नवरात्रों के दिनों में अधिकतर लोग आलू का भरपूर सेवन करते है। फिर चाहे पूरी की स्टफिंग हो, आलू चाट हो या अन्य तरह के फ्राइड स्नैक्स। इससे ब्लोटिंग और निर्जलीकरण का जोखिम बढ़ने लगता है। उच्च कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आलू व्रत में आसानी से उपलब्ध होते हैं। मगर इसे खाने से शरीर को कार्ब्स के अलावा पोटेशियम और फाइबर के अलावा विटामिन और मिनरल की भी प्राप्ति होती है। अगर आप भी इस बार व्रत में आलू (potatoes for fasting) को शामिल करना चाहती है, तो इन हेल्दी तरीकों को अपनाएं।
आलू को ‘सोलनम ट्यूबरोसम’ कहा जाता है, जो स्टार्च से भरपूर जड़ वाली सब्ज़ियों में से एक हैं। डायटीशियन अवनी कॉल बताती हैं कि अगर आलू (potatoes for fasting)को ऑयल और बटर के बगैर बेक या बॉइल करके खाया जाता है, तो इससे कैलेरीज़ की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे शरीर को विटामिन सी, पोटेशियम और फाइबर की प्राप्ति होती है। इससे भूख को नियंत्रित करके वेटलॉस में मदद मिलती है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार आलू (potatoes for fasting) में प्रोटीनेज इनहिबिटर 2 नामक कंपाउड पाया जाता है। इससे पाचन को धीमा करके भूख को कम करने में मदद मिलती है। इससे डाइट बैलेंस रहती है और वज़न को संतुलित बनाए रखने में भी मदद मिलती है। यूएसडीए के अनुसार एक मीडियम साइज़ आलू का सेवन करने से शरीर को चार ग्राम प्रोटीन की प्राप्ति होती है।
यूएसडीए के अनुसार आलू में फाइटोन्यूट्रिएंट्स की उच्च मात्रा पाई जाती है। इसमें मौजूद ऑर्गेनिक कंपाउड स्वास्थ्य को मज़बूती प्रदान करते हैं। इससे शरीर को कैफिक एसिड, फ्लेवोनोइड्स और कैरोटीनॉयड की प्राप्ति होती हैं। इसके अलावा आलू विटामिन और मिरनल से भी भरपूर है।
आलू से रज़िस्टेंट स्टार्च की प्रापित होती है जो पेट में हेल्दी बैक्टीरिया को पोषण देने में मदद करते है। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वेटलॉस में मदद मिलती है। इससे पेट भरा हुआ महसूस होता है, जिससे ओवरइटिंग से बचा जा सकता है।
आलू का सेवन करने से शरीर को पोटेशियम और मैग्नीशियम की प्रापित होती है। इसमें मौजूद पोटेशियम की मात्रा सोडियम को नियंत्रित करके ब्लड प्रैशर को बढ़ने से रोकता है। इससे हृदय रोगों से बचाव और स्ट्रोक के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
इससे शरीर को कैल्शियम और मैग्नीशियम की भी प्राप्ति होती है, जिससे बोन डेंसिटी में सुधार आने लगता है। साथ ही दांतों की भी मज़बूती बढ़ने लगती है। इससे शरीर में पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ने लगता है, जिससे शरीर को कई फायदे मिलते हैं।
पानी में डालकर आलू को कुछ देर तक स्टीम होने के लिए रख दें। इसके लिए किसी स्टीमर या कूकर समेत अन्य बर्तन की मदद ली जा सकती है। इसे स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाने के लिए हर्बस को मिलाया। जा सकता है। सूखी मेथी, पिसा हुआ धनिया, हरे धनिए की पत्तियां, काली मिर्च और नमक समेत अन्य मसाले मिलाकर सेवन किया जा सकता है। अब इसे फिलिंग के तौर पर पूरी, कुट्टू के आटे का डोसा या फिर दही में मिला सकते हैं।
कार्बोहाइड्रेट से भरपूर आलू को स्लाइज़ में काटकर बेक कर सकते हैं। इसमें माइक्रोन्यूट्रिएंटस की उच्च मात्रा पाई जाती है। बेक करने के बाद स्वादानुसार मसालों को एड करके खाया जा सकता है। इसके अलावा चाट बनाने के लिए बेक पोटेटो का इस्तेमाल किया जा सकता है। फाइबर से भरपूर होने के कारण बार बार भूख लगने की समस्या से बचा जा सकता है।
आलूओं को अच्छी तरह से धो लें और उन्हें छीलकर गोलाकार काट लें। अब उसे अवन में रोस्ट होने के लिए रख दें। टाइमर सेट कर लें। पकने के बाद इसमें नींबू, धनिया और अन्य मसाले मिलाएं। अब कुट्टू की पूरी या स्नैक्स के तौर पर सेवन करें।
सूप बनाने के लिए अन्य सब्जियों के साथ आलू को भी काटकर एड कर दें। इससे टैस्चर क्रीमी हो जाता है। साथ ही फाइबर की भी भरपूर मात्रा में प्राप्ति होती है। इससे शरीर में विटामिन और मिनरल की कमी को पूरा किया जा सकता है।
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