आयुर्वेद में शुद्ध घी (Desi ghee) को अमृत कहा गया है। हर रोज सिर्फ एक चम्मच शुद्ध का सेवन आपको बहुत सारे सेहत लाभ देता है। घी में एससीएफए या शॉर्ट-चेन फैटी एसिड होता है, जो कि स्वास्थ्यप्रद वसा में से एक है जिसका आप सेवन कर सकते हैं। ये फैटी एसिड न केवल आपके शरीर में अस्वस्थ वसा को जलाने में मदद करते हैं, बल्कि हृदय और मस्तिष्क के समग्र स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देते हैं। पर बाज़ार में मौजूद ज्यादातर घी को लेकर चह चिंता लगी रहती है कि ये शुद्ध होंगे भी या नहीं। शुद्ध घी सेहत के लिए जितना फायदेमंद है, मिलावटी घी खाना सेहत के लिए उतना ही नुकसानदेह है। पर इस फिक्र को छोड़िए क्योंकि हम आपको बता रहे हैं घर पर ही शुद्ध घी तैयार (how to make desi ghee at home) करने का आसान तरीका।
बाज़ार में मौजूद हर ब्रांड के घी के लिए शुद्धता के दावे किए जाते हैं। पर इन दावों की सच्चाई क्या है, हम में से ज्यादातर लोग जानते हैं। कई बार घी में इस तरह की चीजों की मिलावट की जाती है, जो भले ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हों, पर आपको उन लाभों से वंचित कर देते हैं, जिनके लिए आप घी का सेवन कर रहे हैं।
ऐसे में सबसे अच्छी बात यह है कि आप कुछ आसान स्टेप्स के साथ घर पर ही अपने लिए देसी घी तैयार कर लें। तो आइए मलाई से घर पर ही देसी घी बनाने की विधि नोट करें।
घी में फैट कम होता है। इसमें स्वस्थ वसा होती है जो इसे शरीर में अच्छा फैट जोड़ती है। घी अन्य प्रकार के वसा की तरह हृदय रोग का कारण नहीं बनता है।
घी के सेवन से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। पुराने समय में हमारे पूर्वज भोजन से पहले एक चम्मच घी खाते थे। यह पेट को लाइन करता है और अल्सर और कैंसर की संभावना को कम करता है।
घी ब्यूटिरिक एसिड से भरपूर होता है, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने वाली टी कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। इसलिए हर रोज़ एक चम्मच देसी घी तो ज़रूर खाएं।
सबसे पहले दूध को उबालें और ठंडा होने पर इसकी जो मलाई है उसको इकट्ठा कके अलग रख दें। इसे हर दिन एक अलग कंटेनर में इकट्ठा करती रहें और इसे फ्रीजर में तब तक स्टोर करें जब तक कि यह भर न जाए। आप सप्ताह भर की मलाई इकट्ठी करके अपने लिए घी बना सकती हैं।
इकट्ठी की हुई मलाई को एक मोटे तले के पैन में डालें और गैस पर गर्म करें। याद रखें कि आंच मध्यम या धीमी रहे।
मलाई में मौजूद दूध-छाछ धीरे-धीरे जलने लगेंगे। इस बीच मलाई को बड़े चम्मच से हिलाती रहें ताकि वह तली पर जले नहीं।
15 से बीस मिनट में घी ऊपर तैरने लगेगा और मावा नीचे तली में बैठने लगेगा। ध्यान रहे कि अब आपको नीचे बैठे मावे को खुरचना नहीं है। वरना इसकी महक घी में शामिल हो जाएगी और वह स्वाद नहीं लगेगा।
जब लगे कि घी पूरी तरह से उबल कर तैयार हो गया है तो गैस बंद कर दें और उसे थोड़ी देर ठंडा होने दें।
जब घी थोड़ा ठंडा हो जाए तो उसे लोहे की मोटी छननी से छानें और किसी कंटेनर में पलट लें। ये आपका होममेड देसी घी बिल्कुल तैयार है। बस दाल या सब्जी में हर दिन एक चम्मच घी डाल कर खाएं। और बस शुद्ध घी के सारे फायदे लें।
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