Tension Headache : वर्किंग और होममेकर, सभी महिलाओं में कॉमन है तनाव सिरदर्द, इस तरह करें इसे कंट्रोल

तनाव से होने वाला सिरदर्द जिसे मेडिकल टर्म में टेंशन हेडेक कहा जाता है, एक सामान्य सी लगने वाली समस्या है। मगर इसके पीड़ितों की संख्या इतनी अधिक है कि हर पांच में से चार व्यक्ति इससे ग्रस्त हैं। फिर चाहें वे युवा हों या बुजुर्ग। यहां इसके बचाव और उपचार के तरीके पर बात कर रहे हैं।
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जब परिस्थितियों से सामंजस्य नहीं बैठा पाती तो भावनात्मक दबाव और उससे सिरदर्द का सामना करने लगती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
Updated On: 7 Oct 2024, 03:42 pm IST
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डॉ विनीत बंगा
मेडिकली रिव्यूड

अंदर क्या है

  • टेंशन हेडेक क्या है
  • क्यों होता है टेंशन हेडेक
  • टेंशन हेडेक के ट्रिगर पॉइंट्स
  • टेंशन हेडेक से कैसे निपटें

सिडेंटरी लाइफस्टाइल और बढ़ते स्क्रीन टाइम ने कई बीमारियों को दस्तक दी है। इसमें टेंशन यानी तनाव मौजूदा समय में सबसे बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इसके कारण लोगों में टेंशन हेडेक की शिकायत बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया की 70% से ज्यादा आबादी को टेंशन हेडेक (Tension Headache) की समस्या है। इसका मतलब है कि अगर घर में 5 लोग रहते हैं तो 3-4 लोग इस परेशानी का सामना कर रहे हैं।

इसलिए आज हम टेंशन हेडेक के बारे में बात करेंगे। जानेंगे कि इसके लक्षण क्या हैं और इसका इलाज या बचाव के उपाय क्या हो सकते हैं।

पहचानिए टेंशन हेडेक के लक्षण (How tension headache occur)

  1. सिर के दोनों ओर दर्द होना
  2. हल्का दर्द, जो सिर के चारों ओर एक पट्टी जैसा महसूस होता है
  3. गर्दन या सिर के पिछले हिस्से में दर्द होना
  4. ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल होना
  5. चिड़चिड़ापन या थकान
  6. फिजिकल एक्टिविटी से दर्द बढ़ता नहीं है

क्या हैं टेंशन हेडेक के सबसे आम कारण (Causes of Tension Headache)

1 लगातार तनाव में रहना  (Chronic stress)

टेंशन हेडेक दो तरह का होता है, पहला कभी-कभार होने वाला और दूसरा लगाता होने वाला सिर दर्द। हॉर्वर्ड हेल्थ के शोध के अनुसार इन दोनों का ही मूल कारण तनाव है। जब आप थोड़ी देर के लिए तनाव में होते हैं, तो आपकाे अस्थायी टेंशन हेडेक हो सकता है। मगर जब यही तनाव आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाता है , तब आपको लगातार टेंशन हेडेक का सामना करना पड़ता है।

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क्षमता से अधिक काम का बोझ होने पर भी आप टेंशन हेडेक की शिकार हो सकती हैं। चित्र : अडोबीस्टॉक

2 काम का अतिरिक्त बोझ (Overburden)

यह दूसरा कारण असल में पहले कारण का मूल है। डॉ विनीत बंगा कहते हैं, “ऐसी स्थितियों में जब आपको अपनी क्षमता से अधिक काम करना पड़ता है, या आप अपेक्षा को पूरा नहीं कर पाते हैं, तब आप टेंशन हेडेक के शिकार हो जाते हैं। भारतीय महिलाएं फिर चाहें वे होममेकर हों या वर्किंग वीमेन, वे सभी तनाव में रहती हैं।

समाज ने उनके लिए कुछ ऐसे अनरियलिस्टिक गोल सेट कर दिए हैं, जिन्हें पूरा कर पाना किसी के भी वश की बात नहीं है। यह भी कंडीशनिंग का ही परिणाम है कि वे सिर पर पट्टी बांधकर या दर्द निवारक दवाएं खाकर काम करती रहती हैं।”

3 सर्दी-जुकाम या अन्य श्वसन संबंधी समस्या (Cold, flu and other respiratory issues)

