अक्टूबर के महीने को ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में जाना जाता है। इस दौरान ब्रेस्ट कैंसर को लेकर जितनी हो सके, उतनी ज्यादा जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाती है। स्तन कैंसर के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए लोगों को इसको लेकर सही जानकारी होना बहुत जरूरी है। यूके जैसे विकसित देश में सबसे ज्यादा स्तन कैंसर के मामले पाए जाते हैं। हालांकि, अब भारत में भी स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है। इसलिए यह जरूरी है कि आप इसके जोखिम को कम करने (how to reduce breast cancer risks) के बारे में जागरुक रहें।
स्तन कैंसर के लक्षण नजर आते हीं फौरन डॉक्टर से मिलकर सलाह लेना जरूरी है। यदि इसे शुरुआती दौर में पकड़ लिया जाए, तो इससे छुटकारा पाना ज्यादा मुश्किल नहीं रहता। परंतु यदि आप इसके लक्षणों को नजरअंदाज करती रहती हैं, तो आगे चलकर इसे नियंत्रित कर पाना कठिन हो जाता है।
हमने डॉक्टर रितु सेठी से ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण और बचाव को लेकर बातचीत की। उन्होंने स्तन कैंसर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। तो चलिए जानते हैं, किस तरह ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते आंकड़ों को नियंत्रित किया जा सकता है।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने ब्रेस्ट कैंसर के जिन लक्षणों के बारे में चेतावनी दी है, वे इस प्रकार हैं –
1. स्तन या अंडर आर्म्स में गाठें पड़ना।
2. ब्रेस्ट के कुछ हिस्सों का मोटा होना या उनमें सूजन होना।
3. स्तन की त्वचा में जलन या डिम्पलिंग होना।
4. निप्पल या स्तन में लाल धब्बे दिखाई देना या ब्रेस्ट पर परतदार त्वचा बनना।
5. निप्पल में खिंचाव महसूस होना या निप्पल एरिया में दर्द रहना।
6. निप्पल से खून आना और अन्य तरह के डिस्चार्ज निकलना।
7. स्तन के शेप और साइज में परिवर्तन आना।
8. ब्रेस्ट के किसी भी हिस्से में बेवजह दर्द महसूस होना।
हेल्थ शॉट्स ने ऑरा क्लिनिक, सेक्टर 31 गुड़गांव की डायरेक्टर एवं क्लाउड नाइन हॉस्पिटल, गुड़गांव सेक्टर 14 की सीनियर कंसल्टेंट डॉ ऋतु सेठी से इस विषय पर बात की। वे ब्रेस्ट कैंसर से बचने के कुछ महत्वपूर्ण उपाय बता रहीं हैं –
डॉ ऋतु सेठी कहती हैं, “यदि आपकी मां, बहन, चाची, बुआ या किसी भी नजदीकी रिश्तेदार को ब्रेस्ट कैंसर रह चुका है, तो इस बात की जानकारी डॉक्टर को जरूर दें। यदि ऐसा है तो डॉक्टर स्तन कैंसर वंशाणु (BRCA gene) की जांच करते हैं। यदि यह जीन किसी भी महिला के अंदर पॉजिटिव पाया जाता है, तो उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना काफी ज्यादा होती है।
वहीं 10 से 15 प्रतिशत केस में ब्रेस्ट कैंसर जीन से ट्रांसफर हुआ होता है। यदि कोई महिला में स्तन कैंसर वंशाणु मौजूद है, तो उन्हें अधिक सचेत रहने की आवश्यकता होती है और डॉक्टर के संपर्क में रहना भी जरूरी है।”
डॉ ऋतु सेठी के अनुसार 40 वर्ष के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में 40 वर्ष के बाद हर 2 साल पर एक बार मैमोग्राफी की जांच जरूर करवानी चाहिए। डॉक्टर कहती हैं कि यूएस में स्तन कैंसर के आंकड़े सबसे ज्यादा है, वहीं अमेरिकन कॉलेज ऑफ रेडियोलॉजिस्ट भी मैमोग्राफी की जांच करवाने की सलाह देते है।
इसके साथ ही ब्रेस्ट कैंसर के बढ़ते आकड़ों को रोकने के लिए यूरोपियन सोसायटी भी हर 2 साल में एक बार मैमोग्राफी करवाने को कहती हैं। यदि आपकी फैमिली हिस्ट्री में किसी को ब्रेस्ट कैंसर रह चुका है, तो आपको यह जांच और फ्रिक्वेंटली करवानी चाहिए।
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कस्टमाइज़ करेंब्रेस्ट कैंसर के जोखिम का पता लगाने के लिए जाहिर है कि आप हर रोज अस्पताल नहीं जा सकती। ऐसे में डॉ ऋतु सेठी ने ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करने की सलाह दी है। इस बारे में अपनी गायनेकोलॉजिस्ट की मदद ले सकती हैं।
इसके साथ ही ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन करने के लिए आपको नियमित रूप से अपने हाथों से स्तन को छूकर देखना है और यदि कोई बदलाव नजर आए तो फौरन डॉक्टर से मिलें। इसके साथ ही कुछ कुछ समय पर ब्रेस्ट को दबाकर देखें यदि उसमें से किसी प्रकार का लम्प्स बाहर आ रहा है, तो यह ब्रेस्ट कैंसर का संकेत हो सकता है।
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