ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के एक अध्ययन के अनुसार हर समय तनाव महसूस करने से दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। यह शोध द लांसेट जर्नल में भी प्रकाशित हुआ है। यह शोध दावा करता है कि तनाव को मानव में हृदय और संचार संबंधी बीमारियों से जोड़ा जा सकता है। तनाव से हार्ट डिजीज बढ़ने की संभावना बढ़ जाती (Stress cause heart disease) है। जानते हैं कैसे तनाव हार्ट हेल्थ को प्रभावित करता है।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के एक अध्ययन के अनुसार निरंतर तनाव को मस्तिष्क के एक क्षेत्र में उच्च गतिविधि से जोड़ा गया है। यह भावनाओं को संसाधित करने से जुड़ा होता है। इस शोध में दो अध्ययनों को शामिल किया गया। इसमें 293 लोगों को शामिल किया गया। इस बड़े अध्ययन में उनका ब्रेन स्कैन किया गया। इसमें यह देखा गया कि जब व्यक्ति तनावग्रस्त होते हैं, तो मस्तिष्क का तनाव से निपटने वाला क्षेत्र एमिग्डाला अस्थि मज्जा को अतिरिक्त सफेद रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने का संकेत देता है। यह बदले में धमनियों में सूजन का कारण बनता है। सूजन दिल के दौरे, एनजाइना और स्ट्रोक की ओर ले जाती है।
जब तनाव का अनुभव किया जाता है, तो अमिगडाला हाइपोथैलेमस को एक संकट संकेत भेजता है। फिर इसे शरीर के बाकी हिस्सों में संचार किया जाता है। इससे यह लड़ने के लिए तैयार होने का संकेत देता है। इससे यह सुनिश्चित हो सकता है कि जोखिम वाले रोगियों की नियमित जांच की जाए और उनका तनाव प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जाए।
दूसरा अध्ययन विशेष रूप से अत्यधिक तनावग्रस्त लोगों पर किया गया। अमिगडाला में धमनियों और गतिविधि की सूजन पर देखा गया। फिर से उठाए गए अमिगडलर गतिविधि और अधिक धमनी सूजन के बीच एक संबंध पाया गया। जो लोग खुद को अधिक तनावग्रस्त मानते हैं, उनके भी एमिग्डाला में हाई लेवल की गतिविधि होने की संभावना होती है।
अमेरिका के रोचेसटर यूनिवर्सिटी के अनुसार यदि लंबे समय से तनाव झेल रही हैं, तो दर्द एवं पीड़ा के अलावा, एनर्जी की खराब स्थिति, नींद में कमी, धैर्य नहीं होना, नींद नहीं आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कार्डियोवस्कुलर रीसर्च जर्नल के अनुसार, एक्सरसाइज तनाव के हानिकारक प्रभावों का प्रतिकार करने में मदद कर सकता है। हृदय स्वास्थ्य के लिए प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाले एक्सरसाइज का लक्ष्य रखें। यह 30 – 40 मिनट के सत्र में सप्ताह में 4 से 5 दिन किया जा सकता है। एक्सरसाइज वजन को नियंत्रित करके, कोलेस्ट्रॉल में सुधार और रक्तचाप को कम करके हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। जो लोग व्यायाम करते हैं, उनमें तनाव के प्रति शारीरिक प्रतिक्रिया कम होती है।
यूरोपियन हार्ट जर्नल के शोध बताते हैं घर में पार्टनर के साथ रहने, सोशल फंक्शन में भाग लेने, कम्यूनिकेट करने से तनाव का स्तर कम होता है और हृदय रोग जोखिम भी। प्रति दिन 10,000 – 12,000 कदम चलने का प्रयास करें। लिफ्ट के बजाय सीढ़ियां चढ़ें। लोगों से बातचीत करें। इससे ब्लड प्रेशर और हृदय गति उतनी अधिक नहीं होती है, जितनी तनाव में रहने वाले लोग किसी से बात नहीं करते हैं, होती है। सामाजिक नहीं होने पर अस्वास्थ्यकर व्यवहार जैसे धूम्रपान, उच्च वसा वाले आहार खाने और बहुत अधिक शराब पीने की संभावना बढ़ जाती है।
अमेरिकन हार्ट जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, यदि आपके पास पहले से ही हृदय रोग है, तो अवसाद और चिंता डेथ के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। शोध बताते हैं कि लंबे समय तक चिंता या भावनात्मक तनाव अचानक हृदय मृत्यु के जोखिम को बढ़ा सकता है। चिंता के स्तर को कम करने के लिए योग, ध्यान, वाकिंग, स्विमिंग तनाव को कम कर सकती हैं। शराब, तम्बाकू और कैफीन चिंता की भावनाओं को बढ़ा सकते हैं। इससे तनाव और रक्तचाप बढ़ सकता है।
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कस्टमाइज़ करेंयूरोपियन जर्नल ऑफ़ प्रीवेंटिव के अध्ययन से पता चलता है कि जॉब के कारण मिलने वाला तनाव हृदय रोग के लिए जोखिम को बढ़ा सकती है। जब लंबे समय तक चिंता रहती है, तो काम में भी तनाव का प्रभाव पड़ता है। इससे और अधिक समस्या हो सकती है। हर दिन काम से कुछ समय निकालने की कोशिश करें। कुछ ऐसा करें, जो आराम दे और जिसे करने से आनंद का एहसास मिले। यह पढ़ना, चलना या गहरी सांस लेना भी हो सकता है। यदि जीवन में तनाव के कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ गया है, तो अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से बात करें।
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