आप सभी ने कभी न कभी तनाव में भूख का अनुभव जरूर किया होगा जिसे “स्ट्रेस ईट” या “स्ट्रेस ईटिंग” के नाम से जाना जाता है। तनाव के कारण शरीर में होने वाले हॉर्मोनल बदलाव भूख को उत्तेजित करते हैं। जरूरी नहीं की इस स्थिति में सभी भूख का अनुभव करें, कुछ लोगों को तनाव में भूख नहीं लगती है। अक्सर तनाव में अनहेल्दी क्रेविंग्स होती है, जिसकी वजह से बाद में परेशानी उठानी पड़ सकती है। जैसे कि यदि आप डाइटिंग पर हैं और आपको स्ट्रेस क्रेविंग हो रही है तो आप अनहेल्दी खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित हो सकती हैं।
यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो चिंता न करें हम बताएंगे आपको क्या है स्ट्रेस ईटिंग (How to avoid stress eating)। साथ ही जानेंगे स्ट्रेस क्रेविंग को कंट्रोल करने के लिए क्या खाना चाहिए। न्यूट्रीशनिस्ट और डायबिटिक एजुकेटर कपिल कनोडिया ने स्ट्रेस ईटिंग (How to avoid stress eating) के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताइ हैं। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
जब आप तनावग्रस्त या अभिभूत महसूस करती हैं, तो आपके शरीर में कॉर्टिसोल का उत्पादन बढ़ जाता है। कॉर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोन के नाम से जाना जाता है, जो आपको निराशा और तनाव का अनुभव कराता है। शरीर में कॉर्टिसोल का बढ़ता स्तर हाई फैट और शुगर जैसे कंफर्ट फूड्स की क्रेविंग का कारण बनता है, जिसकी वजह से तनाव में अक्सर लोग ओवरईटिंग करते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार स्ट्रेस ईटिंग पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रभावित करती है। तनाव में महिलाएं खाद्य पदार्थों की ओर आकर्षित होती है तो पुरुष अल्कोहल और स्मोकिंग की ओर।
किसी भी समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए सबसे पहले उसके ट्रिगर्स को पहचानना बेहद महत्वपूर्ण होता है। ठीक इसी प्रकार सबसे पहले आप यह समझने की कोशिश करें कि आखिर ऐसी कौन सी स्थिति या भावना है जो आपकी स्ट्रेस और इमोशनल ईटिंग को ट्रिगर करती है। जब एक बार आप इन्हें पहचान लेंगी तो ऐसी स्थिति से जितना हो सके बचने की कोशिश करें।
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यदि आपको तनाव में अक्सर खाद्य पदार्थों की क्रेविंग्स होती है, तो आप इस दौरान अनहेल्दी फूड्स की जगह स्वस्थ संतुलित खाद्य पदार्थों का सेवन करने की कोशिश करें। विटामिन डी से भरपूर खाद्य स्त्रोत मूड को बेहतर करते हैं और तनाव, एंजायटी, डिप्रैशन जैसी स्थिति में कारगर होते हैं। ऐसे में आप अंडा, मशरूम, मछली, फोर्टीफाइड मिल्क आदि को डाइट में शामिल कर सकती हैं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित अध्ययन के अनुसार फुट मसाज डिप्रैशन, एंजायटी जैसे स्थिति में कारगर होता है। वहीं यह तनाव को भी काम करता है। यदि आप तनाव में हैं और आपको खाद्य पदार्थों की क्रेविंग सो रही है, तो खुद को फुट मसाज दें। ऐसा करने से आपको रिलैक्स महसूस होगा और तनाव के साथ-साथ क्रेविंग्स भी कम होगी। आप चाहे तो फूट रोलर और मसाजर का भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके अलावा अपने दोनों पैर के टखनों को किसी ठंडे बॉल के ऊपर रखें और 5 मिनट तक बॉल को रोल करती रहें। यदि बॉल उपलब्ध नहीं है, तो फ्रोजन वॉटर बोतल का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंकई लोगों के सभी मर्ज की दवा चाय होती है। वहीं तनाव में भी चाय का सेवन आपके लिए फायदेमंद रहेगा। ब्लैक टी कॉर्टिसोल के स्तर को कम करती है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार कुछ लोगों को 6 हफ्ते तक ब्लैक टी पीने को कहा गया। समय पूरा होने पर उनका कॉर्टिसोल का स्तर बेहद कम था, साथ ही वे काफी रिलैक्स लग रहे थें।
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