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डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री के बावजूद आप इससे बच सकते हैं, प्रीडायबिटीज कोच बता रही हैं कैसे

बहुत सारे लाेग इस बात से हताश होते हैं कि उनके परिवार में पहले से ही डायबिटीज मौजूद है , इसलिए वे भी इसके जोखिम में हैं। जबकि यह सिर्फ आधा सच है। शेष आधा सच यह है कि आप खुद अपने लिए डायबिटीज का रिस्क कम या ज्यादा कर सकते हैं।
Family history hone ke bawajood aap diabetes ka risk kam kar sakte hain diabetes
परिवार में डायबिटीज का इतिहास है तो आपको अपने लाइफस्टाइल पर जरूर ध्यान देना चाहिए। चित्र : अडॉबीस्टॉक
Updated On: 11 Feb 2025, 06:22 pm IST
माधवी शिल्पी
इनपुट फ्राॅम

अंदर क्या है

  • डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास
  • एपिजेनेटिक्स और डायबिटीज 
  • डायबिटीज के लिए जिम्मेदार कारक 
  • फैमिली हिस्ट्री है तो डायबिटीज से बचने के उपाय

 

डायबिटीज अब भारतीयों के लिए दो पीढ़ी (Diabetes family history) पुरानी बात हो चुकी है। जिन परिवारों में पहले से मधुमेह अर्थात डायबिटीज का इतिहास रहा है, उन परिवारों के लोग यह मान बैठते हैं कि उन्हें भी डायबिटीज होगी ही। जबकि यह पूरी तरह सच नही है। डायबिटीज या प्रीडायबिटीज की ज़द में आने के लिए जीन से ज्यादा आपकी जीवनशैली जिम्मेदार होती है। अगर आपके परिवार में डायबिटीज का इतिहास रहा है, तब भी आप प्रीडायबिटीज (Prediabetes) और डायबिटीज (diabetes) से बच सकते हैं। बस आपको कुछ जरूरी मगर आसान चीजों का ध्यान (Tips to reduce diabetes risk) रखना है।

बहुत से भारतीयों के लिए, प्रीडायबिटीज और डायबिटीज जीवन का एक अवांछित हिस्सा बन गई हैं। “मेरे परिवार में डायबिटीज है” जैसे कथन आम हैं, लेकिन क्या आपका आनुवंशिक मेकअप आपके भाग्य का फैसला करता है? इसका उत्तर उतना सीधा नहीं है जितना आप सोच सकते हैं।

समझिए क्यों डायबिटीज परिवार में आगे बढ़ती है (Diabetes family history)

भारतीयों में डायबिटीज के जोखिम से जुड़े जीन में से एक TCF7L2 है, जो इंसुलिन उत्पादन और ग्लूकोज चयापचय को प्रभावित करता है। दूसरा है FTO जीन, जो अक्सर मोटापे से जुड़ा होता है – यह इंसुलिन प्रतिरोध का एक प्रमुख कारण। इन जीनों के होने से आपको प्रीडायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन ये एकमात्र निर्धारक नहीं हैं।

Diabetes kaise control karein
देर रात खाना खाने और नींद पूरी न होने के चलते शरीर में हार्मोन असंतुलन का सामना करना पड़ता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल प्रभावित होता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

हालांकि पारिवारिक इतिहास महत्वपूर्ण है। मगर आप क्या खाते हैं, आपका लाइफस्टाइल कैसा है और तनाव का प्रबंधन कैसे करते हैं, यह भी इस बात में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है कि आपको प्रीडायबिटीज है या नहीं।

डायबिटीज से बचने के लिए जरूरी है एपिजेनेटिक्स को समझना (Diabetes in genes)

यहीं पर एपिजेनेटिक्स का विज्ञान काम आता है। एपिजेनेटिक्स से तात्पर्य है कि आपका वातावरण और व्यवहार कुछ जीन को “चालू” या “बंद” कैसे कर सकते हैं। सरल शब्दों में, भले ही आपके पास ऐसे जीन हों जो आपको प्रीडायबिटीज के लिए प्रेरित करते हैं, आपकी जीवनशैली और चुनाव उनकी अभिव्यक्ति को दबा सकती हैं।

