यदि आपका बच्चा जिद्दी है, तो आप इसमें अकेली नहीं हैं, कई ऐसे बच्चे हैं जो जरूरत से ज्यादा चिड़चिड़े और जिद्दी होते हैं। अक्सर मां-बाप जिद्दी बच्चे की हरकतों को लेकर काफी परेशान हो जाते हैं और उनके साथ शक्ति बरतना शुरू कर देते हैं। बच्चों को डांटना, मारना, फटकारना यह सब अपनी जगह है। ऐसा करने से बच्चे बेहतर होने की जगह और ज्यादा प्रभावित होते हैं।
हालांकि, जिद्दी बच्चों को डील करना इतना भी मुश्किल नहीं है। आपको केवल कुछ बातों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, ऐसा करने से आपको समय के साथ अपने बच्चे में सुधार देखने को मिलेगा।
हेल्थशॉट्स ने इस विषय पर गुरुग्राम हॉस्पिटल की सीनियर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, डॉ. आरती आनंद से बातचीत की। उन्होंने जिद्दी बच्चों को डील करने के कई महत्वपूर्ण टिप्स सुझाए हैं, तो आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से (how to handle stubborn child)।
जिद्दी बच्चे हमेशा बहस का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए, उन्हें वह अवसर न दें। बच्चे को जो कुछ भी कहना है उसे सुनें और उसे तर्क के बजाय बातचीत में बदल दें। जब उन्हें यह दिखता है कि आप उनके पक्ष को सुनने के लिए तैयार हैं, तो बच्चे भी आपकी बात को सुनते और समझते हैं। हमेशा बच्चों को यह एहसास करवाना जरूरी है कि वे आपसे हर तरह की बात कर सकते हैं।
यदि आपका बच्चा जिद्दी है तो उन्हें ऐसा कुछ करने के लिए मजबूर न करें जो वह नहीं करना चाहते हैं। यह केवल उन्हें और ज्यादा उकसाता है और वे ठीक आपके विपरीत कार्य करते हैं। इसलिए, यदि आप चाहते हैं कि आपका बच्चा टेलीविजन देखना बंद कर दे और इसके बजाय होमवर्क करे, तो उसके साथ कुछ देर टीवी देखने की कोशिश करें।
फिर थोड़ी देर के बाद, अपने बच्चे से होमवर्क करने को कहें। यदि आप भी उनके साथ जिद्द दिखाएंगी तो ऐसे में बच्चों को कंट्रोल करना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
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एक जिद्दी बच्चे के सामने यदि आप अपनी बात को सीधे रखने की कोशिश करेंगी तो हो सकता है वे आपकी बात को तवज्जो न दें। इसके बजाय, उनके सामने हेल्दी विकल्प रखें। क्योंकि इससे उन्हें ऐसा महसूस होता है कि उनका अपने जीवन पर नियंत्रण है और वे स्वतंत्र रूप से यह तय कर सकते हैं की वे क्या करना चाहते हैं।
बच्चे भ्रमित न हो जाएं इसके लिए विकल्पों को सीमित रखें और केवल दो या तीन विकल्प पेश करें। उदाहरण के लिए, यदि उन्हें अपने कमरे की सफाई करनी है, तो उनसे पूछें कि वे पहले बेड साफ करेंगे या बुक सेल्फ सीधा आर्डर न दें कि जाओ अपना कमरा साफ करो।
जिद्दी बच्चे जब कुछ मांगते हैं और आप सीधे इंकार करती हैं तो इस बात वो एक्सेप्ट नहीं कर पाते हैं और मना की गई चीज के लिए अधिक जिद्द करते हैं। इसलिए, घर मे कानून बनाने के बजाय उनसे बातचीत करने की कोशिश करें।
उदाहरण के लिए, यदि आपका बच्चा सोते वक्त 2 कहानियों को सुनने की जिद्द करता है तो, उनसे बातचीत करें अपनी बात को उनपर थोपने की जगह उनसे कहें कि आज रात के लिए एक कहानी और कल के लिए एक कहानी चुने।
हर दिन की दिनचर्या के साथ-साथ साप्ताहिक दिनचर्या तय करना भी बहुत जरूरी है। यह आपके बच्चे के व्यवहार के साथ-साथ स्कूल में प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। सोने का समय तय करें और यदि बच्चा उस वक़्त नहीं सो रहा तो उनके साथ किछ देर लेट जाएं ताकि उन्हें ये न लगे कि नियम केवल उनके लिए ही है।
नींद पूरा होना बेहद जरूरी है। नींद की कमी और थके होने के कारण तीन से बारह वर्ष की आयु के बच्चों में व्यवहार संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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