Office chair butt : जानिए क्या है डेस्क जॉब के कारण होने वाली ये परेशानी और इससे कैसे बचना है

आपके ग्लूट की मांसपेशियों को फैटी और कमजोर बना देता है देर तक बैठना, आपको बताएं कि जॉब के बाद ज्यादातर लोग इन चीजों का सामना करते हैं। जानें कैसे करना है बचाव।
jaane office chair butt ke karan
जानें ऑफिस चेयर बट के कारण. चित्र : अडॉबीस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 12 Aug 2024, 02:40 pm IST
  • 124

क्या आपने कुछ महीने पहले जॉब ज्वाइन की है? क्या जॉब के कुछ महीनो के बाद से आपका वजन बढ़ रहा है? क्या आपके जींस की कमर टाइट होने लगी है? आप सोच रही होंगी ऐसे सवाल क्यों पूछे जा रहे हैं, आपको बताएं कि जॉब के बाद ज्यादातर लोग इन चीजों का सामना करते हैं। हम अपने दिन का एक लंबा समय अपनी ऑफिस की कुर्सी पर बिताते हैं। लंबे समय तक बैठे रहने से कई सारी समस्याएं बढ़ जाती हैं, खासकर शरीर के निचले हिस्से में फैट काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसे ऑफिस चेयर बट (office chair butt) भी कहा जाता है।

हेल्थ शॉट्स ने इसे अधिक गंभीरता से समझने के लिए यश फिटनेस के फाउंडर और फिटनेस कोच यश अग्रवाल से बात की। तो चलिए जानते हैं, इस विषय पर क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट।

पहले समझें ऑफिस चेयर बट क्या है?

“ऑफिस चेयर बट” एक बोलचाल का शब्द है, जो लंबे समय तक बैठने के कारण ग्लूटियल मसल्स की बनावट और स्वास्थ्य में होने वाले परिवर्तनों का वर्णन करता है। विशेष रूप से ऑफिस में लंबे समय तक बैठने के कारण होने वाले बदलाव को दर्शाता है।

लंबे समय तक बैठने से ग्लूट की सेहत और बनावट कैसे प्रभावित होती है

1.इससे ग्लूट मांसपेशियों की सक्रियता कम हो जाती है, जिससे मांसपेशियां कमजोर हो सकती है।
2.समय के साथ, कम उपयोग होने के कारण ग्लूट कमजोर हो सकते हैं।
3.लंबे समय तक बैठने से पेल्विक झुकाव हो सकता है, जिससे ग्लूट सपाट या कम टोन्ड दिखाई दे सकते है।
4.बैठने का गलत पोस्चर मांसपेशियों में असंतुलन पैदा कर सकता है, जो ग्लूट के आकार और कार्य को प्रभावित करती हैं।

uthak baithak se thigh fat ghtata hai.
हिप फैट पर ध्यान देना है जरुरी। चित्र : अडोबी स्टॉक

5.लंबे समय तक बैठे रहने से ग्लूट्स में ब्लड फ्लो में रुकावट पैदा हो सकता है, जिससे असुविधा और संभावित मांसपेशियों में अकड़न आ सकती है।
6.लंबे समय तक स्थिर बैठे रहने से मेटाबॉलिज्म रेट में कमी और लो एक्टिविटी लेवल के कारण ग्लूट्स के आसपास फैट स्टोर हो सकता है।
7.कमजोर ग्लूट्स बॉडी स्टेबिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे पीठ के निचले हिस्से में दर्द और आपकी पोस्चर खराब हो सकती है।
8.कमजोर ग्लूट्स चोट लगने के जोखिम को बढ़ा सकती है, खासकर पीठ के निचले हिस्से और घुटनों में।
9.लंबे समय तक बैठे रहने से कूल्हे के क्षेत्र में लचीलापन और गतिशीलता कम हो सकती है, जिससे मूवमेंट की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

जानें इसके प्रभाव जो कैसे कम किया जा सकता है (How to reduce the risk of office chair butt)

1.बॉडी मूवमेंट चालू रखें

रक्त प्रवाह को बढ़ावा देने और मांसपेशियों की अकड़न को कम करने के लिए हर 30-60 मिनट में खड़े होकर इधर-उधर घूमें। लगातार लंबे समय तक बैठने से नुकसान बढ़ सकता है, इसलिए 5 से 10 मिनट का गैप लेती रहे।

यह भी पढ़ें : पेट के निचले हिस्से की चर्बी कम करने में ये 5 एक्सरसाइज़ करेंगी आपकी मदद, पहले जानिए इसके कारण

2.स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें

लंबे समय तक बैठने के प्रभाव को कम करने के लिए हिप फ्लेक्सर्स और ग्लूट्स के लिए स्ट्रेचिंग व्यायाम को शामिल करें। काम के बीच में ब्रेक ले और कुछ देर बॉडी को स्ट्रेच करें, खासकर अपने पैर और कमर के हिस्सों को। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और ऑफिस चेयर बट का खतरा कम हो जाता है।

Jaanein hamstring stretch ke fayde
हैमस्ट्रिंग में बढ़ने वाली स्टिफनेस घुटनों के दर्द का कारण साबित होती है। ऐसे में उसे स्ट्रैच करने से टांगों की मांसपेशियों को मज़बूती मिलती है। चित्र : शटरस्टॉक

3.स्ट्रैंथ एक्सरसाइज

ग्लूट मांसपेशियों को मज़बूत करने के लिए अपने रूटीन में स्क्वाट, लंज और ब्रिज जैसे व्यायाम शामिल करें। इसके साथ ही ग्लूट्स को चैलेंज करने और मांसपेशियों को टोन करने के लिए लिए वेट या रेजिस्टेंस बैंड का उपयोग करें।

4.सिटिंग पोस्चर का ध्यान रखें

एक एर्गोनोमिक कुर्सी का उपयोग करें जो उचित मुद्रा का समर्थन करती है और ग्लूट्स पर तनाव को कम करती हो। एडजस्टेबल डेस्क: पूरे दिन बैठने और खड़े होने के बीच बारी-बारी से खड़े होने के लिए एक स्टैंडिंग डेस्क का उपयोग करने पर विचार करें। इस प्रकार आप बॉडी मूवमेंट कर पाएंगी और लंबे समय तक बैठने की समस्या हल हो जाएगी।

अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें

कस्टमाइज़ करें

इन कारकों को आजमाने से आपके ग्लूट्स और समग्र स्वास्थ्य को लंबे समय तक बैठने के नकारात्मक प्रभावों का मुकाबला करने में मदद मिल सकती है।

यह भी पढ़ें : वजन घटाने के लिए कम खा रहे हैं, तो जानिए क्या हो सकते हैं इसके नुकसान

  • 124
लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख