एनर्जी और स्ट्रेंथ का कॉम्बो है स्टेमिना, जो आपको लंबे समय तक शारीरिक रूप से एक्टिव बनाए रखता है। यदि आपको कोई व्यक्ति हाई स्टेमिना वाला कहता है, तो इसका मतलब है कि लंबे समय तक स्वयं को एक्टिव बनाए रखने के लिए भी आपको बहुत कम एनर्जी खर्च करनी पड़ती है। पर इसके उलट अगर आपको किसी भी काम में बहुत देर लगने लगे या आप ऊबने लगें, तो इसका मतलब है कि आपका स्टेमिना कम हो रहा है। जिसका असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर पड़ रहा है। यहां हम कुछ टिप्स बता रहे हैं, जो स्टेमिना बढ़ाने (How to increase stamina) में आपकी मदद कर सकते हैं।
आप कोई भी एक्टिविटी करती हैं, तो उसके लिए न सिर्फ एनर्जी, बल्कि सहनशक्ति की भी जरूरत पड़ती है। इसकी सहायता से ही कोई भी काम चाहे वह कोई खेल खेलना हो, ऑफिस या घर का काम हो, किया जा सकता है। इसी सहनशक्ति या काम संपन्न करने की हिम्मत या शक्ति को स्टेमिना कहते हैं। किसी भी काम को करने का स्टेमिना बढ़ाने (How to increase stamina) या कायम रखने के लिए भी हमें पावर या एनर्जी की जरूरत पड़ती है, जो अलग-अलग कारकों से आ सकती है।
जब आप काम करते हुए थक जाती हैं, तो आप यह सोचने लगती हैं कि अब मुझे आराम की जरूरत है। मुझे लेट जाना या सो जाना चाहिए। बहुत बार आप ऐसा कर भी लेती हैं। बिना काम को पूरा किए आपको आराम की जरूरत महसूस होने लगती है। काम पूरा न कर सकने की अक्षमता बॉडी एनर्जी के बर्न हो जाने के कारण होती है।
यदि आप नियमित तौर पर रोज 25-30 मिनट बॉडी को एक्टिव बनाए रखने के लिए जरूरी एक्सरसाइज करें, तो आपकी काम करने की क्षमता बढ़ सकती है। एक्सरसाइज करने से शरीर से एंडोर्फिन हार्मोन निकलता है, जो थकान को महसूस न होने देने में मदद करता है। स्टडी के अनुसार, एंडोर्फिन मूल रूप से दर्द को रोकता है और इसे खुशी की भावना से बदल देता है।
सुबह 8 बजे से रात के 11 बजे तक शरीर को एक्टिव बनाए रखने के लिए ढेर सारी एनर्जी की जरूरत पड़ती है, जो हमें संतुलित आहार से प्राप्त हो सकती है। प्रोसेस्ड फूड और शुगर प्रोडक्ट बॉडी में फैट डिपोजिशन बढ़ाते हैं, जिससे सुस्ती आती है।
फल, सब्जियां, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट संतुलित आहार के लिए जरूरी हैं। यदि आप वेट लॉस या डायबिटीज मैनेजमेंट कर रही हैं, तो अपने भोजन में कार्ब्स को सीमित कर सकती हैं, लेकिन ध्यान रखें कि कार्ब्स हमारे शरीर का ईंधन स्रोत हैं। इसलिए डाइट का एक तिहाई भाग कार्ब्स जरूर होने चाहिए। एक स्टडी के अनुसार, वर्कआउट से कुछ घंटे पहले कार्बोहाइड्रेट खाने से ऊर्जा बढ़ सकती है और आपको तुरंत थकान का अनुभव होने से रोका जा सकता है। आपकी बॉडी वेट के अनुसार आपकी डाइट क्या होनी चाहिए, यह जानने के लिए न्यूट्रीशनिस्ट से जरूर संपर्क करें।
डिहाइड्रेशन से आपको न केवल वीकनेस फील होगी, बल्कि आपको थकान का भी अनुभव होगा। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने तथा लिक्विड और फ्लूइड डाइट लेने से न सिर्फ आपके काम करने की क्षमता बढ़ जाती है, बल्कि थकान का अनुभव भी नहीं हो पाता है।
यहां ध्यान रखने वाली बात है कि ओवरहाइड्रेशन से न सिर्फ आपको बार-बार यूरीन पास करने की इच्छा होगी, बल्कि ब्लोटेड भी महसूस होगा। काम करने का स्टेमिना प्रभावित होने के साथ-साथ स्ट्रेस लेवल भी बढ़ सकता है। इलेक्ट्रोलाइट्स वाले फ्लूइड स्टेमिना को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
बार स्ट्रेस के कारण भी हमारे काम करने की शक्ति प्रभावित होती है। स्ट्रेस के कारण हमें रात में साउंड स्लीप नहीं होता और दिन में काम करते समय नींद आती रहती है। यदि आप योग और ध्यान से जुड़ती हैं, तो आपका स्ट्रेस लेवल कम होता है। आप आठ घंटे की नींद ले पाती हैं और सुबह उठने पर स्वयं को तरोताजा महसूस करती हैं। निश्चित तौर पर इससे आपका स्टेमिना भी बढ़ जाता है।
संगीत सुनने से बॉडी से एंडोर्फिन नामक हार्मोन रिलीज होता है। इससे व्यक्ति खुश महसूस करता है और हर तरह के तनाव से भी मुक्त हो जाता है। यदि आप कोई लाइट म्यूजिक सुनते हुए एक्सरसाइज करती हैं, तो आप न सिर्फ अधिक समय तक एक्सरसाइज कर पाती हैं, बल्कि इसका परिणाम भी बेहतर आता है।
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कस्टमाइज़ करेंकाम के साथ-साथ शरीर के लिए आराम भी बहुत जरूरी है। एक अध्ययन में पाया गया है कि यदि आप सही मात्रा में नींद नहीं लेती हैं, तो आप जल्दी थक जाती हैं और आपका वर्क पावर भी प्रभावित होता है।
वर्कआउट करते समय आपको काम के दौरान भी आराम करना चाहिए। वर्कआउट के बीच यदि आप आराम करती हैं, तो न सिर्फ मसल्स की कार्यक्षमता बढ़ती है, बल्कि पूरा बॉडी रिकवर होता है।
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