वोमिटिंग या उल्टी आना आपको शारीरिक ही नहीं मूड के स्तर पर भी प्रभावित करता है। इससे पहले और बाद में भी आप असहज महसूस कर सकती हैं। इसलिए हम में कोई इस स्थिति का सामना नहीं करना चाहता। इसके बावजूद यह ज्यादातर लोगों को होने वाली सबसे कॉमन समस्या है। खासतौर से महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान उल्टा आना एक आम लक्षण है। पर इसकी वजह सिर्फ प्रेगनेंसी ही नहीं है, बल्कि कई और कारणों से भी आपको उल्टी आ सकती है। हेल्थ शॉट्स के इस लेख में आज वाेमिटिंग के कारणाें (Vomiting causes) और बचने के उपायों (vomiting home remedies in hindi) पर बात करते हैं।
भारतीय योगा गुरु, योगा इंस्टीट्यूट की डायरेक्टर और टीवी की जानी-मानी हस्ती डॉक्टर हंसाजी योगेंद्र ने वोमिटिंग टेंडेंसी के कारणों पर बात की है, साथ ही उन्होंने इसके कुछ उपाय भी बताए हैं। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इन्फेक्शन जैसे कि फूड प्वाइजनिंग, वायरस, स्टमक फ्लू, वोमिटिंग टेंडेंसी और वोमिटिंग आने के कुछ सामान्य कारण हैं। इस स्थिति में वोमिटिंग के साथ-साथ पेट में दर्द, जी मचलना और डायरिया की शिकायत हो सकती है।
गैस्ट्रिक, आईबीएस, गॉलब्लैडर कंडीशन, पेनक्रियाज कंडीशन, एसिड रिफ्लक्स, आदि जैसी डाइजेस्टिव डिसऑर्डर की वजह से वोमिटिंग टेंडेंसी और जी मचलने की समस्या होती है। इन समस्याओं में वोमिटिंग के साथ-साथ अपच, कब्ज आदि का सामना करना पड़ सकता है।
मेंटल हेल्थ और डाइजेस्टिव हेल्थ एक दूसरे से लिंक्ड होते हैं। मानसिक समस्या से पीड़ित व्यक्ति में पाचन संबंधी समस्याएं भी देखने को मिलती हैं। डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसी मानसिक स्थिति में जी मचलने और उल्टी आने जैसे परेशानियां होती हैं।
थायराइड ग्लैंड उन हॉर्मोन्स को कंट्रोल करती हैं, जो बॉडी मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करते हैं। ओवर एक्टिव और अंडर एक्टिव थायराइड दोनों ही वोमिटिंग और जी मचलने की समस्या का कारण बन सकते हैं।
ब्लड में ग्लूकोज का गिरता स्तर सुबह उठने के साथ वोमिटिंग टेंडेंसी का कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि डिनर और ब्रेकफास्ट के बीच एक लंबा गैप हो जाता है जिसकी वजह से कुछ लोगों को लो ब्लड शुगर लेवल का अनुभव होता है। खासकर डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल फ्लकचुएट होता रहता है।
माइग्रेन में बहुत तेज सिर दर्द का अनुभव होता है, जिसकी वजह से वोमिटिंग और जी मचलने की समस्या आपको परेशान कर सकती है। यदि सिर दर्द के साथ वोमिटिंग की टेंडेंसी आती है, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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पर्याप्त मात्रा में पानी न पीने की वजह से भी वोमिटिंग टेंडेंसी और जी मचलने की समस्या हो सकती है। डिहाइड्रेशन की वजह से कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि अधिक थकान महसूस होना, गहरे रंग का पेशाब होना। खासकर जब हम सुबह उठते हैं तो डिहाइड्रेशन की वजह से आपको वोमिटिंग टेंडेंसी आ सकती है, क्योंकि हमारे पानी पीने के समय के बीच काफी ज्यादा गैप हो जाता है।
खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए साधारण पानी पीएं। इसके साथ ही इलेक्ट्रोलाइट सॉल्यूशन और अन्य हाइड्रेटिंग ड्रिंक ले सकती हैं। इससे बॉडी हाइड्रेटेड रहती है, वहीं जी मचलने और वोमिटिंग की टेंडेंसी आने जैसी परेशानी नहीं होती।
अदरक की चाय या ताजी अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा चबाने से वोमिटिंग की टेंडेंसी को कम किया जा सकता है। अदरक में कई ऐसी प्रॉपर्टी पाई जाती हैं, जो आपके पेट को आराम पहुंचाती हैं, इससे वोमिटिंग की टेंडेंसी नहीं होती। ज्यादातर समय वोमिटिंग की टेंडेंसी पेट संबंधी समस्याओं के कारण होती है।
चावल को पकाने के बाद जो पानी बच जाता है, उन्हें पीने से भी वोमिटिंग की टेंडेंसी को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। चावल का बचा हुआ पानी पेट को आराम पहुंचता है, और पाचन प्रतिक्रिया को भी बढ़ावा देता है। जिससे की डाइजेशन संतुलित रहता है, और वोमिटिंग नहीं आती।
पेपरमिंट की सूदिंग प्रॉपर्टीज पेट को आराम पहुंचाती हैं और यह वोमिटिंग टेंडेंसी को कंट्रोल करने का एक सबसे पुराना और प्रचलित नुस्खा है। आप पेपरमिंट की चाय ले सकती हैं, या इनके पत्तों को चबा सकती हैं। यह पाचन क्रिया को संतुलित रहने में मदद करेंगे, इसके साथ ही आपके मुंह में फ्रेशनेस घोल देते हैं।
आप वोमिटिंग टेंडेंसी को कंट्रोल करने के लिए पके हुए और कच्चे केले खा सकती हैं। इनमें मैग्नीशियम और पोटेशियम दोनों ही मौजूद होते हैं, जो डाइजेस्टिव ट्रैक को संतुलित रखने के लिए आवश्यक हैं। वहीं इनका सेवन डायरिया की स्थिति में भी कारगर होता है।
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