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Flaxseed in diabetes : डायबिटीज कंट्रोल करने में मददगार हैं अलसी के बीज, जानिए इन्हें डाइट में शामिल करने के 5 हेल्दी और टेस्टी तरीके 

मधुमेह रोगियों के लिए ब्लड शुगर मेंटेन करना एक चुनौती हो सकता है। पर अलसी के बीज इसे कंंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकते हैं। तो बिना देर किए जान लीजिए इन्हें आहार में शामिल करने का सही तरीका। 
अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड, अल्फा लिनोलेनिक एसिड, लिग्नान सेकोइसोलारिसिनॉल, डिग्लुकोसाइड और फाइबर  समृद्ध स्रोत है। चित्र : एडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:03 am IST
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अलसी (Flax seeds) सुपरफ़ूड है। इसमें मौजूद पोषक तत्व कई बीमारियों से बचाव करते हैं। यह मेटाबोलिज्म रेट को बढ़ाने में मदद करता है। इसके कारण ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल होता है। इन दिनों ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level) बढ़ने की समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है।इसके कारण दूसरी शारीरिक समस्याएं भी हो जाती हैं। इसलिए ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए अलसी (Flaxseeds) को रोजाना की डाइट में (flaxseed to control blood sugar) शामिल करना चाहिए। पर सवाल यह उठता है कि अलसी को डाइट में (how to eat flaxseed to lower blood sugar level) किस तरह जोड़ा जाए। आइये पहले जानते हैं अलसी के फायदों को।

कई रोगों से बचाव करती है अलसी (Flaxseed Health Benefits)

न्यूट्रीएंट जर्नल में शामिल शोध आलेख में अलसी के गुणों के बारे में विस्तार से बताया गया है। कनाडा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता मिहिर पारिख, जी. मैडाफोर्ड और जे एलेजांद्रो ने अलसी के पोषक तत्वों पर अध्ययन किया। इसके अनुसार, अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड, अल्फा लिनोलेनिक एसिड, लिग्नान सेकोइसोलारिसिनॉल, डिग्लुकोसाइड और फाइबर  समृद्ध स्रोत है। ये कम्पाउंड एंटी इन्फ्लेमेट्री, एंटी-ऑक्सीडेटिव और लिपिड मॉड्यूलेटिंग गुणों वाले होते हैं। इसके कारण मेटाबोलिज्म सक्रिय होते हैं। इसके बायोएक्टिव घटक रोगों से बचाव कर शरीर को स्वस्थ बनाते हैं।

 लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low Glycemic Index)

यह विभिन्न प्रकार के हृदय रोगों, कैंसर, गैस्ट्रो-इन्टेस्टिनल और ब्रेन डेवलपमेंट और मेनोपॉज (Menopause) महिलाओं की हार्मोनल स्थिति में अलसी लाभ पहुंचाती है। अलसी के मुख्य बायोएक्टिव कंपाउंड में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (ALA), लिग्नन्स और हाई फाइबर होते हैं। इनके कारण अलसी को लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला भोजन माना जाता है। इसलिए इसका सेवन करने से रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि नहीं होती है।

डायबिटीज के मरीज किन रूपों में कर सकते हैं अलसी (how to add flaxseed to lower blood sugar level) का सेवन  

शोधकर्ता बताते हैं कि अलसी को चार सामान्य रूपों में उपयोग किया जा सकता है। डायबिटीज के मरीज साबुत अलसी, पिसा हुआ अलसी, अलसी का तेल और आंशिक रूप से वसारहित अलसी से तैयार फ़ूड को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इन दिनों फ्लेक्स सीड्स मिल्क का चलन भी तेज़ी से बढ़ा है। बादाम दूध की तरह अलसी का दूध भी प्लांट बेस्ड फ़ूड है।

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के जर्नल के अनुसार, टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों पर लगातार  1 महीने तक अलसी के प्रभाव का अध्ययन किया गया। यह पाया गया कि प्रति दिन 10 ग्राम अलसी के पाउडर का सेवन करने से फास्टिंग ब्लड शुगर में 19.7% की कमी आई।

कितनी मात्रा में करें सेवन (Flaxseed amount)

यदि डायबिटीज के मरीज प्रतिदिन 1 -2 टेबल स्पून अलसी या अलसी के तेल का सेवन करते हैं, तो यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करेगा। यह रक्त शर्करा के स्तर (Blood Sugar Level) को कम करेगा। साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम कर डायबिटीज और दिल की बीमारियों से भी बचाव करता है। अपने लिए उपयुक्त मात्रा लेने से पहले डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।

कैसे शामिल करें अलसी को डाइट में (how to add flaxseed to lower blood sugar level)

1 बनाएं अलसी का सलाद (Flax seeds Salad) 

1-2 टेबल स्पून अलसी के बीज को रात भर पानी में भिगो दें। पानी छानकर बीजों को पत्ता गोभी, प्याज टमाटर, काली मिर्च, नमक से तैयार सलाद में अलसी को मिक्स कर खाएं।

2 रोटी में मिलाएं फ्लैक्ससीड्स 

अलसी को बिना तेल के हल्का भून लें। इसे बारीक पीस लें। इसे गेंहूं, जौ, चना के आटे के साथ मिक्स कर पानी के साथ गूंद लें। चाहें तो इसमें एक टेबल स्पून दही एड कर लें। रोटियां नर्म बनेंगी।

3 बना सकती हैं अलसी का रायता (Flax seeds Raita)

अलसी को बिना तेल के हल्का भून लें। इसे बारीक पीस लें। काली मिर्च पाउडर, काला नमक और अलसी पाउडर मिक्स कर रायता बना लें।

दही के साथ मिलाकर रायता बनाया जा सकता है। इससे दोगुना फायदा मिलेगा। चित्र : शटर स्टॉक

ये अलसी को अपनी डाइट में शामिल करने का सबसे टेस्टी तरीका है। साथ ही अलसी का रायता खाने से आपको कब्ज जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा।

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4 इस तरह बनाएं अलसी का दूध (Flaxseed Milk) 

1-2 टेबल स्पून अलसी के बीज को रात भर पानी में भिगो दें। पानी छानकर अलसी का पेस्ट तैयार कर लें। इसमें फ़िल्टर्ड पानी एड कर अलसी के दूध का सेवन करें। इसमें मौजूद एएलए कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ने देगा। यह सोया, नट्स और ग्लूटेन से एलर्जी वाले लोगों के लिए उपयुक्त है। यह बादाम दूध से अधिक हेल्दी है।

5 पूरा परिवार खा सकता है अलसी के लड्डू (Flaxseed Laddu)    

अकसर नई माताओं को अलसी के लड्डू खिलाए जाते हैं। इससे उन्हें प्रसव के बाद रिकवरी और स्तनों में दूध बढ़ाने में मदद मिलती है। फ्लैक्ससीड्स के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले अलसी को बिना तेल के हल्का भून लें। आधे को बारीक पीस लें। आधे को साबुत रहने दें।

फ्लैक्ससीड्स के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले अलसी को बिना तेल के हल्का भून लें। चित्र: शटरस्टॉक

बारीक कटे काजू, बादाम, पिस्ता को भून लें। 2 टेबल स्पून खजूर का बीज निकाल कर पीस लें। इसमें सभी सामग्री को मिक्स कर लड्डू तैयार कर लें। खजूर के कारण चीनी देने की जरूरत नहीं है।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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