सिर दर्द एक सबसे कॉमन समस्या है, जिसका सामना आपको श्वसन संबंधी समस्याएं होने पर करना पड़ता है। सर्दी, जुकाम, बुखार या किसी तरह का वायरल इंफेक्शन होने पर आपको बुखार से भी पहले सिरदर्द हो सकता है।

4 आंखों में  होने वाला तनाव (Eye strain) 

हमारी आंखें बहुत नाजुक होती हैं। मगर काम, मनोरंजन और रिलैक्सेशन की सारी जिम्मेदारी हमने इन पर डाल दी है। बिना इस बात की परवाह किए कि आंखें भी तनाव और थकान महसूस करती हैं। जब आप अपनी आंखों पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं, तब भी आपको तनाव और उससे  होने वाले सिरदर्द का सामना करना पड़ सकता है।

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5 दांत या मसूड़ों में होने वाली परेशानी (Dental health issues)

यह सुनने में अजीब लग सकता है, पर यह सच है। जब भी आपकाे दांत या मसूड़ों से संबंधित कोई परेशानी होती है, तो मुंह और जबड़े के साथ-साथ सिर में भी दर्द होने लगता है। कई बार यह दर्द बहुत कन्फ्युजिंग होता है और आप समझ ही नहीं पाते कि यह कान में हो रहा है या सिर में हो रहा है।

क्या हैं टेंशन हेडेक के ट्रिगर पॉइंट्स 

हर स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कुछ कारण जिम्मेदार होते हैं। कुछ खास तरह की परिस्थितियां, खानपान और जीवनशैली तनाव से होने वाले सिरदर्द को ट्रिगर कर सकती हैं। ऐसे ही कुछ वजह हैं जो टेंशन हेडेक को ट्रिगर कर सकती है –

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सर्दी खांसी से भी आपको सिरदर्द हो सकता है। चित्र:एडॉबीस्टॉक
  1. लगातार किसी ऐसी स्थिति में होना, जिसका समाधान आप नहीं ढूंढ पा रहे
  2. अनचाहा तनाव, जिससे डील करना मुश्किल हो रहा हो
  3. बहुत देर स्क्रीन देखना
  4. शारीरिक अथवा मानसिक थकान
  5. स्मोकिंग
  6. कैफीन (कॉफी) का ज्यादा मात्रा में सेवन
  7. खराब पोश्चर में बैठकर या लेटकर काम करना
  8. परिवार-दफ्तर या रिश्तों के कारण दबाव महसूस करना
  9. पानी कम पीना
  10. नींद पूरी न होना
  11. भूखे रहना या पर्याप्त पोषण न मिल पाना
  12. तनाव दूर करने के लिए अल्कोहल, दवाओं आदि पर निर्भर होना

ऊपर दिए इन सभी कारणों से तनाव बढ़ता है और इसके कारण हेडेक की समस्या हो जाती है। तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द से बचने के लिए आपको उपरोक्त ट्रिगर पाॅइंट्स से बचना होगा। यह सबसे प्रभावी समाधान है। पर हम समझ सकते हैं कि यह किसी के लिए भी सरल नहीं होगा। इसलिए आपको टेंशन हेडेक से निपटने के तरीके भी मालूम होने चाहिए।

टेंशन हेडेक से केैसे निपटा जाए (How to deal with tension headache)

1 ट्रिगर पॉइंट्स को समझें और उनसे बचें  (Avoid triggers)

यह सबसे प्रभावी तरीका है कि आप उन कारणों को जानें, जो टेंशन हेडेक को ट्रिगर करते हैं। उनसे बचना सबसे सफल तरीका है जो आपको इस समस्या से बचा सकता है।

2 पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं 

डिहाइड्रेशन या शरीर में पानी की कमी के कारण भी सिर दर्द हो सकता है। यह समस्या सिर्फ गर्म मौसम में ही नहीं, बल्कि सर्दियों में भी हो सकती है। जब आप पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते हैं। वे लोग जो दिन भर एयरकंडीशनर के सामने रहते हैं,उन्हें भी डिहाइड्रेशन के कारण किसी भी तरह के सिर दर्द का सामना ज्यादा बार करना पड़ सकता है।

3 रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं (Relaxation techniques)

