किसी की तारीफ करके उससे काम निकलवाना, बेहद आसान तरीका है। जब बात महिलाओं की आती है, तो पुरुष पार्टनर या सहयोगी बड़ी आसानी से सेक्सिस्ट कमेंट कर महिलाओं को खुश करने की कोशिश करते हैं। अक्सर लोगों को महिलाओं की वर्क एफिशिएंसी, उनकी त्वचा, बॉडी शेप और इंटेलिजेंस पर कमेंट करते हुए देखा गया है। जिन्हें वो एक काम्प्लीमेंट के तौर पर महिलाओं को देकर खुश करने की कोशिश करते हैं। आज भी समाज में महिलाओं पर ऐसी सेक्सिस्ट टिप्पणी की जाती है, जो कि प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर उनके व्यक्तित्व, मानसिक स्वास्थ्य और अधिकारों की लड़ाई को कमजोर करती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि आप इनका स्वागत न करें।
जानें कमेंट और कॉम्प्लीमेंट में क्या है अंतर
हम कई बार कमेंट को कॉम्प्लीमेंट समझने की गलती कर बैठते हैं। कमेंट वो शब्द होते हैं, जो दूसरों की ओर से हमारे किसी काम या फिर किसी गतिविधि पर की जाने वाली टिप्पणी होती है। वो एक तरह की राय भी हो सकती है। वहीं कॉम्प्लीमेंट वो शब्द होते हैं, जो हमारे काम की प्रशंसा के रूप में हमें कहे जाते हैं।
अगर आपका ब्वायफ्रेंड या हसबैंड आपसे कहता है कि सांवली होने के बावजूद भी तुम बेहद खूबसूरत लगती हो या फिर आपको ब्लैक ब्यूटी कहकर पुकारा जाता है और आप भी इसे कॉमप्लीमेंट मानकर मन ही मन खुश हो रही हैं, तो ये बिल्कुल सही नहीं है।
असल में इस वाक्य का निहितार्थ है कि सिर्फ गोरी चमड़ी ही खूबसूरत होती है। जबकि स्त्री होने के नाते हर रंग की त्वचा आपकी अपनी है। इस तरह के कमेंटस सिर्फ नैरो माइंडनेस को शो करते हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो ये कॉमप्लीमेंट नहीं बल्कि एक कमेंट है। इसलिए इस पर तुरंत रोक लगाएं और उन्हें बताए कि खूबसूरती का कोई शेड कार्ड नहीं होता।
एक लड़की होने के नाते आप साड़ी पहनें, सलवार सूट या फिर जींस और जेगिंग्स, ये पूरी तरह आपकी च्वॉइस है। न ही लड़कियां देसी या विदेसी होती हैं। सुंदरता और आत्मविश्वास के लिए आपको किसी मेल फ्रेंड के सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं होती है।
अगर आपको कोई यह कह रहा है कि साड़ी में तुम देसी गर्ल दिखती हो, तो अब तक शायद आपको विदेशी या लड़की नहीं समझा जा रहा था। आपके कपड़े आपकी पर्सनालिटी को बयां नहीं करते, यह आपको उन्हें बताना है।
3 ओहो! ब्यूटी विद ब्रेन्स
अब ये सुनने में थोड़ा अटपटा ज़रूर लगता है कि क्यों लड़कियों को दो कैटेगरी में बांट दिया गया है। क्या सुंदर लड़की इंटेलिजेंट नहीं हो सकती है या फिर शार्प माइंडेड लड़कियां सुंदर नहीं दिखती हैं और वो डंब लगती हैं। इन कमेंट्स को कॉमप्लीमेंट की कैटेगरी में रखना पूरी तरह से गलत है।
हमें इन स्टीरियोटाइप्स को तोड़कर इस बात पर ज़ोर देना होगा कि हर लड़की सुंदर भी है और इंटेलिजेंट भी। समाज में अब तक केवल पुरूषों को ही समझदारी के लिए ए ग्रेड मिलता आया है। मगर इंटेलीजेंसी कहीं से भी जेंडर बायस्ड नहीं है।
4 स्लिम होती, तो फीचर्स और भी सुंदर लगते
इस तरह के कमेंट्स पुरुष ही नहीं, कभी-कभी महिलाएं भी करती मिल जाएंगी, कि तुम कितनी सुंदर हो बस थोड़ा वज़न कम कर लो।” यकीनन फिटनेस हम सभी के लिए जरूरी है। पर सभी का बॉडीशेप अलग-अलग होता है। कभी-कभी इकहरे बदन की लड़कियां भी कमजोर होती हैं, जबकि दोहरे बदन में भी आप फिटनेस अचीव कर सकते हैं।
इसलिए बॉडी शेमिंग करने वाले इस तरह के कमेंट का तुरंत प्रतिकार करें। उन्हें बताएं कि बॉडी शेप फिटनेस को परिभाषित नहीं करती।
5 क्या बात है, तुम तो बहुत स्ट्राॅन्ग निकली
अब इसका क्या मतलब हुआ कि तुम तो बहुत स्ट्राॅन्ग हो। शायद यही कि हमारी उम्मीद से ज्यादा तुम में दम है। अक्सर लोगों को लड़कियों के लिए ऐसी सोच रखते हुए देखा गया है कि उन्हें लड़किया कमज़ोर ही लगती है। ये मानना कि महिलाएं कमजोर हैं, एक गलत सोच को दर्शाता है।
युवतियों पर इस प्रकार का कमेंट करना उन्हें कमज़ोर समझे जाने की ओर इशारा करता है। इस तरह उनके दैनिक श्रम और प्रोडक्टिविटी को भी प्रश्नांकित करता है यह कमेंट। इसलिए इस पर तुरंत लगाम लगाएं।
बीयर को अक्सर पुरुषों के ड्रिंक के तौर पर ही देखा जाता है। हांलाकि अब ऐसा नहीं है, चाहे पार्टी हो या फैमिली फंक्शन महिलाओं के हाथ में बीयर का गिलास दिखना नॉर्मल है। दरअसल, ज्यादातर महिलाएं इन दिनों बीयर को पसंदीदा ड्रिंक मानती हैं। इस प्रकार से किसी भी पेय को किसी खास जेंडर से लिंक कर देना पूरी तरह से गलत है।
महिलाओं को पुरूषों की कुछ बातों और उनके कामों पर गुस्सा आता है, जिसे वो अच्छी तरह से समझते भी हैं। मगर फिर अपने पार्टनर को ये कहना कि तुम गुस्से में प्यारी लगती हो, सही नहीं है। इसका मतलब ये हुआ कि बिना गुस्सा किए वो सुंदर नहीं लग सकती।
जरूरी है कि महिलाओं की भावनाओं को जाहिर करने की बजाए गुस्सा दिलाने वाले काम न किए जाएं।
ऐसा कहने वालों को दिन भर हुए दुर्घटना के आंकड़े दिखाने चाहिए, जिनमें ज्यादा संख्या यकीनन पुरुषों की होगी। यह भी सच है कि नियमों का उल्लंघन करने वाला लापरवाह व्यक्तित्व पुरुष या स्त्री किसी का भी हो सकता है।
अगर आपके परिवार में भी आप ड्राइविंग सीट पर बैठने वाली पहली महिला या पहली पीढ़ी हैं, तो भी आपको इस तरह के कमेंट्स पर नाखुशी जाहिर करनी चाहिए। क्योंकि कौशल जेंडर बायस्ड नहीं होता।
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