क्या आपने कभी सुना है कि गाल स्टोन और कंधे के दर्द का आपस में कोई संबंध हो सकता है? शायद नहीं! लेकिन ये सच है। अमूमन ऐसी सूरत में पेट में दर्द आम है और ये सही भी है क्योंकि ये हमारे लीवर से जुड़ी दिक्कत है लेकिन इसका असर हमारे कंधों तक भी आता है। अक्सर लोग कंधे में दर्द की वजह से परेशान रहते हैं और समझते हैं कि ये सामान्य मांसपेशियों का दर्द है लेकिन क्या होगा अगर ये दर्द किसी गंभीर समस्या की वजह से हो? आज हम आपको यही बताने वाले हैं कि गाल स्टोन और कंधे के दर्द के बीच का ये कनेक्शन क्या है, गाल स्टोन कब होते हैं, इसके लक्षण (gall stone symptoms) क्या होते हैं और इससे बचने के तरीके क्या हैं?
गाल स्टोन मुख्य रूप से हमारे गाल ब्लैडर में बनते हैं जो हमारे लिवर के पास स्थित एक छोटी सी थैली होती है। गाल स्टोन (gall stone symptoms) तब बनते हैं जब गाल ब्लैडर में बाइल (bile) के तत्व, जैसे कोलेस्ट्रॉल या पिगमेंट जमा हो जाते हैं और ठोस रूप में बदलने लगते हैं। ये स्टोन उस जगह पर जमा हो जाते हैं, जिससे बाइल के फ्लो में रुकावट आती है। ये स्टोन दो तरह के होते हैं –
यह सबसे आम तरह का स्टोन है जो अक्सर मरीजों में पाया जाता है। जब बाइल में ज्यादा कोलेस्ट्रॉल होता है, तो ये स्टोन (gall stone symptoms) बन सकते हैं।
जब बाइल में बिलिरुबिन नामक पदार्थ की अधिकता होती है, तो ये स्टोन बनते हैं। यह आमतौर पर खून की बीमारियों या संक्रमण के कारण होता है।
1. मोटापा – जब आपका वजन ज्यादा होता है, तो बाइल में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे गाल स्टोन (gall stone symptoms) बनने का खतरा बढ़ता है।
2. आहार – खराब आहार, जिसमें ज्यादा फैट और कोलेस्ट्रॉल हो, गाल स्टोन का कारण (gall stone symptoms) बन सकता है।
3. हार्मोनल परिवर्तन- महिलाओं में प्रेगनेंसी, मेनोपॉज या पीरियड्स के दौरान हुए हार्मोनल बदलावों के कारण गाल स्टोन बनने की संभावना बढ़ सकती है।
4. उम्र – जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, गाल स्टोन का खतरा भी बढ़ता है, खासकर 40 साल के बाद ये खतरा और बढ़ जाता है
5. जीन्स – अगर आपके परिवार में किसी को गाल स्टोन (gall stone symptoms) हुआ है, तो आपको भी इस समस्या से जूझना पड़ सकता है।
गाल स्टोन हमेशा लक्षण (gall stone symptoms) नहीं दिखाते, खासकर जब वे छोटे होते हैं। लेकिन जब ये बड़े हो जाते हैं और गाल ब्लैडर के रास्ते में रुकावट डालते हैं, तो कई लक्षण सामने आ सकते हैं-
गाल स्टोन के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक है पेट के दाहिने हिस्से में तेज दर्द। यह दर्द (gall stone symptoms) अचानक आता है और काफी तीव्र हो सकता है।
गाल स्टोन की वजह से बाइल का फ्लो प्रभावित होता है, जिससे पेट में असहजता होती है और अक्सर मतली और उल्टी की समस्या होती है।
जब बाइल फ्लो में रुकावट आती है, तो पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जिससे गैस, अपच, और पेट में भारीपन (gall stone symptoms) महसूस हो सकता है।
अगर गाल स्टोन की वजह से बाइल का फ्लो पूरी तरह से रुक जाता है, तो यह पीलिया का कारण बन सकता है, जिसमें आपकी त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ जाता है।
गाल स्टोन से बचने का खाने में बदलाव सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है। ज्यादा फाइबर, कम फैट वाली चीजें खाने में शामिल करिए।
ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज खाने से गाल स्टोन के खतरे (gall stone symptoms) को कम किया जा सकता है।
अगर आपका वजन ज्यादा है, तो इसे धीरे-धीरे घटाने की कोशिश करें। अत्यधिक तेजी से वजन घटाने से गाल स्टोन (gall stone symptoms) बनने का खतरा बढ़ सकता है। नियमित शारीरिक गतिविधि से न केवल आपका वजन नियंत्रित रहता है, बल्कि यह आपकी पाचन प्रक्रिया को भी बेहतर बनाता है।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से बाइल में घुलनशील तत्वों की संतुलित मात्रा बनी रहती है और गाल स्टोन बनने के खतरे को कम किया जा सकता है।
दिन में तीन बार खाने की बजाय छोटे-छोटे और नियमित अंतराल पर भोजन करने से पाचन प्रक्रिया बेहतर रहती है और गाल स्टोन बनने (gall stone symptoms) के खतरे को कम किया जा सकता है।
तला-भुना और ज्यादा फैटी खाना और इसके साथ ही सैचुरेटेड फैट से बचना चाहिए क्योंकि ये गाल स्टोन के खतरे (gall stone symptoms) को बढ़ाते हैं।
अब सवाल ये उठता है कि कंधे में दर्द कैसे हो सकता है जब हम बात गाल स्टोन की कर रहे हैं? असल में गाल स्टोन के कारण होने वाले दर्द को हम “रिफ़रेड पेन” कहते हैं। इसका मतलब है कि दर्द उस जगह महसूस होता है जहां वह पैदा नहीं हो रहा होता बल्कि कहीं और से महसूस होता है।
जब गाल स्टोन की वजह से गाल ब्लैडर में इन्फ्लेमेशन या सूजन होती है तो यह हमारे पेट के दाहिने हिस्से में दर्द पैदा करता है जो कभी-कभी कंधे तक फैल सकता है खासकर दाहिने कंधे में। यह दर्द काफी तेज होता है और अक्सर बाद में गाल स्टोन के इलाज के बिना बढ़ता जाता है।
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