आज बात एक आंकड़े से शुरू करते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा (शायद ना भी हो) कि 2019 तक भारत में 21 करोड़ से भी ज़्यादा माइग्रेन के मरीज थे। माइग्रेन पीड़ितों की इतनी बड़ी संख्या के साथ भारत इस बीमारी में टॉप पर है। इसी साल तक एक दूसरे आंकड़े के मुताबिक देश भर में माइग्रेन के 60 प्रतिशत केस केवल महिलाओं ने रिपोर्ट किये थे। अमेरिका में भी हालात बहुत जुदा नहीं हैं। माइग्रेन एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण बहुत सारे लोगों को अपनी सेहत से समझौता करना पड़ता है। आखिर क्यों इतने ज्यादा बढ़ रहे हैं माइग्रेन (Migraine causes) के मरीज और क्या माइग्रेन का उपचार (Migraine treatment) संभव है? आइए जानते हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट कहती है कि USA में 2022 तक कुल 40 मिलियन माइग्रेन के मामलों में से 28 मिलियन महिलाओं के थे। यानी 70 प्रतिशत।
अब सवाल यह है कि जिस बीमारी से पीड़ितों की संख्या इतनी बड़ी है, उसके कारण क्या हैं? और क्या इसका कोई परमानेंट उपचार संभव है? उसका इलाज़ कहां तक पहुंचा है? क्या माइग्रेन को ‘क्यूरेबल’ (Curable) कहा जा सकता है या अब भी उसमें ‘Un’ लगाना पड़ेगा? और अगर आपको माइग्रेन है तो आप क्या कर सकते हैं इससे राहत (Migraine treatment) पाने के लिए? आज इसे डॉक्टर और एक्सपर्ट्स की मदद से समझेंगे।
माइग्रेन दरअसल सिर दर्द का ही एक सीरियस वर्जन है, लेकिन इसे केवल सिर दर्द नहीं माना जाना चाहिए। डॉक्टर्स इसे एक न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम (Neurological Problem) की ही तरह देखते हैं। आम तौर पर इसमें सिर के एक ही तरफ दर्द होता है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि ऐसा सारे माइग्रेन पेशेंट्स (Migraine Patients) के साथ हो। कभी- कभी यह दर्द सिर के दोनों तरफ हो सकता है।
अमेरिकन हेडेक सोसायटी (American Headache Society) के अनुसार यह माना जा सकता है कि अगर किसी व्यक्ति को कभी 5 सिरदर्द के झटके आए हों और उनमें से हर एक 4 से 72 घण्टे तक रहे, तो वह माइग्रेन का पेशेंट है।
1. कई मेडिकल रिपोर्ट्स में डॉक्टरों ने नॉर्मल सिर दर्द में दर्द का स्तर नॉर्मल कहा है। लेकिन माइग्रेन में यह मध्य स्तर से लेकर गम्भीर बताया है। माइग्रेन के दर्द में आपको सिर में दर्द के झटकों का एहसास होता है और ऐसा लगता है कि जैसे क्लस्टर (Cluster) में दर्द के झटके आ रहे हों।
2. माइग्रेन के कुछ पेशेंट्स को सिर में भयानक दर्द के साथ उल्टी भी हो सकती है। जबकि आम सिर दर्द में बगैर किसी और रोग के ये सम्भव नहीं।
3. माइग्रेन में आपकी नजर धुंधली हो जाती है और आपको ऐसा एहसास हो सकता है कि आप चल नहीं सकते। जबकि नॉर्मल सिरदर्द में यह तभी होगा जब आप कमज़ोरी के शिकार हों।
4. माइग्रेन में आंखों पर लाइट्स या तेज़ आवाज़ आपको बहुत बेचैन कर सकती है और आपके दर्द के झटके और तेज़ हो सकते हैं। जबकि आम सिरदर्द में ऐसा कम देखा गया है।
