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8-8-8 रूल से करें लाइफ साइकिल को बैलेंस, जानें कैसे करें दिन भर को इन तीन विंडोज़ में विभाजित

8-8-8 रूल का मकसद अपने दिन को तीन बराबर भागों में बांटकर जीवनचर्या को संतुलित बनाए रखना है। इससे न केवल जीवनशैली नियमित बनी रहती है बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम से भी बचा जा सकता है।
Published On: 2 Mar 2025, 08:00 pm IST
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8-8-8 rule ke fayde
सभी कार्यों की पूर्ति और उन्हें समय पर करने के लिए 8-8-8 नियम की मदद ली जा सकती है।

दिनचर्या को हेल्दी बनाए रखने के लिए टाइम मैनेजमेंटे स्किल्स की जानकारी होना आवश्यक है। अक्सर लोग घंटों लगातार स्क्रीन के सामने बैठकर काम करते हैं, जिससे शरीर के पोश्चर से लेकर आंखों की दृष्टि प्रभावित होती है। इसके चलते वर्कआउट रूटीन असंतुलित होने लगता है और खाना भी समय पर नहीं खा पाते हैं। इससे शरीर को ब्लोटिंग और निर्जलीकरण समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में 8-8-8 नियम शरीर को स्वास्थ्यवर्धक और लाइफ बैलेंसिंग में मददगार साबित होता है। सबसे पहले समझते हैं कि 8-8-8 रूल क्या है और इससे मिलने वाले फायदे (8-8-8 rules to transform your life)।

अधिकतर लोग दिनभर में समय की कमी की शिकायत करने लगते हैं, जिससे उनके कई कार्य अधूरे रह जाते हैं। सभी कार्यों की पूर्ति और उन्हें समय पर करने के लिए इस नियम की मदद ली जा सकती है। अगर आप भी लाइफ बैलेंस करना चाहती हैं, तो इस नियम की मदद ली जा सकती है।

Life balancing ke liye rule
अगर आप भी लाइफ बैलेंस करना चाहती हैं, तो 8-8-8 नियम की मदद ली जा सकती है।

8-8-8 रूल किसे कहते हैं (8-8-8 rules to transform your life)

इस बारे में योग एक्सपर्ट डॉ गरिमा भाटिया बताती हैं कि 8-8-8 रूल का मकसद अपने दिन को तीन बराबर भागों में बांटकर जीवनचर्या को संतुलित बनाए रखना है। इसके लिए दिन को तीन बार 8 घंटों के गैप में विभाजित किया जाता है। दिन के पहले आठ घंटे कार्य के लिए निकाले जाते हैं। उसके बाद अगले आठ घंटे का समय व्यक्तिगत कामों के लिए निधार्रित किया जाता है, जिसमें व्यायाम, परिवार के साथ गुज़ारा गया वक्त और मी टाइम शामिल होता है। उसके बाद आखिरी पहर हेल्दी स्लीप के लिए रखा जाता है। इससे न केवल जीवनशैली नियमित बनी रहती है बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम से भी बचा जा सकता है।

इस रूल को इस तरह से अपनी लाइफ साइकिल में करें शामिल (How to add 8-8-8 rules to transform your life)

1.वर्क विंडो में इस तरह फोकस्ड रहें

इस आठ घंटे के ब्लॉक को ऑफिस वर्क पूरा करने के लिए तय किया जाता है। अधिकतर लोग 8 की जगह 12 घंटे कार्य करते है, जिससे उनके स्वास्थ्य में कई बदलाव देखने को मिलते हैं। इस समय में व्यक्ति कार्यों को नियमित रूप से करने लगते है।

समय पर कार्य शुरू करें

किसी भी कार्य की सफलता के लिए अनुशासन का पालन करना सबसे ज़रूरी आस्पेक्ट है। वे लोग जो समय पर कार्य शुरू करते है। उनकी टू डू लिस्ट रोज़ाना दिन ढ़लने तक कंप्लीट होने लगती है।

