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त्योहारों में जमकर खाया है, तो अब जानिए पोस्ट फेस्टिव डिटॉक्स के तरीके

फेस्टिव सीज़न में अक्सर तला भुना खाने से शरीर में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की कमी बढ़ने लगती है। इससे निर्जलीकरण का खतरा बना रहता है, जो डायरिया और मतली की समस्या को बढ़ा देता है। ऐसे में बॉडी डिटॉक्स आवश्यक है।
आहार में 80 फीसदी हिस्सा पौष्टिक आहार शामिल होना चाहिए और 20 फीसदी हिस्सा प्रोसेस्ड फूड का शामिल करे, ताकि एसिडिटी और फूड प्वाइजनिंग से बचा जा सके। चित्र : शटरस्टॉक
Published On: 1 Nov 2024, 08:00 am IST
इनपुट फ्राॅम

त्योहारों के मौके पर बिना रोक टोक कभी मिठाई, तो कभी ऑयली फूड्स खूब चाव से खाए जाते है। ऐसे में सेहत पर इसका दुष्प्रभाव पड़ना लाज़मी है, जो कुछ दिन बाद इनडाइजेशन का कारण साबित होता है। पाचनतंत्र में आने वाली रूकावट से न केवल कब्ज और ब्लोटिंग का सामना करना पड़ता है बल्कि पेट पर चर्बी भी बढ़ने लगती है। एक के बाद एक यिलसिलेवार ढ़ग से होने वाले त्योहार और उत्सव में प्रोसेस्ड फूड खाने से शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी बढ़ने लगती है। ऐसे में फेस्टिव सीज़न के बाद शरीर को डिटॉक्स करके डाइजेशन बूस्ट करने के लिए कुछ खास फूड्स को आहार में शामिल करना आवश्यक है (post festive detox)।

नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ सांइस के अनुसार मज़बूत पाचनतंत्र के लिए 80/20 नियम यानि पैरेटो सिद्धांत को अपनाएं। इससे शरीर को संतुलित रखा जा सकता है। इसके मुताबिक आहार में 80 फीसदी हिस्सा पौष्टिक आहार शामिल होना चाहिए और 20 फीसदी हिस्सा प्रोसेस्ड फूड का शामिल करे, ताकि एसिडिटी और फूड प्वाइजनिंग से बचा जा सके।

बारे में डायटीशियन मनीषा गोयल बताती हैं कि फेस्टिव सीज़न में अक्सर तला भुना खाने से शरीर में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की कमी बढ़ने लगती है। इससे निर्जलीकरण का खतरा बना रहता है, जो डायरिया और मतली की समस्या को बढ़ा देता है। ऐसे में डाइजेशन को बूस्ट करने के लिए हाइड्रेटिंग पेय पदार्थों का सेवन करें। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बना रहता है। इसके अलावा ऑयली फूड और अल्कोहल से बचे। इससे शरीर में पोषक तत्वों का एबजॉर्बशन बढ़ाया जा सकता है।

डाइजेशन को बूस्ट करने के लिए हाइड्रेटिंग पेय पदार्थों का सेवन करें। इससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का बैलेंस बना रहता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

यहां हैं पोस्ट फेस्टिव डिटॉक्स के लिए 5 इफेक्टिव टिप्स (Here are 5 effective tips for a post-festive detox)

1. प्रोबायोटिक्स का सेवन करें

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से शरीर में प्रोटीन और विटामिन्स का एब्जॉर्बशन बढ़ जाता है। इसके अलावा गुड बैक्टीरिया है, जिससे गट मकी मात्रा में बढ़ोतरी होती है। माइक्रोबायोटा को संतुलित रखा जा सकता है। साथ ही कोलन का पीएच स्तर कम होने लगता है, जिससे बॉवल मूवमेंट नियमित हो जाता है। इसके लिए आहार में दही, पनीर, इडली, अचार और लस्सी को शामिल करें।

2.फाइबर रिच डाइट लें

मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करने से शरीर को फाइबर की प्राप्ति होती है। आहार में इसकी मात्रा बढ़ाने से न केवल पाचनतंत्र को संतुलित रखा जा सकता है बल्कि वेटलॉस में भी मदद मिलती है। दरअसल, इसकी मदद से एपिटाइट को नियंत्रित करके म्यूक्स वॉल को प्रोटेक्ट किया जा सकता है। इससे कब्ज की समस्या दूर होती है और पाचन संस्थान उचित बना रहता है। इसके लिए आहार में सेब, नाशपाती, बीन्स, ब्रोकोली, जामुन, एवोकाडो, नट्स और साबुत अनाज को शामिल हैं।

मौसमी फलों और सब्जियों का सेवन करने से शरीर को फाइबर की प्राप्ति होती है। आहार में इसकी मात्रा बढ़ाने से न केवल पाचनतंत्र को संतुलित रखा जा सकता है चित्र : अडॉबीस्टॉक

3. शरीर को हाइड्रेट रखें

पानी की कमी कमज़ोरी, थकान और कब्ज का कारण बनने लगमी है। न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार पानी का उचित मात्रा में सेवन करें। इससे शरीर में मिनरल्स की कमी को पूरा करके टॉक्सिक पदार्थों को रिलीज़ करने में मदद मिलती है। सादे पानी के अलावा अदरक की चाय, पुदीने का पानी और हल्दी वाले दूध समेत हेल्दी पेय पदार्थों का सेवन करें।

4. एक्सरसाइज़ करें

शरीर को एनर्जाइज़ रखने के लिए रोज़ाना 20 से 30 मिनट बाइकिंग, जॉगिंग, टेनित्र साइकलिंग, हाई इंटैसिटी एक्सरसाइज़ और कार्डियो करे। इससे पेट स्वस्थ रहता है और मांसपेशियों में आने वाली ऐंठन को दूर किया जा सकता है। नियमित रूप से एक्सरसाइज़ करने से फेस्टिव सीज़न में शरीर में बढने वाली कैलोरीज़ को रोका जा सकता है।

शरीर को एनर्जाइज़ रखने के लिए रोज़ाना 20 से 30 मिनट बाइकिंग, जॉगिंग, टेनित्र साइकलिंग, हाई इंटैसिटी एक्सरसाइज़ और कार्डियो करे। चित्र- अडोबी स्टॉक

5. तेल और चीनी के सेवन से बचें

एडिड शुगर से शरीर में हाई बल्ड शुगर लेवल का खतरा बढ़ाने लगता है। इसके अलावा मीठे व्यंजनों का अधिक सेवन एसिड रिफ्लक्स का कारण बनने लगता है। चीनी युक्त आहार जहां शरीर को इंस्टेंट एनर्जी प्रदान करता है, तो वहीं ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करने से ब्लोटिंग, अपच और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार अत्यधिक चीनी का सेवन इंटेस्टाइनल बैरियर को बढ़ा देता है, जिससे गट माइक्रोबायोटा डिस्बिओसिस को जोखिम बढ़ जाता है। इसका असर म्यूकोज़ल इम्यून सिस्टम पर दिखने लगता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ने लगता है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

लेखक के बारे में
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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