सर्दियों में कई लोग SAD यानी सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर का सामना करते हैं। ये एक प्रकार का डिप्रेशन है, जो खासतौर पर ठंड के महीनों में होता है। इस स्थिति में कई शारीरिक और मानसिक लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, यह कोई बीमारी नहीं है, पर इस प्रकार का मूड डिसऑर्डर आपको बेहद परेशान कर सकता है। इसलिए इसके प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है। श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट दिल्ली के सायकेट्री डिपार्मेंट के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर प्रशांत गोयल ने SAD के लक्षणों पर नियंत्रण पाने के कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं, तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से (how to overcome seasonal affective disorder)।
डॉक्टर प्रशांत गोयल के अनुसार “SAD के लक्षण आमतौर पर ठंडे मौसम और सूरज की रोशनी में कमी के कारण नजर आते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को बहुत अधिक थकान, उदासी, और निराशा महसूस हो सकती है।
इसके अलावा, अन्य लक्षणों में नींद से जुड़ी परेशानी, खाने की आदतों में बदलाव जैसे ज्यादा खाने की इच्छा और किसी भी चीज पर फोकस करने में कमी शामिल हो है। SAD के कारण आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आप अधिक चिंतित रहती हैं, और तनाव का स्तर भी बढ़ जाता है।”
डॉ प्रशांत गोयल कहते हैं “SAD से निपटने के कई आसान तरीके हैं। ठंड के मौसम में बाहर जाएं और सूरज की रोशनी लें। यह आपके मूड को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकता है और विटामिन D की कमी को भी दूर करता है। नियमित रूप से योग औऱ व्यायाम करें, यह आपके शरीर में हैप्पी हार्मोन एंडोर्फिन का स्तर बढ़ा देता है। एक हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें, ताकि आपको बोरियत महसूस न हो।”
“सोशल एक्टिविटी में शामिल हों और अपने परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताएं। विटामिन D, ओमेगा-3 फैटी एसिड और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखता है। अगर इन उपायों के बावजूद भी समस्या बनी रहती है, तो आपको किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।” SAD को समय पर पहचानकर सही उपचार से इसे बेहतर किया जा सकता है।
जब आप उदास महसूस करते हैं, तो खुद को अलग-थलग करने की कोशिश करना आसान होता है। लेकिन सामाजिकता मानसिक स्वास्थ्य और अकेलेपन की भावनाओं को बेहतर बनाने में मददगार साबित होती है। अपने पसंदीदा लोगों के साथ एक छोटी सी मूवी नाइट आपके मूड को बेहतर बना सकती है।
जबकि स्वस्थ खाना ज़रूरी है, और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकता है। ऐसा खाना खाना भी ज़रूरी है जो आपको बेहतर महसूस करने में मदद करे। एक छोटी सी फेवरेट स्नैक्स ट्रीट आपको खुश कर सकती है। छोटी-छोटी चीज़ों का आनंद लेने का मौका ढूंढे।
ठंड के महीनों में, खुद को बाहर समय बिताने के लिए तैयार करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। भले ही यह दिन में 20 मिनट के लिए ही क्यों न हो, बाहर जाकर अपने मूड को रिफ्रेश करने की कोशिश करें। अगर बाहर समय बिताना बहुत ठंडा है, तो खिड़की खोलकर किताब पढ़ने की कोशिश करें, ताकि आपको आराम करने और ताज़ी हवा में सांस लेने का मौका मिल सके।
अपने दिमाग को व्यस्त रखने के लिए कुछ करना SAD की भावनाओं से ध्यान हटाने या निपटने का एक आसान तरीका है। जिम जॉइन करें, पढ़ने के लिए कोई नई किताब या कोई नया क्राफ्ट प्रोजेक्ट ढूंढे। साथ ही अपनी पसंदीदा हॉबी जैसे कि पेंटिंग, डांसिंग आदि का अभ्यास करें। इससे खुश रहने में मदद मिल सकती है।
शेड्यूल बनाए रखने से SAD के कई प्रभाव जैसे नींद आना या भूख लगने जैसे लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। अगर आप एक ही समय पर जागते और सोते हैं, तो इससे थकान या अनिद्रा जैसी चीज़ों पर काबू पाना आसान हो जाता है।
अनिद्रा और नींद की कमी SAD के कॉमन लक्षण हैं, इसलिए लोग कैफीन युक्त ड्रिंक्स लेना शुरू कर देते हैं। ऐसे में बॉडी डिहाइड्रेटेड हो सकती है। इसे अवॉइड करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, और ऐसे पेय पदार्थों का सेवन न करें जो ध्यान केंद्रित करने या सोने में मुश्किल पैदा कर सकते हैं।
विटामिन डी की कमी डिप्रेशन के लक्षणों को अधिक बढ़ा देती हैं। नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ के अनुसार, SAD वाले लोगों में विटामिन डी का निम्न स्तर पाया गया है। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपको दिन में पर्याप्त धूप मिले साथ ही अपने आहार में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
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