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मधुमेह रोगियों के लिए गेंहू और चावल से भी ज्यादा पौष्टिक है बाजरा, जानिए इसके फायदे और आहार में शामिल करने का तरीका

अगर आप अपनी या अपने पेरेंट्स की डायबिटीज कंट्रोल करना चाहती हैं तो गेंहू और चावल को बाजरा से रिप्लेस करें। ये न केवल उनके ब्लड शुगर लेवल को सामान्य स्तर पर ले आएगा, बल्कि गट हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होगा।
गेहूं और चावल की तुलना में बाजरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम है। जो शुगर लेवल को एकदम बढ़ने से रोकता है। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Updated: 23 Oct 2023, 09:03 am IST
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बाजरा मोटे अनाज की कैटेगरी में आने वाला एक ऐसा सुपरफूड है, जो बहुत सी बीमारियों से बचाने का एक कारगर उपाय है। अस्त व्यस्त दिनचर्या के कारण इन दिनों लोग डायबिटीज़ की चपेट में आ रहे है। अधिकतर ऐसे लोग टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज़ (Type 2 diabetes) से ग्रस्त है, जिनका खानपान उचित नहीं है। अक्सर शुगर वाले मरीजों को यूं तो बहुत सी चीजों से परहेज के लिए कहा जाता है, जिसमें राईस और वीट शामिल है। मगर बाजरा (mallets) एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसमें मैग्नीशियम और फाइबर की मात्रा ज्यादा है। जो मधुमेह के रोगियों के लिए लिए फायदेमंद साबित हो सकता है (bajra in diabetes)

इस बारे में हमारी नुट्रिशन एक्सपर्ट टोनऑप से डॉ रूचि सोनी बता रही है कि गेहूं और चावल की तुलना में बाजरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बेहद कम है। जो शुगर लेवल को एकदम बढ़ने से रोकता है। दरअसल, उच्च फाइबर और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम करते हैं। ये न केवल कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं बल्कि वजन को घटाने में भी मदद करते हैं।

कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, सोडियम, फोलेट और अन्य पोषक तत्वों का भंडार है बाजरा। चित्र शटरस्टॉक।

रिसर्च क्या कहता है

इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट की मानें, तो भारत दुनिया का ऐसा दूसरा बड़ा देश है, जहां डायबीटिक लोगों की तादाद 77 मिलियन है। बाजरे को मई से लेकर अगस्त के महीनों के मध्य बोया जाता हैं। वहीं इसकी कटाई साल के पहले महीने में ही कर ली जाती है। भारत और अफ्रीका में मुख्य रूप से पाए जाने वाले बाजरा में कई पोषक तत्व पाए जाते है। अपने पोषक तत्वों के कारण बाजरा को न्यू क्विनोआ कहकर भी पुकारा जाता है। इसमें विटामिन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम पाया जाता है।

बाजरे का पोषण लेवल

प्रोटीन 11 ग्राम
कार्बस 72.8 ग्राम
फाइबर 8.5 ग्राम
कैल्शियम 8 मिलीग्राम
पोटेशियम 195 मिलीग्राम

1. बाजरे को गेंहू से रिप्लेस करें

बाजरा हमें कार्ब्स से बचाता है। दरअसल, ये एक फाइबर रिच सुपरफूड है, जो आपके शरीर से मोटापे की समस्या को कम करने का काम करता है। इसके नियमित सेवन से इंसुलिट सेसिटिवीटी कम होती जाती है और ब्लड शुगर लेवल अपने आप कम होता चला जाता है। बाजरे में काम्प्लेकस कार्बस और हाई फाइबर होता है। जो गेहूं की तरह शरीर में जल्दी डिज़ाल्व नहीं होते हैं।

2. प्रचुर मात्रा में पाएं प्रोटीन

इस बारे में डॉ रूचि सोनी बता रही है कि बाजरे में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो बार बार भूख लगने की समस्या को समाप्त करने में सहायक है। इससे वज़न बढ़ने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल मोटापा टाइप 2 शुगर बढ़ने का एक कारण साबित हो सकता है।

बाजरे में मौजूद फाइटोकेमिकल्स आपकी हार्ट हेल्थ के लिए बेहतरीन हैं। इसे हाई एनर्जी और हार्ट हेल्दी फूड भी कहा जाता है। चित्र- शटरस्टॉक।

3. मिनरल्स की होगी प्राप्ति

बाजरे को डाइट में शामिल करने से हमें फास्फोरस और आयरन की प्राप्ति होती है। जो न केवल हमारे पाचनतंत्र को जम़बूत करने का काम करते है। साथ ही हमें हार्ट संबधी समस्याओं से भी मुक्ति दिलाते हैं। बाजरा बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाकर गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है।

4. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर बाजरे के सेवन से शरीर रोगों का मज़बूती से सामना कर पाता है। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों को इस रोग के कुप्रभावों से भी बचाता है।

5. कैसे करें बाजरे को डाइट में शामिल

अगर आपकी फासि्ंटग में ब्लड शुगर ज्यादा रहती है, तो ऐसे लोगों को डॉ रूचि डिनर में बाजरा खाने की सलाह देती हैं।

बाजरे को कुछ देर तक उबालकर इसे रोटी या चीला बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

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पोषण से भरपूर बाजरे की खिचड़ी एंटी ऑक्सीडेंटस भरपूर होती है। जो कई रोगों से हमारी रक्षा करती है।
इसके पोषण को बढ़ाने के लिए आप इसमें मौसमी सब्जियों को सम्मिलित कर सकते हैं।

इसके अलावा आप सोया मिल्क और आलमड मिल्क के साथ मिलेट खा सकते हैं।

मिलेट यानि बाजरे को आप रोस्ट करके भी खा सकते हैं।

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ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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