24 फीसदी लोग हैं कब्ज से परेशान, जानिए क्यों बढ़ रही है यह समस्या और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है

लैंसेट की एक रिपोर्ट कहती है कि पूरे दुनिया की 2 से 24 प्रतिशत तक की आबादी कब्ज की समस्या (how to relieve constipation) या इसके असर से ग्रस्त है। यह सही है कि कब्ज की समस्या इस स्तर पर है लेकिन कुछ उपायों को अपना कर इससे निजात पाया जा सकता है।
Kabj kaise dur karein
भारत में 22 फीसदी लोग कब्ज से पीड़ित हैं। इनमें से 59 फीसदी लोगों को गंभीर कब्ज की शिकायत रहती है
Published On: 23 Jan 2025, 10:28 pm IST

अंदर क्या है

  • पूरी दुनिया में कितने लोग हैं कब्ज की समस्या के शिकार?
  • क्यों बढ़ रही है कब्ज की समस्या?
  • कब्ज से कैसे पाएं छुटकारा?

अनियमित दिनचर्या और उसके ऊपर काम का दबाव, ये दोनों चीजें एक दूसरे के ठीक उलट हो सकते हैं। लेकिन असर एक सा ही करती हैं और वो है आपके शरीर को तमाम समस्याएं देना। ऐसी ही एक समस्या का नाम कन्सटीपेशन है। हिन्दी में कब्ज कहते हैं। लैंसेट की एक रिपोर्ट  कहती है कि पूरे दुनिया की 2 से 24 प्रतिशत तक की आबादी इस समस्या या इसके असर से ग्रस्त है। यह सही है कि कब्ज की समस्या इस स्तर पर है लेकिन कुछ उपायों को अपना कर (how to relieve constipation) इससे निजात पाया जा सकता है।

जानिए क्या है कब्ज

कॉन्स्टिपेशन, जिसे हम हिंदी में कब्ज कहते हैं, एक आम पाचन समस्या है, जिसमें व्यक्ति को नियमित तौर पर शौच करने में कठिनाई होती है। हमारे घरों में अक्सर ये समस्या ऐसे बताई जाती है कि पेट साफ नहीं हो रहा। हां इस समस्या के लक्षण अलग हो सकते हैं। जैसे किसी व्यक्ति में ये समस्या यूरिन के कठोर हो जाने या सूखा होने के तौर पर दिख सकती है। इससे उन्हें शौच करते वक्त परेशानी भी होती है। कई लोगों में ये समस्या पेट में अक्सर दर्द, अक्सर गैस बन जाने के तौर पर दिखाई देती है। यह समस्या जब बढ़ती है तो नियमित तौर पर मरीज को पेट साफ न होने की यानी कि शौच करने में मुश्किल जैसी दिक्कतें होने लगती हैं।

क्या हैं कॉन्स्टिपेशन के सामान्य कारण (Causes of constipation)

आम तौर पर कन्सटीपेशन (how to relieve constipation) की समस्या के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें हमारी दिनचर्या से लेकर हमारे खानपान से जुड़े सारे कारण हैं। लेकिन थोड़ा प्रीसाइज होते हुए अगर कहा जाए तो ये कुछ कारण हैं –

1. फाइबर की कमी

अगर हमारे खाने में फाइबर की कमी होती है, तो हमारा यूरिन शरीर से आसानी से बाहर नहीं निकल पाता। फाइबर आंतों की कार्यप्रणाली को सही बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। इसके बिना यूरिन कठोर और सूखा हो सकता है, जिससे कब्ज की समस्या पैदा होती है।

2. पानी न पीना

ब्लैडर एण्ड बोवेल कम्युनिटी की एक रिपोर्ट कहती है कि लोग अपनी व्यस्त दिनचर्या में पर्याप्त पानी पीना भूल जा रहे हैं। इस वजह से ये कब्ज की समस्या और बढ़ रही है। शरीर में पानी की कमी होने पर यूरिन सूखा हो जाता है और उसे बाहर निकालने में कठिनाई होती है।

how to relieve constipation
फाइबर और हाइड्रेशन न होना कब्ज का कारण बन सकते है। चित्र- अडोबी स्टॉक

