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पैरों में अक्सर क्यों जमते हैं खून के थक्के, डॉक्टर बता रहे हैं कारण और बचाव के तरीके

हमारे शरीर में खून का थक्का जमना या ब्लड क्लाटिंग होना, एक नॉर्मल प्रक्रिया है। सबसे आम जगह है पैर, जहां हमें अक्सर इससे जूझना पड़ता है।
क्यों जमते हैं ये खून के थक्के, पैरों में इनका जमना क्यों कॉमन है और इसके बड़े नुकसान क्या हैं, आज हम एक्सपर्ट की मदद से यही समझने वाले हैं। चित्र - अडोबीस्टॉक
Published On: 15 Feb 2025, 04:00 pm IST

हमारे शरीर में खून का थक्का जमना या ब्लड क्लाटिंग होना, एक नॉर्मल प्रक्रिया है। कई बार चोट लगने के कारण भी हो जाती है। कई बार नसों की किसी समस्या के कारण भी ये होती है। सबसे आम जगह है पैर, जहां हमें अक्सर इससे जूझना पड़ता है। लेकिन अगर ये थक्के बिना किसी वजह के बन जाएं तो बड़ी परेशानी भी खड़ी हो सकती है। क्यों जमते हैं ये खून के थक्के, पैरों में इनका जमना क्यों कॉमन है और इसके बड़े नुकसान क्या हैं, आज हम एक्सपर्ट की मदद से यही समझने वाले हैं। साथ ही यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि कैसे इस समस्या से बचा जा सकता है।

खून के थक्के क्यों बनते हैं? (Why do blood clots form?)

हमारे शरीर में खून बहता रहता है। जब शरीर के किसी हिस्से में खून का बहाव रुक जाता है और खून का कुछ अमाउंट जम जाता है, इसे ही हम खून का थक्का या ब्लड क्लाट कहते हैं। यह अमूमन वहीं होता है जहा नसों में कोई डैमेज हुआ हो या चोट लगी हो। ना जाने कितने लोगों को यह नहीं पता है कि दरअसल ऐसा हमारी ही सुरक्षा के लिए होता है कि चोट लगने पर ज्यादा खून न बहने पाए। हालांकि हमेशा ऐसा हो ये जरूरी नहीं है।

हेमेटोलॉजिस्ट और वैस्कुलर सर्जन डॉक्टर दीपक श्रीवास्तव कहते हैं कि ये समस्या बहुत आम है। लेकिन जब शरीर में खून के थक्के बिना किसी कारण के बनने लगते हैं, तो यह एक समस्या बन जाती है। इसे हम डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) कहते हैं। ये तब होती है जब पैर के गहरे नसों में खून का थक्का जमा हो जाता है। इसके अलावा, कुछ और कारण भी हो सकते हैं जिनसे खून के थक्के बनने के चांस बढ़ जाते हैं –

Shareer mei hemoglobin ki matra ka poora hona kyu hai jaruri
खून की कमी शरीर में निर्जलीकरण के जोखिम को बढ़ा देती है। चित्र: शटरस्टॉक

कम शारीरिक गतिविधि –  अगर आप बहुत कम चलते-फिरते हैं, तो नसों में खून का प्रवाह धीमा हो सकता है और थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है।

हॉर्मोनल बदलाव –  प्रेगनेंसी, पीरियड्स या मेनोपॉज के दौरान भी ये समस्या कॉमन है। इसके अलावा बर्थ कंट्रोल पिल या हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी जैसे इलाज के बाद भी ब्लड क्लाट की समस्या बड़ी कॉमन है।

सर्जरी –  किसी बड़ी सर्जरी के बाद भी ब्लड क्लाट कॉमन है। खासकर अगर पैरों में कोई ऑपरेशन किया गया हो तो खून के थक्के जमने का खतरा होता है।

उम्र – पेन मेडिसिन नाम की एक संस्था की रिपोर्ट कहती है कि उम्र बढ़ने के साथ भी खून के थक्के जमने का खतरा अधिक हो जाता है खासकर 60 साल से ऊपर के लोगों में ये खतरा और बढ़ जाता है।

