खुश रहने की कोई उम्र नहीं होती है। अगर आप खुद से प्यार करते हैं, तो हर छोटी बड़ी सिचुएशन में अपने आप को खुश रखने का बहाना खोज ही लेते है। फर्क सिर्फ इतना है कि कोई वडा पाव से भी खुश हो जाता है, तो कोई फाइव स्टार होटल में मिले डिनर से भी सेटिसफाइड फील नहीं करता है। दरअसल, हमारे आस पास इतना तनाव है कि बहुत से लोग उसमें बह जाते है और उसमें से बाहर निकलने का कोई रास्ता उन्हें नज़र नहीं आता है। अगर आप भी तनाव से भरे इस माहौल में हैप्पीनेस हेक्स (Happiness hacks) की तलाश में है, तो ये आसान टिप्स आपकी मदद कर सकती है (5 tips to improve mood)।
इस बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हल्दवानी में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि खुद को चिंतामुक्त रखने के लिए कुछ वक्त नेचर के नज़दीक बिताएं। इसके लिए आप समुद्र या पहाड़ों का रूख कर सकते है। नेचर से कनेक्ट होते ही हमारा मन रिलैक्स होने लगता है। इससे हमारे अंदर पॉज़िटिविटी डवैल्प हो जाती है। इसके अलावा फिज़िकली एक्टिव (Physically active) रहें यानि शारीरिक सक्रियता पर ध्यान दें। योग करें, जॉगिंग पर जाएं और साइकिलिंग करें, ताकि आपके अंदर गुड हार्मोन रिलीज़ (Good hormone release) हो सकें।
खराब से खराब मूड भी दो कदमों के थिरकने से अपने आप ठीक हो जाता है। अगर आप किसी बात को लेकर स्ट्रेस में हैं, तो किसी भी पंसदीदा जोशीले गाने को लगाकर खुलकर नाचिए। इससे हमारे शरीर में एंडोर्फिन रिलीज होने लगते हैं, जिससे हम धीरे धीरे तनाव मुक्त होने लगते हैं। इसके अलावा अपना फेवरेट गाना सुनते यां गुनगुनाते ही हमारे अंदर पॉज़िटिव न्यूरोट्रांसमीटर उमड़ने लगते हैं। ऐसे में खुलकर नाचने से तन और मन अपने आप खुशी से झूमने लगता है।
ध्यान लगाने से हम खुद को सभी चिंताओं से मुक्त महसूस करते है। खुद को हल्कापन महसूस होने लगता है। इसके लिए 5 सेकण्ड तक गहरी सांस लें और फिर उसे 5 सेकण्ड तक रोकने के बाद छोड़ दें। इससे आप अपने आस पास ताज़गी फील करते हैं। दरअसल, अन्य शारीरिक फायदों के अलावा योग मूड बेस्टर का भी काम करता है। योग की मदद से शरीर में गामा.एमिनोब्यूट्रिक एसिड बढ़ता है, जो ब्रेन केमिकल के लेवल को बढ़ाकर मूड को ठीक करने का काम करता है। जब भी आप स्ट्रेस से घिरे हो, तो बालासन, शवासन और कपालभाती अवश्य करें।
अपनी हैप्पीनेस को बनाए रखने के लिए हमें मसाज लेनी चाहिए। असेंशियल ऑयल्स मूड बूस्टर का काम करते है। इनसे मसाज करने से हमारा मूड रेगुलेट होने लगता है। अगर आप ऑफिस में है और मसाज नहीं ले सकते है, तो आर्गेनिक चाय पीने से या कुछ देर फूलों की महक से भी आप खुद को रिफ्रशिंग महसूस करने लगते हैं। इसके अलावा रसोई में मौजूद नींबू की महक भी हमारे मन को शांति प्रदान करने का काम करता है।
इस बारे में डॉ युवराज का कहना है कि जब भी आप किसी चिंता या परेशानी से जूझ रहे हैं, तो अकेले बैठकर उसके बारे में साचने की जगह अपने दोस्तों से मिले। उनके साथ घूमने का प्लान बनाएं और अपनी टेंशन को उनसे साझा करें। कई बार जो बात हमें अंदर ही अंदर परेशान करती है, उसका साल्यूशन दोस्तों की मदद से चुटकियों में मिल जाता है।
परेशानी का मतलब रोना और दूसरों को भला बुरा कहना बिल्कुल नहीं है। अगर कोई बात आपकी परेशानी का कारण बन गई है, तो अपने विचारों को लिखने की कोशिश करें। लिखने से हमारे विचार स्वतंत्रता का अनुभव करते है और हम भी हल्कापन महसूस करने लगते हैं। अपने थॉटस पर कंट्रोल रखने की बजाय उन्हें मुक्त रखने का प्रयास करें।
दूसरों की मदद करने के लिए हर वक्त तैयार रहें।
मतलब के लिए औरों से दोस्ती मत करें।
हर गलती के लिए खुद को न कोसे।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंजैसे भी हालात हो, ईश्वर के शुक्र गुज़ार रहें।
दूसरों की बराबरी करना छोड़ दें।
अपने क्लीग्स की गलतियां न निकालें
दूसरे व्यक्ति को भला बुरा कहने से पहले अपने व्यक्तित्व पर एक नज़र ज़रूर दौड़ाएं।
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