‘नौतपा’ यानी गर्मी से तपाने वाले नौ दिन शुरू हो चुके हैं। अधिकतम तापमान वाले नौ दिनों को संदर्भित करने वाली यह देसी भारतीय टर्म है। 25 मई से शुरु हो चुका एक्स्ट्रीम हीट के ये दिन 3 जून तक रहने वाले हैं। इस दौरान गर्मी इतनी ज्यादा हो सकती है कि उसका असर सेहत पर नजर आने लगा है। अगर इस मौसम में भी हर रोज़ बाहर निकलना आपकी मजबूरी है, तो आपको अपनी सेहत पर बहुत ध्यान देना होगा। हेल्थ शॉट्स पर हम आपकी मदद करने के लिए 9 सेफ्टी टिप्स साझा कर रहे हैं।
हालांकि, आपमें से बहुत से लोग इससे अनजान होंगे, और सोच रहे होंगे आखिर नौतपा (Nautapa 2024) क्या है? और इस दौरान इतनी गर्मी (Hot weather) क्यों होती है? तो आज हेल्थ शॉट्स आपके इसी सवाल का जवाब लेकर आया है, तो चलिए जानते हैं नौतपा के बारे में सब कुछ।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार इन दिनों सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, जिसकी वजह से बेहाल कर देने वाली गर्मी पड़ती है। सूर्य इस नक्षत्र में 15 दिनों तक रहते हैं, परंतु शुरू के 9 दिन भीषण गर्मी पड़ती है। इसलिए इन नौ दिनों को नौतपा कहा जाता है।
भारतीय मौसम विज्ञान की भाषा में भी इन 9 दिनों को नौतपा कहा गया है। माना जाता है कि इन 9 दिनों में सूर्य जितना ज्यादा तपता है, जितनी ज्यादा लू चलती है, वर्षाकाल उतना ही अच्छा होता है। नौतपा में जब भीषण गर्मी पड़ती है, तो खेतों में विचरने वाले जहरीले जीव जंतु और कीड़े भी खत्म हो जाते हैं। इस प्रकार इसे खेती के लिए अच्छा माना जाता है।
वातावरण में बढ़ता तापमान कई शारीरिक समस्याओं के प्रति शरीर को संवेदनशील कर देता है। कुछ लोगों का शरीर इस तापमान को झेल लेता है, तो कुछ लोग बेहद परेशान हो जाते हैं। गर्मी बढ़ने से हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है। जिसकी वजह से शरीर बेहद कमजोर हो सकता है। वहीं कई बार यह समस्याएं काफी गंभीर हो जाती हैं। त्वचा एवं बालों पर भी इसका बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सनबर्न से लेकर एक्ने, ऑयली स्किन सहित कई त्वचा संबंधी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं।
इसके अलावा अत्यधिक गर्मी कार्डियोवैस्कुलर, रेस्पिरेटरी और सेरेब्रोवैस्कुलर बीमारियों के खतरे को बढ़ा देती हैं। यदि किसी व्यक्ति को पहले से इनमें से किसी भी प्रकार की समस्या है, तो उनके लिए खतरा बेहद बढ़ जाता है। वहीं गर्मी के बढ़ने से ऑकुलर डिसऑर्डर जैसे की ड्राई आई सिंड्रोम, कंजेक्टिवाइटिस, फोटो केरिटाइटिस जैसी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं।
दही, मक्खन, तरबूज, खरबूजा, ककड़ी, गुलाब की पंखुड़ियों का जैम (गुलकंद), तोरई और प्याज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। यह सभी खाद्य पदार्थ आपकी बॉडी को गर्मी से लड़ने के लिए तैयार करते हैं। वहीं बिना कुछ खाए-पिए घर से बाहर निकलने से बचें। खाली पेट गर्मी अधिक असर करती है।
नारियल पानी, जलजीरा (जीरा आधारित ड्रिंक), नींबू पानी, छाछ, आम का रस, बेल का रस, और ग्रीन टी पीकर हाइड्रेटेड रहें। इसके अलावा पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी जरूरी है, क्युकी इससे शरीर पर गर्मी का प्रभाव कम हो जाता है।
नौतपा के दौरान अपने शरीर को सीधी धूप के संपर्क में आने से बचाएं। अपनी आंखों को धूप से बचाने के लिए सनग्लासेज लगाएं, वहीं बाल एवं चेहरे के लिए टोपी पहने। इसके अलावा अपने हाथों को कवर करने के लिए पूरे बाजू का कपड़ा पहने, इसके अलावा गर्दन को स्टॉल की मदद से कवर करना न भूलें।
सूती जैसे मुलायम और सांस लेने वाले कपड़े पहनें जो पसीने को अवशोषित करते हों, वहीं इन कपड़ों से हवा पास होने से आपका शरीर भी ठंडा रहता है। पूरे शरीर का हल्का सूती कपड़ा गर्मी के प्रभाव को कम करने के साथ ही आपके शरीर को सन टैनिंग से भी बचाता है।
गर्मी में हीट स्ट्रोक की समस्या बेहद गंभीर मानी जाती है। वहीं कई बार यह लोगों के लिए जानलेवा साबित हो चुकी है। यदि आप हीटस्ट्रोक के लक्षणों का अनुभव करती हैं, तो अपने पैरों के तलवों पर प्याज का रस लगाएं या कुचले हुए प्याज को रगड़ें। स्थिति बिगड़ने पर फौरन डॉक्टर की सलाह लें।
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प्राचीन समय की परंपरा के अनुसार, नौतपा के दौरान महिलाएं अपने हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाती थीं, क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होती है। साथ ही सिर पर मेहंदी या चंदन का लेप लगाना भी फायदेमंद साबित हो सकता है। इनमें कूलिंग प्रॉपर्टीज पाई जाती है, इस प्रकार ये हाथ एवं पैरों के तलवे से हीट को बाहर की ओर खींचने में मदद करते हैं।
गर्मी के मौसम में पाचन क्रिया अधिक संवेदनशील होती है, ऐसे में स्वस्थ एवं हल्के खाद्य पदार्थ लेने चाहिए। साथ ही इसका अधिक ख्याल रखना चाहिए। तैलीय या मसालेदार भोजन से बचें, मिर्च का उपयोग कम करें, और गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न खाएं साथ ही प्रयाप्त मात्रा में साफ पानी पिएं।
सामान्य वातावरण में रहने के बाद अचानक अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से बचें, और सामान्य तापमान बनाए रखें। इसके लिए खानपान पर ध्यान देने के साथ ही बॉडी की एक्टिविटी और घर के अंदर के तापमान को मैनेज करना भी जरूरी है।
बर्फ का या फ्रिज में रखा ठंडा पानी पीने से बचें। यदि आप शीतल पानी का आनंद लेना चाहते हैं, तो इसके बजाय, इन दिनों मिट्टी के बर्तन में रखा पानी पिएं। मिट्टी का पानी ठंडा होने के साथ-साथ इसमें कई खास पोषक तत्वों की गुणवत्ता भी जुड़ जाती है, जिससे कि इसे गर्मी के मौसम में अधिक फायदेमंद माना जाता है।
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