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सबसे आम जगह: पैर की नसें

हार्वर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट  के अनुसार, पैर सबसे आम जगह है जहां खून के थक्के जमते हैं। खासकर, पैर की गहरी नसों में यह समस्या अधिक होती है। इन नसों में खून का प्रवाह धीमा हो जाता है और थक्के बनने लगते हैं। जब ये थक्के छोटे होते हैं तो वे आमतौर पर शरीर के लिए कोई खतरा नहीं बनते। लेकिन जब ये थक्के बढ़ने लगते हैं और खून के प्रवाह के रुक जाने जैसी स्थिति बनने लगती है, तब ये खतरा बन सकते हैं।

Kyun Pairon mei swelling badhne lagti hai
ब्लड पैरों की वेन्स में एकत्रित होने लगता है, जिससे पैरों के मसल्स में टाइटनेस महसूस होती है और भारीपन लगने लगता है। चित्र: शटरस्टॉक

पैर में खून के थक्के के लक्षण

1.पैरों में सूजन
2.दर्द या जलन का अहसास
3.त्वचा का रंग लाल या नीला हो सकता है
4.पैर में गर्माहट या भारीपन महसूस होना

खून के थक्कों के नुकसान:

1.पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism)

जब खून का थक्का टूटकर शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंचता है, तो यह फेफड़ों की नसों में फंस सकता है। इससे सांस लेने में तकलीफ, तेज दिल की धड़कन, और यहां तक कि कुछ केसेस मे लोगों की तुरंत मृत्यु भी हुई है।

2.क्रॉनिक पेडियाट्रिक थ्रॉम्बोसिस (Chronic Post-Thrombotic Syndrome)

अगर खून का थक्का समय पर न हटे, तो यह हमारे शरीर में खून के प्रवाह को धीमा कर देता है। इसी के नतीजे के तौर पर पैर में परमानेंट सूजन, दर्द जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। बुजुर्गों में ये समस्या बहुत आम है।

3.दिल पर असर

ये सभी जानते हैं कि हमारा दिल ब्लड पंप करता है ताकि शरीर तक पर्याप्त मिनरल्स और ऑक्सीजन खून के जरिए जा सके। अब आप यह सोचिए कि अगर कोई ब्लड क्लाट दिल के पास हो जो ब्लड पंप करने में मुश्किल पैदा कर रहा हो तो इससे दिल पर प्रेशर बनेगा ही बनेगा। प्रेशर बनने के कारण कई बार हार्ट अटैक की भी नौबत आ सकती है।

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वॉक करने से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन नियमित रहता है और शरीर स्वस्थ बना रहता है। चित्र: शटरस्टॉक।

इससे बचने के उपाय

1.शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं

सबसे पहले तो आपको अपने जीवनशैली में शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाना होगा। बैठकर लंबे समय तक काम करने या यात्रा करने से बचें। बीच-बीच में उठकर चलें और अपने पैरों को हिलाते डुलाते रहिए। ऐसा करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहेगा और ब्लड क्लाट बनने का खतरा कम से कम होगा।

2.लंबी यात्रा के दौरान ध्यान रखें

यह सबसे जरूरी एहतियात है लेकिन इसे आम तौर पर लोग भूल जाते हैं। जब भी आप ऐसे सफर में हों जहां आपको लंबे समय तक बैठना पड़े, तब आपको इस एहतियात का पालन करना है। कम से कम हर दो घंटे में खड़े हो जाएं और टहलें। आप पैरों को हिलाकर, मांसपेशियों को खींचकर भी शरीर में खून के प्रवाह को बढ़ा सकते हैं। इससे खून के थक्के जमने जैसी समस्या के खतरे दूर होंगे।

3.हाइड्रेटेड रहें

थक्के की समस्या से बचने के लिए पानी पीना बेहद जरूरी है। डिहाइड्रेशन से खून गाढ़ा हो सकता है जिससे थक्के बनने का खतरा बढ़ सकता है। दिनभर में पर्याप्त पानी पीने की आदत डालें।

4.स्ट्रेचिंग और योग

योग और स्ट्रेचिंग करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और शरीर को आराम मिलता है। ऐसे लोग जो लंबे समय तक बैठ कर काम करते हैं, उन्हें योग और स्ट्रेचिंग जैसे व्यायाम को अपने रूटीन का हिस्सा जरूर बनाना चाहिए।

5.सही खाना

अपनी डाइट में फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, और एंटीऑक्सिडेंट्स को शामिल करें। इन चीजों से खून का प्रवाह बेहतर होता है और थक्के जमने के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके लिए ताजे फल, सब्जियाँ, मछली, और नट्स को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं।

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लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

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