scorecardresearch

बेबी से ब्रेस्टफीडिंग छुड़ाना मुश्किल हो रहा है, तो ये एक्सपर्ट टिप्स हो सकती हैं आपके लिए मददगार

छह माह के बाद बच्चे को मां के दूध के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों की भी जरूरत होती है। इसलिए समय रहते स्तनपान छुड़वाना जरूरी है। आइए जानते हैं एक्सपर्ट से स्तनपान छुड़वाने का सही समय और कुछ टिप्स भी
Updated On: 5 Sep 2024, 01:09 pm IST
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
Breastmilk se duri kaise banayein
छ महीने के बाद बच्चा धीरे धीरे सॉलिड फूड खाने लगता है। इससे बच्चे को बार बार ब्रेस्टफीड की आवश्यकता महसूस नहीं होती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

शिशु के जन्म के बाद सबसे पहला आहार मां का दूध (Breastfeeding) ही होता है। इससे बच्चे को मां का स्पर्श और पोषण दोनों मिलता है। मां के नज़दीक रहकर बच्चा खुद को सुरक्षित महसूस करता है। असल में स्तनपान (Breastfeeding benefits) शिशु के लिए केवल पेट भरने का ही नहीं, बल्कि मां के स्पर्श और भावनात्मक संबल का भी स्रोत है। यही वजह है कि कुछ बच्चे छह माह, एक साल या दो साल बाद तक भी स्तनपान करते रहते हैं।

अगर आप वर्किंग मदर हैं, तो ये आपके लिए तो परेशानी का सबब होगा ही, बच्चे की ग्राेथ के लिए भी सही नहीं होगा। छह माह के बाद बच्चे को मां के दूध के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों की भी जरूरत होती है। इसलिए समय रहते स्तनपान छुड़वाना जरूरी है। पर आप कैसे जानेंगी कि अब शिशु से स्तनपान छुड़वाने का समय (signs baby is ready to wean from breastfeeding) आ गया है? और क्या है इसका सही तरीका (how to wean off breastfeeding)? आइए एक एक्सपर्ट से जानते हैं।

अमेरिकन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार जन्म के बाद पहले 6 महीनों तक शिशु को स्तनपान करवाने की सलाह दी जाती है। उसके बाद 1 साल का होने तक बच्चे को दूध और ठोस आहार देनी की सलाह दी जाती है। फिर धीरे धीरे ब्रेस्टमिल्क (breastmilk) की जगह बच्चे को गाय का दूध दिया जाना चाहिए।

किस उम्र तक शिशु के लिए ब्रेस्टफीड है ज़रूरी

इस बारे में पीडियाट्रीशियन डॉ अभिषेक नायर बताते हैं कि छ महीने के बाद बच्चा धीरे धीरे सॉलिड फूड (solid food) खाने लगता है। इससे बच्चे को बार बार ब्रेस्टफीड की आवश्यकता महसूस नहीं होती है। जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है बच्चे को दिन में 5 सॉलिड मील्स देनी चाहिए, जिससे बच्चा ब्रेस्टफीड से दूरी बना लेता है। अधिकतर बच्चे मा के स्पर्श को महसूस करने के लिए लंबे वक्त तक ब्रेस्टफीड से जुड़े रहते है। मगर ब्रेस्टफीड सेशन (Breastfeed session) का छोटा होना और दूध पीने में आनाकानी इस बात को दर्शाता है कि बच्चा ब्रेस्टफीड से दूरी बना रहा है।

Breastfeed ke fayde
जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है बच्चे को दिन में 5 सॉलिड मील्स देनी चाहिए, जिससे बच्चा ब्रेस्टफीड से दूरी बना लेता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

जानते हैं वो संकेत जो बताते हैं कि बच्चा ब्रेस्टफीड नहीं चाहता

स्तनपान के दौरान आनाकानी करना
नर्सिंग सेशन का छोटा होना यानि जल्दी से बच्चे का पेट भर जाना
दूध पीने के दौरान बच्चे का ध्यान आसानी से भटक जाना
बच्चा दूध पीने के दौरार ब्रेस्ट बाइटिंग करना

इन तरीकों से ब्रेस्टफीड छुड़वाएं

1. बच्चे को बार बार ब्रेस्ट फीड करवाने से बचें

नवजात को हर 2 से 3 घंटे में दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। मगर 6 महीने के बाद बच्चा सॉलिड मील लेने लगता है। ऐसे में बच्चे को जब भूख लगे, केवल तभी बच्चे को स्तनपान करवाएं। इससे बच्चा अपने आप ब्रेस्टफीडिंग से दूरी बनाने लगता है।

2. सॉलिड मील्स दें

डॉ अभिषेक के अनुसार बढ़ते बच्चे को बार बार भूख लगने लगती है। ऐसे में पेट को भरने के लिए दिनभर में 5 छोटी मील्स दें। इससे बच्चे को भरपूर नींद आती है और बार बार दूध पिलाने की समस्या हल होने लगता हैं। बच्चे को आहार में मैशड आलू, दही, खिचड़ी, दाल का पानी और एप्पल प्यूरी समेत सॉफ्ट डाइट दें। इससे बच्चे में टेस्ट बड्स डेवलप होने लगते हैं।

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

3. स्तनपान को बॉटल और कप से रिप्लेस करें

दूध पिलाने के लिए ब्रेस्टफीडिंग को बॉटल और कप से रिप्लेस करें। इससे बच्चा नई चीजों कें संपर्क में आता है और ब्रेस्टफीड से दूरी बना लेता है। बॉटल और कप के ज़रिए बच्चे भरपूर मात्रा में दूध का सेवन कर पाते हैं। डॉक्टर की सलाह से फॉर्मुला मिल्क और गाय का दूध दे सकते हैं।

Breastfeeding ko kaise replace karein
दूध पिलाने के लिए ब्रेस्टफीडिंग को बॉटल और कप से रिप्लेस करें। इससे बच्चा नई चीजों कें संपर्क में आता है और ब्रेस्टफीड से दूरी बना लेता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

4. बच्चे का ध्यान हटाएं

बच्चों को अलग अलग एक्टीविटीज़ में एगेंज करने का प्रयास करे। इसके लिए वर्किंग मदर्स डे केयर सेंटर्स की मदद ले सकती है। इससे न केवल बच्चे के स्किल्स बढ़ते हैं बल्कि बच्चे का ध्यान दूसरी ओर डायवर्ट होने लगता है। इससे बच्चे बार बार दूध पीने की जिद्द नहीं करते हैं।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख