कुम्भ 2025 की शुरुआत और चल रहा आयोजन एक जोश और उल्लास के साथ जरूर शुरू हुआ था। लेकिन बीते दिनों ये एक बुरी खबर भी लाया। खबर ये कि महाकुम्भ में मौनी अमावस्या स्नान के दौरान भगदड़ मची जिसमें सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए और तीस लोगों की मृत्यु हो गई। भीड़ में मची अफरातफरी की वजह से ये भगदड़ हुई। लेकिन इस भीड़ में कुछ सावधानियां रखनी जरूरी होती हैं जिससे इन सारे खतरों के बीच खुद को बचाए रखा जा सके। आज हम इन्हीं (how to stay safe in crowded place) के बारे में बात करने वाले हैं कि कुम्भ जैसी जगहों पर जहां लाखों लोग एक जगह एकत्रित हों, खुद को सुरक्षित रखने के जतन क्या हैं?
ऐसे मौकों पर जहां भीड़ ज्यादा हो, वहां खुद को शांत रखना सबसे ज्यादा जरूरी (how to stay safe in crowded place) है। घबराहट और अफरातफरी ही अमूमन स्थिति बिगाड़ती है। इसी वजह से आप भी खतरे में पड़ते हैं और आपके साथ अन्य लोग भी। ऐसी स्थिति में मेंटली मजबूत और शांत रहना सबसे जरूरी काम है। अगर आप किसी भीड़ में फंसे हुए हैं तो घबराएं नहीं। धीरे-धीरे मूवमेंट करें और पीछे या सामने धक्का देने से बचें। यह न सिर्फ आपकी सुरक्षा के लिए अच्छा है बल्कि दूसरों को भी मदद करेगा। अगर अचानक भगदड़ मच जाए तो शांत रहते हुए जल्दी से सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ें।
दूसरा काम जो सबसे ज्यादा जरूरी है वो है कि मेले में घुसने से पहले ही ये आपको पता रहना चाहिए कि सुरक्षा के इंतेजाम क्या हैं और आपको उन तक कैसे पहुंचना है, तब जब कोई इमरजेंसी हो। फिजीशियन डॉक्टर संतोष अग्रहरी के मुताबिक, हमने ऐसे भी केसेस देखे हैं जब लोग केवल इसलिए परेशान हुए कि उन्हें नहीं पता था कि इलाज के लिए कहाँ जाना है, कैसे मदद (how to stay safe in crowded place) बुलानी है।
इसके लिए मेले में आने से पहले जहां सुरक्षा और मेडिकल टीम हैं उनके प्वाइंट्स का पता करें। कई बार मेले में आकर हमें इन चीजों की जानकारी नहीं होती और फिर हम मुश्किल में फंस जाते हैं। तो बेहतर है कि आप पहले से अपनी योजना बना लें कि अगर कुछ गलत हो तो आपको कहां जाना है और किससे संपर्क करना है।
हालांकि ये सुझाव (how to stay safe in crowded place) आस्था को ध्यान में रखते तो सही नहीं क्योंकि स्नान के कुछ विशेष मौके होते हैं जिनका अपना धार्मिक महत्व है लेकिन अगर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सोचें तो ये जरूरी है।
कम भीड़ भाड़ वाले दिन चुनना इसलिए भी जरूरी है ताकि आप भगदड़ या अफरातफरी जैसी स्थिति के शिकार न बनें। ऐसे में तय दिनों के पहले या बाद के दिनों को चुनना सबसे अच्छा है। इसके अलावा, देर रात या अल सुबह का वक्त भी अच्छा है जब कम भीड़ होती है। इससे आप अपने आध्यात्मिक परंपराओं का पालन अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कर पाएंगे।
जहां करोड़ों की भीड़ हो, वहाँ आप गाड़ी से जाएंगे, यह सोचना बेकार की कल्पना है। कई बार ऐसी स्थिति में आयोजन से कुछ एक किलोमीटर पहले ही गाड़ियों की एंट्री रोक दी जाती है। ऐसा इसलिए ताकि जाम की स्थिति को टाला जा सके। लेकिन यह आपको ज्यादा पैदल चलने पर मजबूर करता है और इसके साथ धक्कामुक्की के मौके भी बढ़ते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आपका शरीर इसके लिए तैयार (how to stay safe in crowded place) है कि नहीं। एक बार भीड़ में जाने के बाद अगर आप थक गए या आपकी स्थिति बिगड़ गई तो फिर आप और मुश्किल में फँसेंगे।
पुराने दिन गए जब न फोन थे और न ही संपर्क का कोई त्वरित माध्यम। ऐसे में मेले में बिछड़े लोग कई दिन, कई महीने या कई साल बाद मिलते थे। लेकिन अब जब हमारे पास संसाधन है तो उसका हमें बेहतर तरीके से इस्तेमाल करना आना चाहिए।
खासकर ऐसे मौकों पर जब हम भीड़-भाड़ वाली जगहों पर हों। इसके लिए सबसे पहले तो कुम्भ मेला में जाएं तो अपने फोन की बैटरी को पूरी तरह से चार्ज रखें। फोन पर मेले के आस-पास के पुलिस या मेडिकल हेल्पलाइन नंबर सेव करें ताकि इमरजेंसी में आपको आसानी से मदद (how to stay safe in crowded place) मिल सके।
कुम्भ मेला में आपको काफी चलना और बहुत देर तक खड़े रहना पड़ सकता है। और आपको इसकी तैयारी (how to stay safe in crowded place) भी कर के रखनी है। इसलिए मेले में जाते वक्त पानी की बोतल जरूर लेकर चलें। आप हल्का खाना भी लेकर जा सकते हैं जैसे – फल, नट्स या अन्य स्नैक्स, ताकि आपकी ऊर्जा बनी रहे। इससे आपको थकान और कमजोरी से बचने में मदद मिलेगी। इसके अलावा अगर आप किसी ऐसी जगह फंस जाते हैं जहा पानी और खाने की चीज का इंतेजाम नहीं तो आपकी रखी हुई चीजें आपके काम आएंगी।
डॉक्टर संतोष कहते हैं कि कुम्भ के दौरान बच्चे और बुजुर्गों पर अतिरिक्त ध्यान (how to stay safe in crowded place) रखना जरूरी है। बुजुर्गों के लिए जो भी जरूरी दवाएं या चीजें हों वो अपने साथ रखिए। उन पर हमेशा नजर बनाएं रखें ताकि वो कहीं भटकने न पाएं। ऐसा ही ख्याल कुछ बच्चों का भी रखना है। बच्चों को पहचानने के लिए एक पहचान पत्र दें, जिसमें उनका नाम, आपका नाम और कॉन्टेक्ट नंबर लिखा हो, ताकि उनके कहीं खो जाने की स्थिति में आपसे उनका बात करना आसान हो।
ऑफिस आईडी कार्ड में या स्कूल के आईडी कार्ड में हमेशा इमरजेंसी कॉन्टेक्ट नंबर लिखा होता है। खासकर ऐसे पेशे में जहां फील्ड वर्क भी इनवॉल्व हो, वहाँ तो यह जरूरी प्रोसेस (how to stay safe in crowded place) है। आपको इसी प्रोसेस को कुम्भ जैसी जगहों पर भी निभाना है। किसी कारण से अगर आप रास्ता भटक जाएं, तबीयत खराब हो जाए या आप किसी दुर्घटना के शिकार हो जाएं तो आप कैसे पहचाने जाएंगे और आपके चाहने वालों को इसकी खबर कैसे होगी? इसके लिए जरूरी है कि आप अपने साथ आईडी कार्ड जरूर रखें। इस पर आपका नाम, आपका पता और इमरजेंसी कॉन्टेक्ट नंबर लिखा हो।
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