घर और प्रोफेशनल लाइफ में उतार-चढ़ाव लाजिमी है। इन दिनों नौकरियां भी बहुत छूट (layoff) रही हैं। ऐसी परिस्थिति में ख़ुशी मिलनी मुश्किल है। उस दौरान हमें लगता है कि कठिन परिस्थिति से उभरना संभव नहीं हो सकता है। हम हरवक्त उदास रहने लगते हैं। खुद को खुश रखना या कहें कि ख़ुशी महसूस करना मुश्किल हो जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि कठिन परिस्थिति में भी ख़ुशी महसूस की जा सकती है। इसके लिए हमें खुद प्रयास करना होगा और उपाय (how to find joy in difficult times) भी ढूंढना होगा।
अमेरिकी टॉक शो होस्ट, टेलीविजन प्रोडूसर, अभिनेत्री और लेखिका ओपरा गेल विनफ्रे का बचपन और युवावस्था बहुत कठिन परिस्थितियों के बीच बीता। उनकी बायोग्राफी में यह स्पष्ट कहा गया है कि टीनएज में उन्हें कई तरह की मानसिक और शारीरिक यातनाएं सहनी पड़ीं। यदि वे उन यातनाओं में खुद को डुबोये रखतीं, तो कभी ऊंचाइयां नहीं हासिल कर पातीं।
इसलिए खुद को खुश रखना महत्वपूर्ण है। यह आसान भी है। सिर्फ कठिन परिस्थितियों में डुबोये रखने की बजाय उनसे बाहर निकलने की कोशिश करना। उन्हें इग्नोर करना। और भूलने की कोशिश करना जरूरी है।
टीवी एक्ट्रेस तनाज इरानी ने एक प्रोग्राम के दौरान अपने दिल की बात कही थी। उन्होंने बताया, ‘मैंने अपनी कठिन परिस्थितियों के दौरान अपने सोचने का तरीका बदला। यदि आप चाहते हैं कि आपका जीवन खुशनुमा हो, तो आपको अपने सोचने का तरीका बदलना होगा। अतीत में किसी ने आपके साथ जो कुछ भी किया, उसे वर्तमान से नहीं जोड़ें। जैसे ही आप अपने सोचने का तरीका बदलेंगी, आप छोटी-छोटी बातों में ख़ुशी महसूस करने लगेंगी।
अक्सर हमारे दिमाग में नकारात्मक बात ही चलती रहती है। जिन लोगों ने हमारा नुकसान किया या जरूरत पड़ने पर मदद नहीं की, हम उन्हें ही कोसते रहते हैं। जिन लोगों ने हमारा भला किया या जरूरत पड़ने पर तुरंत मदद कर दी, उन लोगों के प्रति आभार प्रकट करना भूल जाते हैं।
आप बोलकर या लिखकर सामने वाले के प्रति आभार प्रकट कर सकती हैं। मोटिवेशनल स्पीकर दीप त्रिवेदी अपनी किताब मन की बात में कहते हैं, ‘ आप हर छोटी चीज के लिए आभार प्रकट करने की आदत डालें। जैसे ही ये आदत आपकी रूटीन में शामिल हो जाएगी, आपके लिए कोई भी परिस्थिति कठिन नहीं रह जायेगी। आप हर परिस्थिति में ख़ुशी महसूस करेंगे।’
एक बार एक इंटरव्यू के दौरान महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से पूछा गया, जब आपका परफोर्मेंस लगातार खराब रहने लगता है, तो आप बहुत दुखी होते होंगे। इस कठिन घड़ी में आप खुद को खुश कैसे रख पाते हैं? सचिन ने जवाब दिया था, मैं किसी भी परिस्थिति में खुद को उदास नहीं होने देता हूं।
मैं पुरानी बातों पर सोचने की बजाय अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करता हूं।’ यदि आप पुरानी बातों- खराब परफोर्मेंस पर सोचते रहेंगे, तो आगे निकलने की बजाय और फंसते चले जायेंगे। इसलिए खराब समय पर सोचने की बजाय अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश करें।
संगीत में बहुत ताकत होती है। कई शोध भी यह प्रमाणित कर चुके हैं कि संगीत थेरेपी का काम करता है। आप पाएंगी कि म्यूजिक ऑन होते ही आप खुद भी अपना पसंदीदा गाना गुनगुनाने लगती हैं। आप अपने सारे गम भुला देती हैं। आपका ध्यान कष्टप्रद परिस्थिति की बजाय बीते खुशनुमा पलों की ओर चला जाता है। आपकी उदासी भाग जाती है।
योग और ध्यान में बहुत ताकत है। यदि आप नियमित रूप से ध्यान करने लगती हैं, तो आपका मन धीरे-धीरे शांत हो जाता है। आप बुरे पलों पर रिसर्च करना छोड़ देती हैं। इसलिए आपनी रूटीन में ध्यान को अवश्य शामिल करें। शुरुआत 5 मिनट से कर सकती हैं।
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