मानसून के दिनों में बार बार होने वाली बारिश की फुहारें जहां मन को सुहाती हैं, तो वहीं बालों में चिपचिपेपन को बढ़ा देती है। इससे स्कैल्प पर खुजली और दुर्गन्ध (Causes of smelly hair) बढ़ने लगती है। वहीं गर्मी के मौसम में बार बार स्वैटिंग (hair sweating side effects) होने से ये समस्या बढ़ने लगती है। दुर्गन्ध को दूर करने के लिए लोग हेयरवॉश करते हैं। मगर फिर भी ये समस्या ज्यों की त्यों बनी रहती है। दरअसल, बारिश की बूदों और पसीन से स्कैल्प पर बढ़ने वाला बैक्टीरिया दुर्गन्ध का कारण साबित होता है। जानते हैं बालों में बढ़ने वाली दुर्गन्ध को दूर करने के कुछ आसान उपाय (smelly hair home remedies)।
इस बारे में डर्माटोलॉजिस्ट डॉ स्वाति मोहन बताती हैं कि बारिश के मौसम में बार-बार बाल भीगने से स्कैल्प पर डेड स्किन सेल्स की समस्या बढ़ने लगती है। इससे बालों में खुजली और दुर्गन्ध का सामना करना पड़ता है। बालों में बढ़ने वाली बदबू को सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस (Seborrheic dermatitis) कहा जाता है। इससे स्कैल्प रूखा, पीला और स्मैली होने लगता है। नेचुरल यीस्ट की प्रोडक्शन का बढ़ जाना इस समस्या को बढ़ाता है। ऐसे में बालों पर केमिकल्स के इस्तेमाल से बचें और बालों की नमी को बनाए रखने के लिए नेचुरल प्रोडक्टस का प्रयोग करें।
नेशनल सोराइसिस फाउन्डेशन के अनुसार स्कैल्प सोराइसिस एक ऑटोइम्यून डिज़ीज़ है। इसके चलते स्कैल्प की त्वचा रूखी और बेजान दिखने लगती है। इस समस्या के बढ़ने से स्कैल्प पर डेड स्किन सेल्स की ग्रोथ बढ़ जाती हैं। इसके चलते खुजली और दुर्गन्ध का सामना करना पड़ता है।
वहीं पर्यावरण में मौजूद पाल्यूटेंटस स्वैटिंग के कारण बालों में चिपकने लगते हैं, जो बालों में बैक्टीरिया के प्रभाव को बढ़ाता है। इससे बालों में स्मैल बढ़ने लगती है, जो बालों को धोने के बाद भी कई दिनों तक बनी रहती है।
जर्नल ऑफ सांइटीफिक रिपोर्ट के अनुसार स्कैल्प पर बैक्टीरिया (How to deal with scalp bacteria) और सीस्ट की ग्रोथ को नियंत्रित करके नारियल तेल की मसाज (Benefits of coconut oil scalp massage) फायदेमंद साबित होती है। नारियल तेल में मौजूद विटामिन और अमीनो एसिड की मात्रा स्कैल्प के पीएच को मेंटेन करके बालों को शाइनी और बनाती है। बालों को धोने से पहले 30 मिनट तक गुनगुने नारियल के तेल से स्कैल्प मसाज करने से स्कैल्प नरिशमेंट में मदद मिलती है।
एंटी बैक्टीरियल गुणों से भरपूर पुदीने की पत्तियों के पेस्ट को दही में मिलाकर बालों में लगाएं। दही में हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं। इससे बालों में बढ़ने वाली दुर्गंध के अलावा हेयरफॉल से भी बचा जा सकता है। बालों की शाइन और स्मूदनेस मेंटेन रहती है। इस पेस्ट को 15 मिनट तक बालों में लगाने के बाद बालों को धोएं। सप्ताह में दो बार इसे बालों में लगाने से बालों में बढ़ने वाली दुर्गंध को दूर किया जा सकता है।
बालों के चिपचिपेपन से बचने और उसे हेल्दी बनाए रखने के लिए प्याज का रस बेहद कारगर है। प्याज के रस में डाइटरी सल्फर और अमीनो एसिड की मात्रा पाई जाती है। इसे चावल के पानी में मिलाकर बालों में लगाने से बैक्टीरिया की ग्रोथ को नियंत्रित किया जा सकता है। साथ हेयरग्रोथ में भी मदद मिलती है। प्याज के रस को चावल के रस में बरारबर मात्रा में मिलाएं और फिर बालों पर स्प्रे करें। अब उंगलियों की मदद से स्कैल्प मसाज करें और 30 मिनट के बाद बालों को धो लें।
हेयरवॉश के लिए कैमिकल युक्त शैम्पू के इस्तेमाल से बचें। इसके लिए सूखे हुए काले आंवले लेकर उसे रीठा और शिककाई को साथ लोहे की कढ़ाई में पानी में भिगोकर रख दें। अब 8 से 10 घंटे के बाद उन्हें निचोड़कर पानी अलग कर लें। अब बालों को धोने के लिए इस होममेड शैम्पू को बालों में लगाएं। इससे बालों में बढ़ने वाला पसीना, खुजली और बदबू दूर होती है। साथ ही सफेद बालों की समस्या भी कम होने लगती है।
ऑयली और स्मैली हेयर्स से राहत पाने के लिए एलोवेरा जेल में एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदे मिलाएं और शहद को मिलाएं। अब हेयरवॉश के बाद कंडीशनिंग के लिए इसे स्कैल्प पर लगाएं। 10 मिनट तक इसे बालों में लगाए रखने के बाद बालों को धो दें। इससे बालों का टूटना और झड़ना कम होने लगता है।
लहसुन में एंटीफंगल और सल्फर कंपाउंड पाया जाता है। इसे हेयरवॉश से पहले लेमन ग्राम ऑयल में मिलाकर बालों में अप्लाई करने से स्कैल्प नरिशमेंट में मदद मिलती है। हेयरफॉलिकल्स मज़बूत बनते है और बालों को दुर्गंन्ध से राहत मिल जाती है।
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