अब यूरिन नहीं निकलता तो पेट में गैस और दर्द जैसी समस्याएं भी होने लगती हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से यूरिन मुलायम बना रहता है, जिससे उसे निकालना आसान (how to relieve constipation) होता है।

3. शारीरिक गतिविधि की कमी

बदलते दौर में जब सब कुछ शरीर पर कम सक्रिय है और मशीनों पर ज्यादा। ऐसे में कोई व्यक्ति कितना ही फिजिकली एक्टिव रह सकता है। लेकिन यही शारीरिक तौर पर निष्क्रियता या व्यायाम की कमी भी पेट में कब्ज का एक बड़ा कारण है। जब शरीर में शारीरिक गतिविधि नहीं होती, तो आंतों की गति धीमी हो जाती है, जिससे यूरिन डिस्चार्ज में समस्या होने लगती है।

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

4. मानसिक तनाव और चिंता

ऑक्सफोर्ड एकेडिमिक्स की एक रिपोर्ट बताती है कि मानसिक तनाव, चिंता, और डिप्रेशन भी कब्ज के कारण हो सकते हैं। मानसिक स्थिति का शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। तनाव की स्थिति में शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो सकती है, जिससे कब्ज की समस्या उत्पन्न होती है।

kya hota hai chronic constipation
यदि सही समय कब्ज़ का इलाज नहीं किया जाए, तो इससे शरीर को काफी क्षति पहुंच सकती हैं। चित्र-अडोबीस्टॉक

दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब हम किसी भी तरह के तनाव में होते हैं तब हमारा शरीर स्ट्रेस हार्मोन्स रिलीज करने लगता है। ये हार्मोन हमारे पाचन खास कर हमारी आंतों के लिए बिल्कुल ठीक नहीं होतीं, और इस वजह से कब्ज जैसी समस्या जन्म लेती है।

5. दवाइयों का असर

कुछ दवाइयां, जैसे पेनकिलर्स, एंटीडिप्रेसेंट्स, एंटीहिस्टामिन्स, और हाई ब्लडप्रेशर की दवाइयां भी कब्ज का कारण बन सकती हैं। इन दवाइयों के कारण आंतों की गति धीमी हो जाती है। आपने अक्सर देखा होगा कि डॉक्टर्स दवाइयां देते वक्त मरीजों को कब्ज की दवा भी साथ साथ देते हैं। ऐसा केवल इसलिए ताकि इन दवाओं के असर से अगर कब्ज जन्मे तो हमारा शरीर उससे लड़ (how to relieve constipation) सके।

6. उम्र ( Age is factor in constipation problem)

उम्र बढ़ने के साथ हमारी आंतों की गति धीमी हो जाती है। इस वजह से हम जो खाना खाते हैं उसे पचने में समस्या होती है, जिससे कब्ज की समस्या अधिक होती है। इसी वजह से उन्हें शौच के वक्त भी समस्या होती है। इसके अलावा महिलाओं में गर्भावस्था, पीरियड्स, या मेनोपॉज (menopause) के दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी कब्ज की समस्या आम है।

क्यों बढ़ती जा रही है लोगों में कन्सटीपेशन की समस्या (Why constipation problem is increasing)

गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर अजय गुप्ता से हमने यही सवाल पूछा। उनके अनुसार, आजकल कब्ज (कन्सटीपेशन) एक ऐसी समस्या बन गई है, जो अक्सर लोग झेल रहे हैं। इसका सबसे पहला कारण तो ये है कि हम लोग जंक फूड और फास्ट फूड खाने के शौक़ीन हो गए हैं, जिनमें फाइबर की कमी होती है। अब फाइबर कम खाओ, तो यूरिन भी ठीक से नहीं बनेगा और कब्ज की समस्या खड़ी हो जाएगी। फिर हम ऑफिस में बैठकर काम करते हैं, हिलते-डुलते नहीं हैं, जिससे हमारी आंतों की गति धीमी हो जाती है। लंबी देर तक बैठे रहना भी कब्ज का एक बड़ा कारण बनता है।

winter mein constipation
कम फाइबर वाले खाद्य पदार्थ जैसे प्रोसेस्ड अनाज कब्ज का कारण बन सकते है। चित्र- अडोबी स्टॉक

