आजकल के युवा ट्रेडिंग डेटिंग एरा में लोग अलग-अलग डेटिंग टर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। डेटिंग ऐप और सोशल मीडिया को फॉलो कर रहे युवा अपने रिश्ते को सिचुएशनशिप से लेकर फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स का नाम दे रहे हैं। वहीं इनमें एक नया डेटिंग टर्म एड हुआ है “बेंचिंग”। बेंचिंग में एक पार्टनर दूसरे पार्टनर को बेंच कर देता है। इस तरह के डेटिंग टर्म मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकते हैं (benching signs)।
सभी को इसके प्रति सचेत रहना चाहिए। ये रिलेशनशिप ट्रेंड बेंच करने वाले व्यक्ति और बेंचिंग का शिकार हुए पार्टनर दोनों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं (benching signs)। अगर आपको इसके विषय में अधिक जानकारी नहीं है, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे ये क्या है और इसके क्या नुकसान हैं।
रिलेशनशिप में बेंचिंग एक डेटिंग ट्रेंड है, जिसका मतलब है एक पार्टनर होते हुए दूसरा पार्टनर एक इंसान को बैकअप ऑप्शन में रखता है, बिना किसी रिलेशनशिप के टैग के। ये ट्रेंड तीनों व्यक्ति के मेंटल और इमोशनल हेल्थ को नकारात्मक रूप में प्रभावित करता है।
अगर किसी ने आपको बैकअप में रखा है, तो आपके अंदर हमेशा कन्फ्यूजन बना रहता है, कि वे रिश्ते में कहां खड़े हैं। उनके लिए अपने पार्टनर के इरादों और अपने संभावित रिश्ते के भविष्य का अनुमान लगाना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे व्यक्ति अक्सर भ्रम में जीते हैं, और मानसिक रूप से तनाव और एंजायटी का शिकार हो जाते हैं। वहीं यह न इस तरह के रिश्ते में मौजूद तीनों व्यक्ति के लिए उचित नहीं है।
आपके मन में बैकअप रहने से असुरक्षा की भावनाएं पैदा हो सकती है। व्यक्ति सोच सकता है, कि उसे लगातार ध्यान क्यों नहीं मिल रहा है और क्या उसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इस प्रकार की सोच व्यक्ति के मन और भावनाओं को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा कहीं न कहीं प्राइमरी पार्टनर को कमिटमेंट के बावजूद इनसिक्योरिटी महसूस हो सकता है।
स्पष्ट संचार और कमिटमेंट की कमी बैकअप में रहने वाले व्यक्ति को कमतर और महत्वहीन महसूस करा सकती है। उन्हें ऐसा लग सकता है कि वे वास्तविक रुचि और प्रयास के योग्य व्यक्ति के बजाय सिर्फ़ एक बैकअप विकल्प हैं। इस तरह की भावनाएं उचित नहीं होती है।
साइडलाइन में रहने वाले व्यक्ति को भावनात्मक बोझ महसूस हो सकता है। अनिश्चितता और स्पष्ट दिशा की कमी चिंता, हताशा और कम आत्मसम्मान का कारण बन सकती है। ऐसे व्यक्ति भावनात्मक ऊर्जा और उम्मीद को ऐसे रिश्ते में लगते हैं, जिसके आगे बढ़ने की संभावना नहीं है, जो भावनात्मक रूप से थका देने वाला और निराश करने वाला एहसास हो सकता है।
बेंचिंग के संकेतों को समझना व्यक्ति को यह पहचानने में मदद कर सकता है, कि उनकी क्या वैल्यू है। बातचीत न करना, या केवल जरूरत होने पर संपर्क करना, अचानक से प्लान में बदलाव या किसी तरह के झूठ का बार बार सामने आना, यहां तक कि कमिटमेंट की मांग करने पर नजरअंदाज करना यह सभी बेंचिंग के संकेत हो सकते हैं।
किसी की ज़रूरतों और अपेक्षाओं को व्यक्त करना रिश्ते की स्थिति को स्पष्ट कर सकता है। यदि कोई व्यक्ति बातचीत के दौरान आपके सवालों का स्पष्ट उत्तर देने के लिए तैयार नहीं है, तो यह रिश्ते पर पुनर्विचार करने का समय है। यदि कोई व्यक्ति पूरी तरह आपके साथ रिश्ते में रहना चाहता है, तो वे आपसे खुलकर संवाद करेंगे।
