सिडेंटरी लाइफस्टाइल और बढ़ते स्क्रीन टाइम ने कई बीमारियों को दस्तक दी है। इसमें टेंशन यानी तनाव मौजूदा समय में सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इसके कारण लोगों में टेंशन हेडेक की शिकायत बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया की 70% से ज्यादा आबादी को टेंशन हेडेक (Tension Headache) की समस्या है। इसका मतलब है कि अगर घर में 5 लोग रहते हैं तो 3-4 लोग इस परेशानी का सामना कर रहे हैं।
इसलिए आज हम टेंशन हेडेक के बारे में बात करेंगे। जानेंगे कि इसके लक्षण क्या हैं और इसका इलाज या बचाव के उपाय क्या हो सकते हैं।
टेंशन हेडेक दो तरह का होता है, पहला कभी-कभार होने वाला और दूसरा लगाता होने वाला सिर दर्द। हॉर्वर्ड हेल्थ के शोध के अनुसार इन दोनों का ही मूल कारण तनाव है। जब आप थोड़ी देर के लिए तनाव में होते हैं, तो आपकाे अस्थायी टेंशन हेडेक हो सकता है। मगर जब यही तनाव आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है , तब आपको लगातार टेंशन हेडेक का सामना करना पड़ता है।
यह दूसरा कारण असल में पहले कारण का मूल है। डॉ विनीत बंगा कहते हैं, “ऐसी स्थितियों में जब आपको अपनी क्षमता से अधिक काम करना पड़ता है, या आप अपेक्षा को पूरा नहीं कर पाते हैं, तब आप टेंशन हेडेक के शिकार हो जाते हैं। भारतीय महिलाएं फिर चाहें वे होममेकर हों या वर्किंग वीमेन, वे सभी तनाव में रहती हैं।
समाज ने उनके लिए कुछ ऐसे अनरियलिस्टिक गोल सेट कर दिए हैं, जिन्हें पूरा कर पाना किसी के भी वश की बात नहीं है। यह भी कंडीशनिंग का ही परिणाम है कि वे सिर पर पट्टी बांधकर या दर्द निवारक दवाएं खाकर काम करती रहती हैं।”
सिर दर्द एक सबसे कॉमन समस्या है, जिसका सामना आपको श्वसन संबंधी समस्याएं होने पर करना पड़ता है। सर्दी, जुकाम, बुखार या किसी तरह का वायरल इंफेक्शन होने पर आपको बुखार से भी पहले सिरदर्द हो सकता है।
हमारी आंखें बहुत नाजुक होती हैं। मगर काम, मनोरंजन और रिलैक्सेशन की सारी जिम्मेदारी हमने इन पर डाल दी है। बिना इस बात की परवाह किए कि आंखें भी तनाव और थकान महसूस करती हैं। जब आप अपनी आंखों पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं, तब भी आपको तनाव और उससे होने वाले सिरदर्द का सामना करना पड़ सकता है।
यह सुनने में अजीब लग सकता है, पर यह सच है। जब भी आपकाे दांत या मसूड़ों से संबंधित कोई परेशानी होती है, तो मुंह और जबड़े के साथ-साथ सिर में भी दर्द होने लगता है। कई बार यह दर्द बहुत कन्फ्युजिंग होता है और आप समझ ही नहीं पाते कि यह कान में हो रहा है या सिर में हो रहा है।
हर स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कुछ कारण जिम्मेदार होते हैं। कुछ खास तरह की परिस्थितियां, खानपान और जीवनशैली तनाव से होने वाले सिरदर्द को ट्रिगर कर सकती हैं। ऐसे ही कुछ वजह हैं जो टेंशन हेडेक को ट्रिगर कर सकती है –
ऊपर दिए इन सभी कारणों से तनाव बढ़ता है और इसके कारण हेडेक की समस्या हो जाती है। तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द से बचने के लिए आपको उपरोक्त ट्रिगर पाॅइंट्स से बचना होगा। यह सबसे प्रभावी समाधान है। पर हम समझ सकते हैं कि यह किसी के लिए भी सरल नहीं होगा। इसलिए आपको टेंशन हेडेक से निपटने के तरीके भी मालूम होने चाहिए।
यह सबसे प्रभावी तरीका है कि आप उन कारणों को जानें, जो टेंशन हेडेक को ट्रिगर करते हैं। उनसे बचना सबसे सफल तरीका है जो आपको इस समस्या से बचा सकता है।
डिहाइड्रेशन या शरीर में पानी की कमी के कारण भी सिर दर्द हो सकता है। यह समस्या सिर्फ गर्म मौसम में ही नहीं, बल्कि सर्दियों में भी हो सकती है। जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं। वे लोग जो दिन भर एयरकंडीशनर के सामने रहते हैं,उन्हें भी डिहाइड्रेशन के कारण किसी भी तरह के सिर दर्द का सामना ज्यादा बार करना पड़ सकता है।
फॉर्टिस हॉस्पिटल, फरीदाबाद के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. विनीत बंगा सुझाव देते हैं कि कोई भी ऐसी एक्टिविटी जो आपको रिलैक्स करती है, टेंशन हेडेक से बचा सकती है। फिर चाहें वह आधे घंटे की नैप लेना हो या अपनी पसंद का संगीत सुनना। कुछ लोग डांस या जुंबा करके रिलैक्स महसूस करते हैं। यह भी आपको तनाव से बचा सकता है।
योग और प्राणायाम भी तनाव और तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द से बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं। खासताैर से ब्रीदिंग एक्सरसाइज। जब आप गहरी सांस लेते हैं, तो श्वास के माध्यम से आपके मस्तिष्क को ऑक्सीजन सप्लाई होती है। यह मस्तिष्क की नसों को शांत करती है और तनाव और दर्द में कमी का महसूस करते हैं।
अगर तनाव के कारण सिर में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, तो आइस पैक रखना एक त्वरित उपचार हो सकता है। मगर ध्यान रखें कि धूप में बाहर से लौटते ही यह न करें। वरना यह सिरदर्द का कारण बन सकता है। आइस पैक का इस्तेमाल तभी करें, जब आप कमरे के तापमान के साथ अपने आप को कम्फर्टेबल महसूस कर रहे हों।
हर मर्ज का इलाज खुद करने लगना या उसे गूगल पर ढूंढना आपकी समस्या को और बिगाड़ सकता है। डॉ विनीत बंगा कहते हैं, अगर आपको बहुत जल्दी-जल्दी या लगातार टेंशन हेडेक महसूस हो रहा है और इससे आपका डेली रुटीन प्रभावित हो रहा है, तो यह जरूरी है कि आप अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर या विशेषज्ञ से बात करें। सिर दर्द और बहुत सारी समस्याओं का एक कॉमन लक्षण है। इसलिए इसे इग्नोर करना कभी-कभी खतरनाक हो सकता है।
कभी-कभी नींद पूरी न होने पर भी हेडेक ट्रिगर हो सकता है। इसलिए रोज कम-से-कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। कई बार ज्यादा सोने से भी यह समस्या हो सकती है। इसलिए बहुत अधिक सोने से भी बचना चाहिए।
कई बार टेंशन हेडेक इतना बढ़ जाता है कि इससे हमारी डेली लाइफ एक्टिविटीज प्रभावित होने लगती हैं। ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी होता है। अगर इस तरह की समस्याएं हो रही हैं तो डॉक्टर से मिलें:
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