एक बात और मानसिक तनाव की वजह से भी पाचन सही से काम नहीं करता। जैसे ही दिमाग परेशान होता है, पाचन धीमा हो जाता है और कब्ज होने लगता है। अब पानी की कमी भी बड़ी वजह है। अगर दिनभर पानी कम पियो तो यूरिन सूखा हो जाता है और उसे निकालने में परेशानी होती है। इसके अलावा, अनियमित दिनचर्या और नींद भी इस समस्या को और बढ़ा देती है। तो ऐसे समझिए कि कब्ज या कन्सटीपेशन जो कह लें इसकी वजह हमारी गलत आदतें और लाइफस्टाइल ही हैं।

कन्सटीपेशन से निजात पाने के उपाय (how to relieve constipation)

1. फाइबर युक्त खाना (how to relieve constipation)

फाइबर से भरपूर आहार, जैसे ताजे फल, सब्जियाँ, दालें, बीन्स, और साबुत अनाज, कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

rose apple apki sehat ke liye kafi accha hai
रोज़ एप्पल में फाइबर से भरपूर होता है। जो कब्ज और सूजन को रोकने में मदद करता है। चित्र अडोबी स्टॉक

फाइबर आंतों को स्वस्थ रखता है और यूरिन को नरम बनाता है। इसके अलावा मसालेदार खानों से दूर रहना भी कब्ज से मुक्ति पाने की एक राह (how to relieve constipation) है।

2. पर्याप्त पानी (how to relieve constipation)

आपका यूरिन डिस्चार्ज ठीक तरीके से हो इसके लिए जरूरी है कि आप हाइड्रेटेड रहें। पानी यूरिन को मुलायम बनाए रखता है, जिससे उसे बाहर निकालना आसान हो जाता है। आमतौर पर, 8-10 गिलास पानी दिन भर में जरूर पियें।

3. व्यायाम (how to relieve constipation)

नियमित रूप से शारीरिक गतिविधि, जैसे चलना, दौड़ना, योग या कोई और व्यायाम, आंतों की काम करने की गति को बढ़ावा देती है और पेट में गैस बनने जैसी समस्याओं से राहत (how to relieve constipation) दिलाती है। व्यायाम से हमारे शरीर में खून का संचार भी बढ़ता है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है।

4. दवाओं के इस्तेमाल में सावधानी

कब्ज के उपचार के लिए कुछ दवाइयां उपलब्ध होती हैं, लेकिन इनका उपयोग चिकित्सक की सलाह के बाद ही करना चाहिए। ओवर-द-काउंटर लक्सेटिव्स (laxatives) का अधिक इस्तेमाल न करें, क्योंकि यह आदत बन सकती है। ऐसे में ये होगा कि आपको हमेशा शौच कर लिए उन दवाओं पर निर्भर रहना पड़ेगा।

5. शौच का वक्त निश्चित करें

हर दिन एक निश्चित समय पर शौच जाने की आदत डालें। शरीर को एक नियमित दिनचर्या की आवश्यकता (how to relieve constipation) होती है, जिससे यूरिन डिस्चार्ज की प्रक्रिया में कोई कठिनाई न हो।

6. प्राकृतिक उपाय

कन्सटीपेशन की समस्या से निजात मिले आप इसके लिए कुछ प्राकृतिक उपाय जैसे ताजे आंवले का रस, त्रिफला, और अदरक जैसी चीजें भी कब्ज से राहत दिलाने में सहायक होते हैं। इनका सेवन पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है और कब्ज को दूर करता है।

ये भी पढ़ें – प्रेगनेंसी में कब्ज कर रही है परेशान, तो जानिए इसका कारण और छुटकारा पाने के घरेलू उपाय

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

अगला लेख