अपनी वैल्यू को पहचानना और अस्पष्ट व्यवहार के लिए समझौता न करना महत्वपूर्ण है। आत्म-मूल्य को प्राथमिकता देने से व्यक्ति को स्वस्थ, अधिक संतोषजनक रिश्ते की तलाश करने में मदद मिलती है।
भावनात्मक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बेंचिंग के संकेत को समझना बहुत जरूरी है, क्योंकि इस स्थिति में लोग खुदकी वैल्यू को कम आंकना शुरू कर देते हैं:
यदि कोई व्यक्ति आपको बैकअप विकल्प के रूप पर रख रहा है, तो वे आपसे कभी कभार बात कर लेता होगा, ताकि आपको ऐसा महसूस हो कि वह आपके अच्छे दोस्त हैं या शुभचिंतक हैं। यदि कोई व्यक्ति असल में आपके साथ रिश्ता बनाना चाहता है, तो वह खुलकर बातचीत करता है।
रुचि व्यक्त करने के बावजूद, ऐसे व्यक्ति आपको किसी तरह की कमिटमेंट नहीं देते, न ही आपके रिश्ते का कोई ठोस नाम होता है। वे केवल आप में रुचि दिखाकर आपके साथ संपर्क में रहने की कोशिश करते हैं।
एक रिश्ते में होते हुए दूसरे व्यक्ति को विकल्प के तौर पर रखने वाले व्यक्ति मिक्स सिंगनल दे सकते हैं, कभी कभार वह आपसे अधिक आकर्षित होकर आपसे ज्यादा बातचीत करते हैं, और कभी कबार आपके साथ किसी तरह का संबंध नहीं रखते।
ऐसा व्यक्ति आपसे अक्सर अन्य रोमांटिक रुचियों के बारे में बात कर सकता है। विशेष रूप से यदि वह पहले से किसी रिश्ते में है, तो जाहिर सी बात है वे आपको अन्य चीजों में उलझा कर या झूठ बोलकर आपसे अधिक प्राथमिकता अपने पार्टनर को देता है। यदि ऐसा महसूस हो तो आपको फौरन सचेत हो जाना चाहिए।
1. बाउंड्री सेट करें: स्पष्टता और आपसी सम्मान स्थापित करने के लिए रिश्ते की शुरुआत में अपनी अपेक्षाओं और सीमाओं के बारे में बताएं। एक हेल्दी बाउंड्री आपको इस तरह के डेटिंग ट्रेंड में फंसने से बचा सकता है।
2. अपनी इंस्टिंक्ट पर भरोसा करें: यदि कोई व्यक्ति आपको विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर रहा होता है, तो कई बार आपको इसका ज्ञात हो सकता है। वहीं प्राइमरी पार्टनर को भी इसका एहसास होता है। अपने अंतर्ज्ञान के प्रति सचेत रहें। अगर कुछ भी अजीब या अनुचित लगता है, तो अपनी इंस्टिंक्ट पर भरोसा करें।
3. सेल्फ केयर को प्राथमिकता दें: सेल्फ केयर गतिविधियों पर ध्यान देने से आपके अंदर अपनी खुशियों को प्राथमिकता देने की चाह बरकरार रहती है। ऐसे रिश्तों पर ध्यान केंद्रित करें जो आपकी खूबियों का समर्थन करता हो और आपको आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करे। न की कोई ऐसा जो आपको विकल्प के तौर पर रखें और आत्म मूल्य पर संदेह करने के लिए मजबूर करे।
4. खुलकर बातचीत करें: अपने रिश्तों में ईमानदार और ट्रांसपेरेंट कम्युनिकेशन को प्रोत्साहित करें, विश्वास और प्रामाणिकता को बढ़ावा दें। यदि व्यक्ति खुलकर बातचीत नहीं कर रहा है, तो वहीं रुक जाएं। यह नकारात्मक रिश्ते का संकेत हो सकता है।
5. सेल्फ वर्थ को पहचाने: हर व्यक्ति की अपनी खासियत और खूबियां होती हैं, इसलिए सबसे पहले आत्म मूल्य को पहचानना बहुत जरूरी है। यदि आप खुद की वैल्यू करती हैं, तो आपको यह समझ में आएगा कि सामने वाला व्यक्ति का व्यवहार आपके प्रति कैसा है। एक हेल्दी रिश्ते में पार्टनर आपका सम्मान करेगा और आपको हमेशा प्राथमिकता देगा। परंतु यदि कोई ऐसा नहीं कर रहा है, तो जाहिर सी बात है आपको रुक कर इस पर ध्यान देना चाहिए।
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