शाकाहारी हैं, तो मसल्स बनाने के लिए चिकन और अंडे की बजाए इन फूड्स को करें अपनी डेली डाइट में शामिल

आप वेट लॉस करना चाहते हैं या मसल्स बनाना चाहते हैं, दोनों ही स्थितियों में प्रोटीन आपके लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। पर अगर आप शाकाहारी हैं, तो यकीनन आपको इसके विकल्प खोजने पड़ते होंगे।
vegan diet se kaise banaye muscles
मांसपेशियों का निर्माण करना आपके लिए कई कारणों से जरूरी हो सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 10 Jan 2024, 09:30 am IST
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विराट कोहली, अनुष्का शर्मा कुछ ऐसे सिलेब्स है जो वीगन डाइट को फॉलो करते हैं। जिससे कई लोग इनसे प्रेरणा लेकर मांसाहार को छोड़कर शाकाहारी भोजन को अपनाते है। लेकिन कई फिटनेस फ्रिक कहते है कि बिना मांसाहार के बॉडी बनाना और जिम में पसानी बहाना व्यर्थ है।

यह गलतफहमी हम में से कई लोगों में होती है कि शाकाहारी भोजन (vegan diet) पर बॉडी बिल्डिंग या मांसपेशियां का निर्माण कर पाना मुश्किल है। लोगों को ऐसा इसलिए लगता है कि चिकन ब्रेस्ट में स्टेक बीन्स या साबुत अनाज की तुलना में प्रति औंस बहुत अधिक प्रोटीन प्रदान करता है। लेकिन शाकाहारी के रूप में मांसपेशियों का निर्माण बिल्कुल संभव है। तो अगर आप इस बात से निराश है कि आप कैसे शाकाहारी डाइट के साथ बॉडी बिल्डिंग (body building) करेंगे तो आज हम आपको मसल्स बनाने के कुछ शाकाहारी विकल्प बताएंगे।

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दाल पकाने पर प्रति कप 15 ग्राम तक प्रोटीन मिल सकता है। चित्र: शटरस्टॉक

मांसपेशियों का निर्माण करना आपके लिए कई कारणों से जरूरी हो सकता है। मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन लेना बहुत जरूरी है। जो लोग मसल्स बनाना चाहते हैं उनको नॉर्मल से थोड़ा ज्यादा प्रोटीन की जरूरत होती है। इसलिए लोग चिकन और अंडे लेते है। आपके शरीर में मसल्स होने का मतलब है कि आपके शरीर में कम वसा होगा। मसल्स (muscles) से आप कई ताकत वाले काम आसानी से कर सकते है। जैसे किसी भारी चीज को उठाना या कुछ सामान को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना।

प्रोटीन क्यों महत्वपूर्ण है? (why protein is important)

प्रोटीन मांसपेशियों के लिए बिल्डिंग ब्लॉक है और मांसपेशियों को बढ़ाने के लिए इसे खाना जरूरी है। जब आप व्यायाम करते हैं, तो आपकी मांसपेशियां टूटती है चोटिल होती है। मांसपेशियों की मरम्मत और निर्माण में मदद के लिए पर्याप्त प्रोटीन खाना आवश्यक है।

एक शाकाहारी के रूप में, आपके आहार में प्रोटीन के स्रोत मांस खाने वाले व्यक्ति से अलग होंगे। प्लांट बेस्ड प्रोटीन में सेम, दाल, साबुत अनाज नट्स, सीड्स, सोया उत्पाद और डेयरी शामिल हैं। अगर आप एथलीट है तो प्लांट बेस्ड प्रोटीन पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते है लेकिन अगर आपको केवल मसल्स बिल्डअप करनी है तो प्रोटीन पाउडर की जरूरत नहीं है।

सबसे पहले अपने प्रोटीन की जरूरतोंं का पता लगाएं

प्रोटीन के लिए रिकमेंडिड डाइट्री अलाउंस (RDA) शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम 0.8 ग्राम प्रोटीन या 0.36 ग्राम प्रति पाउंड है। आपके शरीर को आवश्यक प्रोटीन की न्यूनतम मात्रा (ग्राम में) की गणना करने का सबसे अच्छा तरीका कि आप अपने शरीर का वजन को 0.36 को आपके से गुणा करें।

150 पाउंड वाले व्यक्ति के लिए, यह प्रति दिन केवल 54 ग्राम प्रोटीन की जरूरत है। एथलीटों को थोड़ा अधिक प्रोटीन की आवश्यकता होती है, प्रतिदिन शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम लगभग 1.2 से 2.0 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है।

प्रोटीन के शाकाहारी विकल्प जानने के लिए हमने बात की डॉ राजेश्वरी पांडा मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई में पोषण और आहार विज्ञान विभाग की एचओडी से।

चलिए अब जानते हैं प्रोटीन के शाकाहारी विकल्प

1 बीन्स और दालें

भारतीय घरों से दालों का एक पूराना रिश्ता रहा है। कोई भी भोजन हो उसमें दाल का होना जरूरी होता है। पौष्टिक बीन्स और दाल पकाने पर प्रति कप 15 ग्राम तक प्रोटीन मिल सकता है। आप इन दालों का सेवन किसी भी चीज के साथ कर सकते है। आपको अपने हर मील में 1 से 2 कटोरी दालों का सेवन करना ही चाहिए। ये भी ध्यान में रखना चाहिए आपको दाल से अधिक प्रोटीन लेने की जरूरत है।

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दूध से आपको अच्छी मात्रा में प्रोटीन मिल सकता है। चित्र : अडोबी स्टॉक

2 कार्बोहाइड्रेट लेना भी जरूरी है

कार्बोहाइड्रेट आवश्यक हैं क्योंकि ये आपको किसी भी तरह की एक्टिविटी के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं। यदि आप कार्ब्स को सीमित करते हैं, तो आप अच्छी प्रदर्शन करने में सफल नहीं हो पाएंगे या शरीर को लीन नहीं बना पाएंगे। अपने आहार का 45-60% कार्बोहाइड्रेट लेना भी जरूर याद रखें।

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3 दूध या दूध स बने उत्पाद

गाय का दूध, अच्छी गुणवत्ता वाले प्रोटीन का एक बहुत अच्छा स्रोत होने के अलावा, कैल्शियम, सीएलए, फॉस्फोरस और कई अन्य पोषक तत्वों से समृद्ध है। भैंस के दूध की तुलना में इसमें वसा की मात्रा कम होती है। कई दुध उत्पादों में कॉटेज पनीर, छाछ, दही, चीज़, दही आदि शामिल हैं। आपको जितनी जरूरत है उस हिसाब से इसका सेवन करने से आपको जरूर लाभ मिल सकता है।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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