अधिकतर त्वचा या शारीरिक अंगों के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए इलास्टीसिटी शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। मगर बालों की इलास्टीसिटी (hair elasticity) भी बेहद आवश्य है, जिनसे उनकी सेहत के बारे में जानकारी मिलती है। बहुत से लोगों को हेयरफॉल, कमज़ोर और पतले बालों की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बालों की इलाटीसिटी को बनाए रखना ज़रूरी है। अब बालों की लोच को बरकरार रखने के लिए नेचुरल हेयर ऑयल (natural hair oil benefits) मददगार साबित होते हैं। जानते हैं हेयर इलास्टीसिटी (hair elasticity) क्या है और किन नेचुरल ऑयल की मदद से इसका ख्याल रखा जा सकता है।
बालों की स्ट्रेथ यानि मज़बूती को जांचने की तकनीक को हेयर इलास्टीसिटी कहा जाता है। वे लोग जिनके बालों की जड़ें मज़बूत होती है, उनके बालों की लोच बरकरार रहती है। केमिकल्स के अत्यधिक इस्तेमाल और हीटिंग टूल्स (side effects of heating tools) का नियमित प्रयोग करने से हेयर इलास्टीसिटी (hair elasticity) कम होने लगती है। इसके चलते हेयरफॉल का सामना करना पड़ता है।
इस बारे में ब्यूटी एक्सपर्ट रेखा कुमारी बताती हैं कि इसके लिए बालों को गीला कर लें। उसके बाद कोई एक बाल या हेयर स्ट्रेड लेकर उसके दोनों सिरों को खींचें। अगर वो बाल टूट जाता है, तो बाल कमज़ोर हो रहे हैं और अगर बाल खींचने के बाद वापिस अपनी जगह पर चला जाता है, तो बालों की लोच बरकरार है।
एनआईएच के अनुसार हेयर इलास्टीसिटी (hair elasticity) उसके टैक्सचर के अनुसार बढ़ती है। बालों की तीन लेयर्स होती हैं, पहला क्यूटिकल, फिर कॉर्टेक्स और उसके बाद मेडुला। क्यूटिकल लेयर बाकी दोनों परतों की मदद करती है। वहीं कॉर्टेक्स से बालों में केराटिन प्रोटीन को बढ़ाया जाता है। इससे हेयर सेल्स बूस्ट होते हैं, जिसकी तीसरी लेयर को मज़बूती मिलती है। इस प्राकर से बालों का लचीलापन मेंटने रहता है।
फैटी एसिड और एंटी ऑक्सीडेंटस से भरपूर नारियल का तेल बालों की जड़ों को मज़बूत बनाता है। इसमें मौजूद मॉइश्चराइजिंग गुण स्पिल्ट एंडस को कम करके बालों की चमक को बढ़ाता है। इसमें पाई जाने वाली लॉरिक एसिड की मात्रा बालों के लचीलेपन को बढ़ाती है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार हेयरवॉश से पहले नारियके तेल को गुनगुना करके बालों में लगाने से प्रोटीन लॉस की आंशका कम हो जाती है। इससे सन डैमेज से राहत मिल जाती है और पॉल्यूटेंटस का प्रभाव भी कम होने लगता है।
एवोकाडो में मौजूद पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स बालों के टैक्सचर और शाइन को बनाए रखते है। इसके अलावा बालों की मज़बूती को बढ़ाने के लिए स्कैल्प से लेकर बालों के सिरों तक तेल से मसाज करे।
इससे बालों में मॉइश्चर लॉक होने लगता है और हेयरफॉल को रोका जा सकता है। इसमें मिनरल्स के अलावा विटामिन ए, बी5 और विटामिन ई पाए जाते हैं। इससे हेयर क्यूटिकल को सील कर दिया जाता है।
बालों की लोच को बरकरार रखने के अलावा हेयर इलास्टीसिटी को आर्गन ऑयल से बढ़ाया जा सकता है। इसे बालों में लगाने से लिनोलेइक फैट की प्राप्ति होती है, जिससे इलास्टिसिटी को रिस्टोर किया जा सकता है। सव्ताह में 2 बार इसे बालो में अप्लाई करने से रूखेपन से राहत मिल जाती है। इसका क्रीमी टैक्सचर बालों को सिल्की और शाइनी बना देता है।
स्कैल्प ड्राइनेस को कम करने के लिए बादाम का तेल बेहद फायदेमंद साबित होता है। बादाम के तेल को बालों में लगाने से बायोटिन की प्राप्ति होती है। इसमें फैटी एसिड के अलावा जिंक, मैग्नीशियम और कैल्शियम पाया जाता है। बादाम के तेल को बालों के बीचों बीच लगाने से जड़ों को मज़बूत बनाया जाता है।
एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज़ से भरपूर टी ट्री ऑयल से हेयरग्रोथ में मदद मिलती है। इसके इस्तेमाल से डैंड्रफ और इचिंग कम होने लगती है। इसके अलावा रूट्स में मॉइश्चर को रिस्टोर करने में मदद मिलती है। बालों को धोनेसे पहले 30 मिनट पहले किस कैरियर ऑयल में मिलाकर बालों में लगाने से बालों की इलास्टीसिटी में सुधार आने लगता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करें