बालों की चमक और मज़बूती दोनों को बढाने के लिए अक्सर घरेलू नुस्खों की मदद ली जाती है। इससे बालों पर बढ़ने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम किया जा सकता है। गुड़हल यानि हिबिस्कस के फूल की पत्तियां और उसकी पंखुड़ियां भी कम गुणकारी नहीं हैं। इससे समय से पहले बालों में बढ़ने वाली सफेदी और हेयरफॉल से राहत (tips to deal with hair fall) मिलने लगती है। गुड़हल की पत्तियों में नीम को पत्तियों को मिलाकर लगाने से बालों को दोगुना फायदा प्राप्त होता है। जानते हैं गुड़हल और नीम की पत्तियों से तैयार हेयर मास्क के फायदे (Hibiscus-Neem hair mask benefits) और बालों में अप्लाई करने का तरीका भी।
इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ रिंकी कपूर बताती हैं कि गुड़हल की पत्तियों (hibiscus leaves for hair) से बालों को विटामिन सी की प्राप्ति होती है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड की मात्रा कैराटीन के स्तर को बढ़ाती है। इससे हेयर सेल्स में सुधार आने लगता है, जिससे बालों का पतलापन कम हो जाता है और वॉल्यूम बढ़ने लगता है। वहीं नीम की पत्तियों में निम्बिडिन और एज़ाडिरेक्टिन कंपाउंड पाए जाते हैं, जिससे फंगस, बैक्टीरिया और रूसी को दूर करने में मदद मिलती है।
जर्नल ऑफ फंक्शनल फूड्स के अनुसार नीम की पत्तियों में एंटी इंफ्लामेटरी और एंटी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं। इससे स्कैल्प पर बढ़ने वाले इंफे्क्शन को कम किया जा सकता है। साथ ही रक्त के प्रवाह को नियंत्रित बनाए रखने में मदद मिलती है।
जहां गुड़हल की पत्तियों में एंटी एस्ट्रीजेंट प्रॉपर्टीज़ पाई जाती है, तो वहीं नीम की पत्तियां एंटी माइक्रोबियल गुणों से भरपूर है। इन्हें एक साथ मिलाकर बालों में लगाने से स्कैल्प पर अतिरिक्त ऑयल से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही खुजली, डेड स्किन सेल्स और बालों में बढ़ने वाली दुर्गंध को कम किया जा सकता है।
बालों का झड़ना एक आम समस्या है। ऐसे में गुड़हल के फूल में पाए जाने वाले अमीनो एसिड ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाकर हेयरफॉल को कम करते है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार गुड़हल को नीम की पत्तियों में मिलाने से कैराटीन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे बालों के घनत्व में सुधार आने लगता है। इससे बंद रोग छिद्रों को दोबारा से हेयर ग्रोथ के लिए उत्तेजित करते हैं।
मौसम में परिवर्तने के कारण बालों को फ्रिज़ीनेस का सामना करना पड़ता है। इससे बाल बेजान होकर टूटने झड़ने लगते है। इस समस्या से बचने के लिए नीम की पत्तियों का इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार नीम की पत्तियों के इस्तेमाल से बालों की थिकनेस में सुधार आने लगता है। इसके अलावा नीम का तेल (neem oil benefits_ लगाने से डर्माटाइटिस, सोरायसिस और स्कैल्प इरिटेशन को कम किया जा सकता है। इसमें गुड़हल की पत्तियों को मिलाने से बालों के रूखेपन को कम किया जा सकता है।
बालों को जल्द सफेद होने से बचाने के लिए गुड़हल के फूल को नीम की पत्तियों के साथ मिलाकर पीसकर बालों में सप्ताह में दो बार अवश्य लगाएं। इससे हेयर फॉलिकल्स मज़बूत बनते हैं और पिगमेंट की कमी को भी दूर किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल से बालों पर बढ़ने वाले केमिकल्स के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
बालों की चमक को बनाए रखने के लिए गुड़हल और नीम के पाउडर को बराबर मात्रा में लें और उसमें दही को मिला दें। इस मिश्रण को 30 मिनट तक बालों में लगाकर छोड़ दें। बालों को सामान्य पानी से धोएं और हर्बल शैम्पू का इस्तेमाल करें। इससे बाल मुलायम और हेल्दी होने लगते हैं।
जार में गुड़हल के फूल और पत्तियो को धोकर डालें। इसके बाद नीम की पत्तियों को उसमें मिलाएं। अब आवश्यकतानुसार पानी डालकर उसमें एलोवेरा जेल को डाल दें। सभी चीजों को ब्लैण्ड करके बाद बालों में अप्लाई करें। इससे बालों की जड़ों को मज़बूती मिलती है और हेयरफॉल को कम किया जा सकता है।
नीम और गुड़हल के फूल की पंखुडियों को सूखाकर पीस लें और उसमें आंवले के पाउडर को मिलाएं। अब इसमें नारियल के लेत को मिलाकर बालों में 30 मिनट तक लगाकर रखें। इससे स्कैल्प पर संक्रमण के खतरे से बचा जा सकता है और स्कैल्प की नमी बरकरार रहती है।
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कस्टमाइज़ करेंहेयरमास्क से बालों की कंडीशनिंग में मदद मिलती है। इससे बालों की ग्रोथ बढ़ती है और सफेद बालों से बचा जा सकता है। इसके लिए नीम और गुड़हल के पाउडर में प्याज का रस मिलाकर बालों की जड़ों में लगाकर छोड़ दें। पूरी तरह से जड़ों में पहुंचकर हेयर पिगमेंट में सुधार आने लगता है। इससे बालों की डेंसिटी में सुधार होता है।