फॉर्टिस हॉस्पिटल, फरीदाबाद के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डॉ. विनीत बंगा सुझाव देते हैं कि कोई भी ऐसी एक्टिविटी जो आपको रिलैक्स करती है, टेंशन हेडेक से बचा सकती है। फिर चाहें वह आधे घंटे की नैप लेना हो या अपनी पसंद का संगीत सुनना। कुछ लोग डांस या जुंबा करके रिलैक्स महसूस करते हैं। यह भी आपको तनाव से बचा सकता है।

4 ब्रीदिंग एक्सरसाइज (Breathing exercises)

योग और प्राणायाम भी तनाव और तनाव के कारण होने वाले सिर दर्द से बचाने में आपकी मदद कर सकते हैं। खासताैर से ब्रीदिंग एक्सरसाइज। जब आप गहरी सांस लेते हैं, तो श्वास के माध्यम से आपके मस्तिष्क को ऑक्सीजन सप्लाई होती है। यह मस्तिष्क की नसों को शांत करती है और तनाव और दर्द में कमी  का महसूस करते हैं।

5 आइस पैक (Ice pack)

अगर तनाव के कारण सिर में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है, तो आइस पैक रखना एक त्वरित उपचार हो सकता है। मगर ध्यान रखें कि धूप में बाहर से लौटते ही यह न करें। वरना यह सिरदर्द का कारण बन सकता है। आइस पैक का इस्तेमाल तभी करें, जब आप कमरे के तापमान के साथ अपने आप को कम्फर्टेबल महसूस कर रहे हों।

6 विशेषज्ञ से बात करें (Take expert advise)

हर मर्ज का इलाज खुद करने लगना या उसे गूगल पर ढूंढना आपकी समस्या को और बिगाड़ सकता है। डॉ विनीत बंगा कहते हैं, अगर आपको बहुत जल्दी-जल्दी या लगातार टेंशन हेडेक महसूस हो रहा है और इससे आपका डेली रुटीन प्रभावित हो रहा है, तो यह जरूरी है कि आप अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर या विशेषज्ञ से बात करें। सिर दर्द और बहुत सारी समस्याओं का एक कॉमन लक्षण है। इसलिए इसे इग्नोर करना कभी-कभी खतरनाक हो सकता है।

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सिर दर्द को कभी भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। खासतौर से यदि वह सप्ताह में तीन से चार बार और दो सप्ताह से अधिक हो रहा हो। चित्र : अडोबी स्टॉक

7  नींद पूरी करें (Have a healthy sleep)

कभी-कभी नींद पूरी न होने पर भी हेडेक ट्रिगर हो सकता है। इसलिए रोज कम-से-कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूर लेनी चाहिए। कई बार ज्यादा सोने से भी यह समस्या हो सकती है। इसलिए बहुत अधिक सोने से भी बचना चाहिए।

आपको डॉक्टर से कब मिलना चाहिए (When to consult a Doctor)

कई बार टेंशन हेडेक इतना बढ़ जाता है कि इससे हमारी डेली लाइफ एक्टिविटीज प्रभावित होने लगती हैं। ऐसे में डॉक्टर से कंसल्ट करना जरूरी होता है। अगर इस तरह की समस्याएं हो रही हैं तो डॉक्टर से मिलें:

  1. टेंशन हेडेक बढ़ रहा है या इसकी फ्रीक्वेंसी बढ़ रही है।
  2. अगर किसी व्यक्ति की उम्र 50 वर्ष से ज्यादा है और उसे हेडेक की कोई हिस्ट्री नहीं रही है।
  3. किसी मेडिकल कंडीशन के कारण सिरदर्द हो रहा है।
  4. सिरदर्द होने पर बोलने में कठिनाई होने लगती है या आंखों से धुंधला नजर आने लगता है।
  5. अगर सिरदर्द इतना तेज है कि आपको लग रहा है सिर फट जाएगा, या ऐसा दर्द पहले कभी नहीं हुआ।
  6. अगर प्रेगनेंसी के दौरान हेडेक ट्रिगर होता है तब भी डॉक्टर से मिलना जरूरी है क्योंकि इस दौरान कई मेडिसिन सेफ नहीं होती हैं।
  7. अगर सिरदर्द से राहत पाने के लिए हफ्ते में 3 बार से अधिक दवा की जरूरत होती है या पहले जिस दवा से सिरदर्द कम हो जाता था अब वो काम नहीं करती है।
  8. सिरदर्द के कारण बिहेवियर, सोच या कॉन्शियसनेस में परिवर्तन आ रहा है।

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लेखक के बारे में

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय। ...और पढ़ें

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