ज़रूरी कार्य पहले करें

इस आठ घंटे की विंडो को सफल बनाने के लिए ज़रूरी कार्यों को पहले खत्म करने की कोशिश करें। इससे वर्किंग आवर्स को संतुलित करने में मदद मिलती है।

टाइम मैनेजमेंट है ज़रूरी

कार्यो का करने के लिए समय सीमा बांध लें। अधिकतर लोग परफेक्शन की तलाश में दिनभर में 1 से 2 टास्क ही पूरे कर पाते है, जिससे उनकी पूरी दिनचर्या हैंपर होने लगती है। हर कार्य के लिए टाइम लिमिट सेट कर लें।

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ब्रेक्स लें

काम के दौरान शरीर को रीएर्नजाइज़ करने के लिए छोटी छोटी ब्रेक्स लें। साथ ही पानी पीने, वॉक करने और लंच के लिए समय अवश्य निकालें।

Working women ko kya krna chahiye
किसी भी कार्य की सफलता के लिए अनुशासन का पालन करना सबसे ज़रूरी आस्पेक्ट है। चित्र – शटरस्टॉक

2. पर्सनल विंडो के लिए इस तरह समय निकालें

ये वो समय होता है, जिसमें अधिकतर वक्त परिवार और बच्चों के साथ बीतता है। इसके अलावा पर्सनल विंडो में कुछ वक्त अपने लिए भी निकाला जाता है, जिससे सेल्फ ग्रोथ में मदद मिलती है।

कैलेंडर तैयार करें

व्यक्तिगत समय को कार्यों के आधार पर दिनों में विभाजित कर लें। इसके अनुसार इस बात को समझें कि किस दिन कौन सा कार्य करना आवश्यक है।

क्वालिटी टाइम बिताएं

परिवार के सभी सदस्यो के साथ समय बिताएं और एक साथ डिनर करें। इससे मानसिक थकान कम होने लगती है और इमोशनल हेल्थ बूस्ट होती है।

बच्चों का समय दें

उनके होमवर्क से लेकर क्लास एक्टीविटीज़ में अपना पार्टिसिपेशन बढ़ाएं। इससे बच्चों के साथ बॉन्डिंग बढ़ने लगती है। इससे कॉग्नीटिव ग्रोथ में मदद मिलती है।

वर्कआउट करें

खुद को एक्टिव और फिट रखने के लिए पर्सनल विंडो में कुछ वक्त वर्कआउट को दें। इससे शरीर के पोश्चर में सुधार आने लगता है और दिनभर बैठने से शरीर में बढ़ने वाली ऐंठन कम होने लगती है।

गैजेट से दूरी

अपने लिए समय निकालें, जिसमें किताबें पढ़ना, घूमना और अपने आप को समय देना शामिल है। ऐसे में गैजेट्स से दूरी बनाकर रखें और मांइड को रिफ्रेश करें।

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गैजेट्स से दूरी बनाकर रखें और मांइड को रिफ्रेश करें । चित्र : शटरस्टॉक

3. नींद के लिए आठ घंटे हैं ज़रूरी

मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए नींद पूरी करना आवश्यक है। व्यक्तिगत समय देने और काम के लिए आठ आठ घंटे निकालने के बाद बचे हुए आठ घंटे में भरपूर नींद लें।

मोबाइल स्विच ऑफ करें

सोने से एक घंटा पहले से ही फोन से दूरी बनाकर रखें। इसके अलावा गैजेट्स और मोबाइल को बंद करके रखें। इससे ब्लूलाइट के एक्सपोज़र से बचा जा सकता है।

स्लीप हाइजीन मेंटेन करें

सोने से पहले मन को शांत रखने के लिए मेडिटेशन करें और शोर से दूर रहें। इसके अलावा कमरे में अंधेरा करके सोने का प्रयास करें।

सोने का समय तय कर लें

सोने के लिए एक नियमित समय को तय कर लें। इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार आने लगता है और शरीर दिनभर एक्टिव और हेल्दी बना रहता है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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