कभी धूप, कभी धूल तो कभी बारिश मौसम में आने वाले ये बदलाव शरीर के अन्य अंगों के साथ साथ त्वचा को भी प्रभावित करने लगते है। इससे स्किन पर रैशेज, दाने, इचिंग और सनबर्न बढ़ने लगता है, जो सेंसिटिव स्किन की ओर इशारा करते हैं। ऐसे में संवेदनशील त्वचा को पहचानना बेहद ज़रूरी है। जानते हैं कि वो कौन से लक्षण, जो सेंसिटिव स्किन की ओर इशारा करते हैं और किन तरीकों से इस समस्या से डील करने में मदद मिलती है।
इस बारे में स्किन एक्सपर्ट डॉ कशिश कालरा का कहना है कि वे लोग जिनकी त्वचा पर धूल, मिट्टी और स्किन प्रोडक्टस के इस्तेमाल के बार बर्निंग सेंसेशन, इचिंग और रैशेज की समस्या बढ़ने लगे। इस प्रकार की त्वचा को सेंसिटिव स्किन कहा जाता है। ऐसे लोगों की त्वचा में रूखापन नज़र आता है। साथ ही ब्यूटी प्रोड्क्टस और खुशबू से स्किन इरिटेशन का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा संवेदनशील त्वचा पर एक्ने, एलर्जी और एटोपिक डर्माटाइटिस का जोखिम बना रहता है।
सेंसिटिव त्वचा पर कोई भी प्रोडक्ट का प्रयोग करने से लालिमा और रैशेज की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा पर्यावरण में मौजूद पॉल्यूटेंटस भी स्किन के टैक्सचर को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। खासतौर से नाक, चीक्स और माथे पर इचिंग की समस्या बढ़ने लगती है।
ऐसे लोग जिनका स्किन टैक्सचर सेंसिटिव है, उनके चेहरे पर ड्राई पैचेज़ बढ़ने लगते है। त्वचा पर मॉइश्चर की कमी रहने से स्किन रूखी और फ्लेकी लगने लगती है। आमतौर पर चेहरे को धोने के बाद त्वचा रूखी और टाइट दिखने लगती है। ये स्किन पर मॉइश्चर की कमी को दर्शाता है।
स्क्रिन केयर प्रोडक्टस से लेकर किसी फेब्रिक के पहनने से होने वाली खुजली और इरिटेशन सेंसिटिव स्किन का संकेत देती है। इससे त्वचा पर खुजली, चिपचिपाहट और इरिटेशन महसूस होने लगती है। दरअसल, हार्श केमिकल्स के संपर्क में आने से त्वचा की सेंसिटीविटी प्रभावित होने लगती है।
एक्ने और ब्रेकआउटस त्वचा के निखार और खूबसूरती को कम करने लगते है। किसी चीज़ को त्वचा पर अप्लाई करने से होने वाली इरिटेशन मुहासों का कारण बनने लगती है। क्रीम के अलावा खुशबू और अल्कोहल एडिड प्रोड्क्टस ब्रेकआउट्स का कारण बन जाते है।
एक्सपर्ट के अनुसार वे लोग जिनकी त्वचा संवेदनशील हैं, उन्हें नहाने या फेसवॉश के तुरंत बार मॉइश्चराइजिंग लोशव या क्रीम अप्लाई करना चाहिए। अन्यथा त्वचा का रूखापन बढ़ने लगता है। साथ ही रैशेज़ और फ्लेकी स्किन का सामना करना पड़ता है। रात को सोने से पहले भी त्वचा को मॉइश्चराइज़ करना न भूलें।
फ्रैगरेंस से भरपूर साबुन और बॉडी वॉश इस्तेमाल करने से त्वचा एलर्ज़न्स और इरिटेंटस के संपर्क में आने लगती है, जिससे त्वचा पर रेडनेस और खुजली की समस्या बनी रहती है। ऐसे में किसी भी खुशबूदार ब्यूटी प्रोडक्ट और फेसवॉश का प्रयोग करने से बचना चाहिए।
किसी भी प्रकार के ब्यूटी प्रोडक्ट का प्रयोग करने से पहले चेहरे पर लगाने से पहले हाथ पर उसका पैच टेस्ट करके देख लें। इससे त्वचा को एलर्जी से बचाने में मदद मिलती है। साथ ही किसी भी प्रोडक्ट को प्रयोग करने से पहले इस बात की जांच कर लें कि वे डर्मैटोलॉजिकली टेस्टिड है या नहीं।
स्टीमिंग से पोर्स ओपन करने में मदद मिलती है। मगर साथ ही उससे सेंसिटिव स्किन वाले लोगों को त्वचा के रूखेपन का सामना करना पड़ सकता है। स्किन को गर्म पानी के संपर्क में लाने से बचें और सामान्य पानी का प्रयोग करे। एक्ने और ब्रेकआउट्स का सामना करने वाले लोग गर्म पानी के प्रयोग से बचें।
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