बहुत से लोगों को सुबह जल्दी उठना एक ख्वाब जैसा लगता है। दरअसल, देर तक सोना उनकी आदत में शुमार होता है। हांलाकि लोग इसके लिए अलार्म सेट करने से लेकर कई तरह के उपाय करते हैं। मगर जल्दी उठना मुमकिन सा नहीं लगता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि अर्ली मॉर्निंग रूटीन (early morning routine) सेट करना मुश्किल काम है। लेकिन अपने मन को नियंत्रित करने मस्तिष्क को जल्दी उठने के लिए तैयार करने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना ज़रूरी है। जानते हैं सुबह जल्दी उठने के लिए अपने ब्रेन को कैसे ट्रेन करें (how to wake up early)।
इस बारे में बातचीत करते हुए डॉ युवराज पंत बताते हैं कि रात की मील्स से लेकर सभी एक्टीविटीज़ बॉडी की इंटरनल क्लॉक (Body internal clock) को प्रभावित करती है। इसके चलते सुबह जल्दी उठने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है। इसके लिए लेट नाइट पार्टीज़ से लेकर हैवी मील्स तक सभी चीजों को अवॉइड करना चाहिए। इसके अलावा स्लीप पैटर्न (sleep pattern) सेट करने से सुबह जल्दी उठने में मदद मिलती है। अर्ली मॉर्निंग उठने से शरीर एक्टिव रहता है और एनर्जी की मात्रा बढ़ने लगती है। इसके अलावा पाचन संबधी समस्याएं भी हल हो जाती है।
वे लोग जो समय पर उठते है, उनकी मेंटल हेल्थ (mental health) पर भी इसका प्रभाव नज़र आता है। जल्दी उठकर दिनचर्या शुरू करने से दिनभर के तनाव से बचा जा साकता है और फोकस बढ़ने लगता है। रात को देर तक जगना और सुबह देर तक सोने से दिनभर आलस्य का सामना करना पड़ता है, जिससे लाइफस्टाइल डिसऑर्डर (lifestyle disorder) का सामना करना पड़ता है।
सोने और उठने का समय तय करने से जल्दी न उठ पाने की समस्या को हल किया जा सकता है। इससे नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है और भरपूर नींद भी ली जा सकती है। 8 से 10 घंटे की नींद लेने से तन और मन एक्टिव बने रहते हैं। इसके लिए अपने मोबाइल को सोने से पहले स्विच ऑफ कर लें, ताकि नींद में किस प्रकार का खलल न हो।
दिनभर के सभी कार्यों को समय पर कर लें। इससे किसी भी प्रकार के तनाव और चिंता से बचा जा सकता है। सुबह उठकर अपनी टू डू लिस्ट तैयार कर लें और बारी बारी से सभी कार्यों को पूरा कर लें। इससे डेली रूटीन को आसानी से फॉलो किया जा सकता है। साथ ही नींद न आने और जल्दी न उठ पान की समस्या हल हो सकती है।
अगर आप सुबह 5 से 6 बजे उठना चाह रही हैं, तो उसके एकदम 5 बजे का अलार्म सेट करने से पहले अपने नियमित समय से 30 मिनट पहले उठने का प्रयास करें। इससे शरीर जल्दी उठने के लिए तैयार होने लगता है और शरीर को जल्दी उठने की आदत होने लगती है। इसके अलावा जिस भी वक्त आप उठना चाह रही हैं, उससे 15 मिनट पहले का अलार्म सेट करें। इससे शरीर खुद को उठने के लिए मेंटली मज़बूत बना लेता है।
रात को किसी पार्टी में जाने या देर तक जागने और दोस्तों से बातें करने से परहेज करें। इससे बॉडी की इंटरनल क्लॉक डिस्टर्ब होने लगती है। ऐसे में बिस्तर पर जाने से पहले हल्का फुल्का म्यूज़िक सुनें और किताबें पढ़ें। इसके अलावा डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ भी नींद लाने के लिए मददगार साबित हो सकती है।
चाय, कॉफी या स्पाइसी फूड का सेवन करने से बचें। रात को ली जाने वाली मील्स का प्रभाव नींद पर नज़र आने लगता है। दरअसल, हैवी मील्स से एसिड रिफ्लक्स की समस्या बढ़ जाती है, जिससे ब्लोटिंग और एसिडिटी का सामना करना पड़ता है। इससे सुबह उठने में तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
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