अपने जीन को एक लाइट स्विच के रूप में सोचें। आपका आहार, शारीरिक गतिविधि और नींद की आदतें तय करती हैं कि वह स्विच बंद रहता है या चालू हो जाता है। यह एक बड़ी जरूरी जानकारी है। मतलब है कि आप अपने आनुवंशिक जोखिमों का मुकाबला करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठा सकते हैं।

भारत में जीवनशैली है डायबिटीज के लिए असली अपराधी (How lifestyle increase the diabetes risk)

आधुनिक जीवनशैली और जीन संवेदनशीलता भारत में प्रीडायबिटीज और डायबिटीज का जोखिम बढ़ा रहे हैं। कुछ और भी कारक हैं, जो इनमें योगदान दे रहे हैं –

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1 कार्ब-हैवी डाइट

विशिष्ट भारतीय आहार में चावल, चपाती और आलू का प्रभुत्व होता है जिसमें न्यूनतम प्रोटीन और फाइबर होता है। मीठे पेय पदार्थों, मिठाइयों और तले हुए स्नैक्स का नियमित सेवन समस्या को बढ़ाता है।

2 देर रात का खाना

देर रात बड़े भोजन करना, भारतीय घरों में एक आम बात है, ग्लूकोज चयापचय को बाधित करता है और इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ावा देता है।

3 कम शारीरिक गतिविधि

कई भारतीय डेस्क जॉब और न्यूनतम व्यायाम दिनचर्या के साथ गतिहीन जीवन जीते हैं। यहां तक कि रोजाना टहलने की कमी भी इंसुलिन संवेदनशीलता को खराब कर सकती है।

4 तनाव

काम और पारिवारिक जिम्मेदारियों की लगातार भागदौड़ तनाव के स्तर को उच्च रखती है, जिससे कोर्टिसोल बढ़ जाता है – एक हार्मोन जो इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान देता है।

5 खराब नींद की आदतें

देर रात, अनियमित नींद के पैटर्न और सोने से पहले स्क्रीन का एक्सपोजर नींद की गुणवत्ता को कम करते हैं, जो रक्त शर्करा की समस्याओं में एक और योगदान देता है।

भारतीय अक्सर इन कारकों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। वे अपने जीन को दोष देते हैं, लेकिन इस बात पर ध्यान नहीं देते कि उनकी जीवनशैली समस्या को कैसे बढ़ा रही है। इसलिए अगर आप डायबिटीज से बचना चाहते हैं, तो आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ेगा।

apni lifestyle par dhyan dekar aap diabetes se bach sakte hain
अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान देकर आप डायबिटीज से बच सकते हैं। चित्र : अडोबीस्टॉक

प्रीडायबिटीज और डायबिटीज से बचने के लिए याद रखें ये जरूरी टिप्स (Simple ways to avoid diabetes even if you have family history)

  1. अपनी सेहत की जिम्मेदारी लें – आप साधारण लेकिन प्रभावी जीवनशैली में बदलाव के साथ अपने आनुवंशिक जोखिमों से लड़ सकते हैं।
  2. अपने आहार में सुधार करें – अपने भोजन में अधिक प्रोटीन (पनीर, दाल, अंडे) और फाइबर (सब्जियां, साबुत अनाज) शामिल करें। ब्रेड, मिठाई और आइसक्रीम जैसे रिफाइंड कार्ब्स और मीठे व्यवहारों में कटौती करें।
  3. अधिक हिलें-डुलें – हर दिन 30 मिनट की तेज सैर आपकी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकती है। सप्ताह में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से और भी अधिक लाभ मिल सकते हैं।
  4. भोजन का समय निश्चित करें – सोने से कम से कम 3 घंटे पहले रात का खाना खाएं। भोजन के समय में निरंतरता रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर कर सकती है।
  5. तनाव प्रबंधित करें – योग, ध्यान और गहरी सांस लेने के व्यायाम कोर्टिसोल के स्तर को कम करने के लिए शक्तिशाली उपकरण हैं।
  6. नींद को प्राथमिकता दें – हर रात 7-8 घंटे की नींद का लक्ष्य रखें। नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए सोने से एक घंटे पहले स्क्रीन बंद कर दें।

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लेखक के बारे में
योगिता यादव
योगिता यादव

कंटेंट हेड, हेल्थ शॉट्स हिंदी। वर्ष 2003 से पत्रकारिता में सक्रिय।

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