना पड़े।
ऑफिस पॉलिटिक्स में भाग लेने वाले लोगों को अपनी ड्यूटी के कारण इस काम के लिए समय नहीं मिलेगा और दूसरे लोगों को तंग भी नहीं कर पायेंगे।
दूसरों की कही-सुनी बात पर ध्यान देने की कोशिश नहीं करें। जब तक आपके पास सही जानकारी नहीं हो, दूसरों की बात पर भड़कें नहीं। इससे आपका ही नुकसान होगा। विश्वासी लोगों का भरोसा आपसे उठ सकता है।
ऐसे लोगों को जानने और पहचानने की कोशिश करें, जो पीठे पीछे बुराई करते हैं। ऐसे लोग बहुत खतरनाक होते हैं, जो सामने अच्छी बात करते हैं और पीछे बुराई करते हैं।
ऑफिस में होने वाले किसी भी गॉसिप में खुद शामिल नहीं हों। न किसी प्रकार की शिकायत करें और नहीं किसी की शिकायत सुनें।
इससे बात बढ़ जाती है और वर्क के कारण मिलने वाली ख़ुशी और उत्साह ठंडा हो जाता है।
यदि बात बहुत बढ़ गई है, तो खुद निपटाने की बजाय बॉस को अपनी बात कहें। यदि आपको लगता है कि आपकी बात सही है, तो उसे सही तर्क के साथ प्रस्तुत करें।
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