खानपान में सतर्कता बरतने के बाद भी कई बार आहार में शामिल की जानेवाली कुछ चीजें माइग्रेन (migraine) के लक्षणों को बढ़ा देती है। इसके चलते अचानक से सिर के एक हिस्से में तेज़ दर्द उठने लगता है, जो कभी भी किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है। कई घंटों तक सिर में रहने वाले इस तीखे दर्द को कम करने के लिए दवाओं के अलावा अपनी मील में कुछ बदलाव लाने आवश्यक हैं। जानते हैं वो 5 फूड्स जिनसे बढ़ जाता है माइग्रेन का खतरा (foods that trigger migraine)।
माइग्रेन रिसर्च फाउनडेशन के अनुसार अलग अलग लोगों को अलग अलग ढ़ग से माइग्रेन का दर्द (migraine) ट्रिगर करता है। लाइफस्टाइल, एनवायरमेंटल, वैदर, मेडिकेशन और फूड ट्रिगर इस दर्द को बढ़ा देते हैं। इसके लिए आहार में कैफीन, अल्कोहल, टायरामाइंस और प्रोसेस्ड फूड को शामिल न करें।
इस बारे में डायटीशियन डॉ अदिति शर्मा बताती हैं कि अचार, जंक फूड, शुगर रिच डाइट और लो प्रोटीन को अवॉइड करना बेहद ज़रूरी है। साथ ही शरीर में पानी की उच्च मात्रा को बनाए रखना चाहिए। दरअसल, कुछ फूड इरिटेंटस (food irritants) शरीर में दर्द और सूजन का कारण बनने लगते है। इसके अलावा राजमा, चने और कुछ गैस फॉर्मिंग वेजिटेबल्स पेट में ब्लोटिंग (bloating) का कारण बन जाती है, जिससे माइग्रेन ट्रिगर (migraine trigger) होने लगता है और तेज़ दर्द का सामना करना पड़ता है। इससे राहत पाने के लिए प्रोसेस्ड फूड, सिगरेट, कॉफी, चाय व शुगर रिच फूड्स दूरी बना लेना चाहिए।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार आहार में शामिल 5 सी के सेवन से माइग्रेन का सामना करना पड़ता है। वे लोग जिन्हें फूड सेंसिटीविटी की समस्या होती हैं उन्हें अपनी डाइट में चीज़, चॉकलेट, कॉफी, कोक और खट्टे फलों को शामिल करने से बचना चाहिए। इससे सिरदर्द की समस्या तेज़ी से बढ़ने लगती है।
एनआईएच की रिसर्च के अनुसार लगातार स्मोकिंग करने से इसमें मौजूद निकोटिन और अन्य टाक्सिक संबसटांस पेन सेंसिटिव नर्व को स्टीम्यूलेट करती है, जिससे सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। सिगरेट पीने से सिरदर्द और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा वॉमिटिंग और थकान भी बढ़ने लगती है।
ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन करने से शरीर में डिहाइड्रेशन का खतरा बना रहता है, जिससे ब्रेन को ऑक्सीजन की प्राप्ति नहीं होती है, जिससे सिरदर्द की समस्या बढ़ जाती है। इसके अलावा कैफीन डयूरेटिक होती है, जिसके चलते बार बार यूरिन पास करने कीसमस्या बनी रहती है। रिसर्चगेट के अनुसार कैफीन ब्लड वेसल्स को नैरो बना देती है। मगर सेवन के बाद ब्ल्ड वैसल्स एनलार्ज होने लगती हैं, जिससे जिससे ब्रेन में ब्लड फ्लो बढ़ने लगता है और नर्वस में प्रेशर बना रहता है।
आमतौर पर शेक्स और डेजर्ट में प्रयोग की जाने वाली चॉकलेट का सेवन करने से कैफीन और बीटा फेनिलथाइलामाइन दोनों की प्राप्ति होती हैं, जो माइग्रेन को ट्रिगर करने करने लगते हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार किए गए रिसर्च में पाया गया कि 33 फीसदी लोगों को चॉकलेट के कारण सिरदर्द का सामना करना पड़ता है।
एजड चीज में टायरामाइन सबस्टांस पाया जाता है, जब बैक्टीरिया प्रोटीन को ब्रेक करता है, तो ये चीज़ में चीज़ में बढ़ता है और माइग्रेन को ट्रिगर करता है। पनीर जितना पुराना होता है, टायरामाइन उतनी ही ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। वे लोग जो माइग्रेन का सामना करते हैं, उन्हें एजड चीज़ के सेवन से बचना चाहिए।
कोल्ड और शुगरी बैवरेजिज़ का सेवन करने से नर्वस स्टीम्यूलेट होने लगती है, जिससे दर्द का खतरा बना रहात है। इसमें मौजूद सोडा और कैफीन की मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसके अलावा अतरिक्त शुगर का सेसन भी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है।
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