महिलाओं पर इसका अलग असर होता है ऐसा किसी स्टडी में अभी कोई दावा नहीं है। हां यह ज़रूर है कि वे महिलाएं जो हार्मोनल बदलावों से गुज़र रही हों, उन्हें पीरियड्स आ रहे हों या फिर वे प्रेगनेंसी की अवस्था मे हों, तो उन पर माइग्रेन का असर भयानक तौर पर होता है।
कुछ महिलाओं पर माइग्रेन का ज़रूर ऐसा असर हुआ है, जब उन्होंने माइग्रेन के झटकों के बाद यह कहा कि उन्हें मेमोरी लॉस हुआ और वे यह भूल गईं कि ये कौन सा महीना चल रहा है।
यूके के नेशनल हेल्थ सर्विसेस में कार्यरत डॉक्टर और साइंटिस्ट अविरल वत्स से जब हमने इस बारे में बात की, तो उन्होंने बताया कि इसका (Migraine treatment) इलाज़ अभी पूरी तरह से तो सम्भव नहीं। पर कुछ तरीके हैं जिन्हें अपना कर माइग्रेन से बचा जा सकता है।
ट्रिगर्स की पहचान करिए। किसी को कुछ खाने की चीजों से माइग्रेन ट्रिगर हो जाता है, किसी को ज़्यादा तनाव ट्रिगर कर देता है, नींद आने पर भी ना सोइये आपका माइग्रेन ट्रिगर करता है। तो आपको अपने ट्रिगर्स की पहचान करनी है।
हालांकि माइग्रेन का परमानेंट कोई उपचार (Migraine treatment) नहीं है। मगर इसके दर्द से बचने के लिए जरूरी है कि हाइड्रेटेड रहना भी माइग्रेन को रोकने के लिए एक सफल तरीक़ा है रोजाना 8-10 गिलास पानी पिएं।
सोने, खाने और व्यायाम का नियमित शेड्यूल बना रहे,तो भी माइग्रेन का ख़तरा टलता रहता है। योग, ध्यान, डीप ब्रीदिंग और रिलैक्सेशन भी बहुत हेल्पफुल है। माइग्रेन के उपचार (Migraine treatment) में ये नियमित दिनचर्या महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है।
अकसर यह देखा गया है कि व्रत-उपवास के दौरान माइग्रेन का दर्द ज्यादा ट्रिगर हो जाता है। इसलिए माइग्रेन के उपचार (Migraine treatment) के लिए यह भी जरूरी है कि हमेशा समय पर और संतुलित खाना खाइए। भूखे रहने से बचिए।
डॉक्टर अविरल ने हमें कुछ दवाओं के नाम बताए लेकिन यह भी कहा कि माइग्रेन अगर इन तरीक़ों से नहीं दूर हो रहा तब हम डॉक्टर्स दवाओं की ओर बढ़ते हैं। इसलिए माइग्रेन की कोई भी दवा बगैर डॉक्टर के सलाह के ना लें।
1. डॉक्टर अविरल ने हमें बताया कि ऐसे इलाजों की तरफ माइग्रेन पेशेंट्स को भागने से बिल्कुल बचना चाहिए जो क्लेम करते हैं कि हम माइग्रेन को पूरी तरह ठीक कर देंगे। इसकी बजाए हम यह सोचें कि हम क्या करें जिससे माइग्रेन ट्रिगर न हो जाए और कम से कम हो।
2. अगर आपको एंजाइटी (Anxiety) या डिप्रेशन (Depression) है तो उसको प्रॉपर तरीक़े से एड्रेस करें और उसका इलाज कराएं। ये भी माइग्रेन के बड़े ट्रिगर्स हैं जिनसे माइग्रेन बढ़ता चला जाता है।
3. नियमित दिनचर्या ज़रूरी है। ज़्यादा काम की बातें कह कर लोग रात को देर से सोते हैं और देर से उठते हैं। अगर आपको माइग्रेन है तो इस आदत को छोड़ दीजिए। वरना माइग्रेन के झटके आते रहेंगे और आप परेशान होते रहेंगे।
4. अपनी हेडेक डायरी बनाएं। आपको कब सिर दर्द हुआ और क्या चीजें थीं जो ट्रिगर का काम कर रही थीं। इन सब का लेखा जोखा रखें। इससे आपको माइग्रेन कम करने में आसानी होगी। और आपको ख़ुद भी पता रहेगा कि आपको क्या नहीं करना।
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