गर्मी में कई तरह की दिक्कत बढ़ जाती है। मौसम का प्रभाव पीरियड पर भी पड़ता है। भारत के गांवों की अधिसंख्य आबादी आज भी पीरियड होने पर स्नान नहीं करती है। यह मेंस्ट्रूअल हाइजीन के हिसाब से स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है। एक्सपर्ट कहते हैं कि गर्मी के मौसम में स्वच्छता का ख्याल रखना और अधिक जरूरी है। मेंस्ट्रूअल हाइजीन के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए ही हर वर्ष मेंस्ट्रूअल हाइजीन डे (Menstrual Hygiene Day) मनाया जाता है। मेंस्ट्रूअल हाइजीन के बारे में ऑरा स्पेशलिटी क्लिनिक की डायरेक्टर और क्लाउड नाइन होस्पिटल में सीनियर गायनेकोलोजिस्ट डॉ. रितु शेठी से हमारी बात हुई।
दुनिया भर में लाखों महिलाओं और लड़कियों को पीरियड होने के कारण स्टिग्मा झेलना पड़ता है। उन्हें 5 दिनों के लिए समाज से बाहर रहना पड़ता है। उनके साथ भेदभाव किया जाता है। उन्हें गंदे वातावरण और स्वच्छता का पालन नहीं करने के लिए मजबूर किया जाता है। इन सभी सामजिक कुरीतियों (Social Stigma) के प्रति जागरूक करने के लिए दुनिया भर में 28 मई को मेंस्ट्रूअल हाइजीन डे मनाया जाता है। मेंस्ट्रूअल हाइजीन डे 2023 या माहवारी स्वच्छता दिवस की थीम है- मेंस्ट्रूअल हाइजीन समस्या के प्रति हम सभी समर्पित (#WeAreCommitted) हैं।
डॉ. रितु कहती हैं, ‘जब मौसम गर्म और उमस भरा होता है, तो अधिकांश महिलाओं को मासिक धर्म में बदलाव का अनुभव हो सकता है। पीरियड मौसमी बदलाव से संबंधित होता है। गर्मी के कारण पीरियड्स लंबे समय तक या अधिक बार हो सकते हैं। टीनएज गर्ल और पेरी मेनोपॉज वीमेन को अधिक परेशानी हो सकती है। इस दौरान हार्मोन अस्थिर (Hormonal imbalance) होते हैं।’
डॉ. रितु के अनुसार, सफाई-स्वच्छता बनाए नहीं रखने पर जीवाणु संक्रमण (Bacterial Vaginosis), खुजली, जलन, खमीर संक्रमण (Yeast infection) का खतरा अधिक हो सकता है। योनि में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया निश्चित PH संतुलन बनाए रखते हैं। हानिकारक बैक्टीरिया के विकास से बचने के लिए बैलेंस पीएच स्तर बनाए रखना जरूरी है।
डॉ. रितु कहती हैं, ‘विशेष रूप से गर्मी के दौरान ढेर सारे पानी से हाइड्रेटेड रहने की जरूरत होती है। शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और शरीर के पीएच संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना जरूरी है। ताजा जामुन (Indian Jackfruit) और स्वादिष्ट हर्बल पानी भी जरूर पियें।’
गर्मी के मौसम में कॉटन अंडरगारमेंट्स खासकर कॉटन पैंटी पहनना जरूरी है। कॉटन बॉटम वियर भी गर्मी के दौरान आरामदायक होते हैं। कॉटन में हवा आसानी से आ-जा सकती है। यह स्किन को साफ और सूखा रखने में मदद करता है। इस दौरान आर्टिफिशियल धागों से तैयार कपड़े और अंडरगारमेंट्स नहीं पहनें। इससे बैक्टीरिया ग्रो हो सकता है। स्किन में खुजली और जलन हो सकती है।
कॉटन तौलिये का उपयोग करें। कभी-भी दूसरे लोगों का इस्तेमाल किया हुआ कपड़ा इस्तेमाल नहीं करें। पतले तौलिये का उपयोग करें। इसे साफ़ करना और सुखाना दोनों आसान होता है। अपना यूज किया हुआ तौलिया किसी और के साथ साझा न करें। बेहतर स्वच्छता के लिए अपने तौलिये को हर दिन साफ़ करें।
नहाते समय योनि को रोजाना साफ़ और ताज़े पानी से धोएं। गर्म पानी का प्रयोग नहीं करें। किसी भी प्रकार के सुगन्धित साबुन का प्रयोग नहीं करें। योनि के बैलेंस पीएच को बनाए रखने के लिए रासायनिक मुक्त, साबुन मुक्त सफाई का चयन करें। जिम, तैराकी या कोई खेल खेलने के बाद हमेशा अपने इंटिमेट रीजन को धो लेना चाहिए। उसे थपथपा कर सुखा भी लेना चाहिए।
पीरियड के दौरान कम्फर्टेबल एंटीबैक्टीरिया सैनिटरी नैपकिन का उपयोग करना चाहिए। पीरियड हाइजीन के लिए हर 3-4 घंटे पर पैड बदल लेना चाहिए। अच्छी क्वालिटी की पीरियड पैंटी का इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि बैक्टीरिया ग्रो नहीं करे। इंटिमेट एरिया के हेयर (Pubic Hair) को भी शेव और साफ़ रखें।
प्यूबिक हेयर में खराब बैक्टीरिया और पैथोजेन पनप सकते हैं। इससे यीस्ट इन्फेक्शन और यूटीआई से बचाव हो सकता है।
गर्मी में टाइट और फिटिंग के कपड़े पहनने पर पसीना आ सकता है। अत्यधिक पसीना और शरीर की गर्मी से योनि क्षेत्र के पास खुजली और चकत्ते हो सकते (Menstrual Hygiene Day) हैं। गर्मी के महीनों में कॉटन के आरामदायक ड्रेस पहनें। माहवारी स्वच्छता दिवस (Menstrual Hygiene Day) पर इसके बारे में जरूर जानकारी हासिल करें।
एसिडिटी बढाने वाले आहार चाय, कॉफी, खट्टी चीजों को इग्नोर करें। ये पीएच असंतुलन और अंतरंग क्षेत्र में दुर्गंध पैदा कर सकते हैं। फर्मेंटेड खाद्य पदार्थ जैसे दही, सौकरौट और केफिर का सेवन बढ़ा दें।
असल में पीरियड के दौरान स्नान करना पूरी तरह से सुरक्षित है। इससे थकान, दर्द के स्तर में कमी आती है। इससे मूड भी बेहतर होता है। गुनगुने पानी से स्नान पीरियड क्रेम्प्स को कम करता है। पीरियड साइकिल के दौरान किसी भी दिन बालों को धोना भी पूरी तरह से सुरक्षित है।
यह भी पढ़ें :- Nesting instinct : एक मां जन्म देने से पहले ही करने लगती है खुद को बच्चे के लिए तैयार, जानिए क्या है नेस्टिंग इंस्टिंक्ट
हेल्थशॉट्स पीरियड ट्रैकर का उपयोग करके अपने
मासिक धर्म के स्वास्थ्य को ट्रैक करें