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डायबिटीज को नियंत्रित करने के लिए, क्या सिर्फ हेल्दी डाइट काफी है या और भी चीजों को ध्यान में रखना चाहिए?

अन्य सभी चीजों को नजरअंदाज करके केवल खान-पान पर ध्यान देने से कभी कभार बल्ड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है, जिसकी वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
ब्लड शुगर मैनेजमेंट के लिए खाने के साथ साथ, कुछ अन्य गतिविधियों पर ध्यान देना है जरुरी। चित्र: शटरस्टॉक
Updated On: 15 Jan 2025, 03:03 pm IST

बहुत से लोग डायबिटीज (diabetes) मैनेजमेंट के लिए केवल डाइट पर ध्यान देते हैं। परंतु क्या असल में ब्लड शुगर मैनेज करने के लिए आहार काफी होता है? डायबिटीज के सभी मरीजों को इस बात की जानकारी होना बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्यादातर मरीज केवल डाइट को ही अपनी बीमारी का मेडिसिन समझते हैं। अन्य सभी चीजों को नजरअंदाज करके केवल खान-पान पर ध्यान देने से कभी कभार बल्ड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है, जिसकी वजह से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है (How to manage blood sugar level)।

आज इस बात को गंभीरता से समझने के लिए हमने श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली के प्रिंसिपल कंसलटेंट, एंडोक्राइनोलॉजी एंड ओबेसिटी मेडिसिन, डॉ. साकेत कांत से बात की। तो चलिए जानते हैं, डायबिटीज मैनेजमेंट में आहार के अलावा अन्य कौन सी बातें महत्वपूर्ण होती हैं (How to manage blood sugar level)।

क्या केवल डाइट की मदद से ब्लड शुगर मैनेज किया जा सकता है (diabetes management with diet)?

डॉ. साकेत कांत कहते हैं “डायबिटीज़ आज के समय में एक बेहद आम लेकिन गंभीर समस्या बन चूका है। इसे कंट्रोल में रखने के लिए सिर्फ हेल्दी डाइट काफी नहीं है। हेल्दी डाइट महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ और भी कई चीज़ों का ध्यान रखना ज़रूरी है, ताकि ब्लड शुगर के स्तर को मेंटेन रखा जा सके और इसके नुकसान से खुदको बचाया जा सके।”

अगर आप धूम्रपान या शराब का सेवन करती हैं, तो इसे छोड़ने की कोशिश करें। चित्र : अडोबी स्टॉक

“सबसे पहले आप अपने खाने में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और प्रोटीन की सही मात्रा शामिल करें। मीठा, प्रोसेस्ड फूड और तले-भुने खाने से जितना हो सके परहेज रखें। इसके साथ-साथ नियमित एक्सरसाइज भी बहुत जरूरी है। हर दिन 30 से 40 मिनट की वॉक, योग, या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है और शरीर फिट रहता है।”

वे आगे कहते हैं “ स्ट्रेस को मैनेज करना बहुत जरूरी है। ज्यादा तनाव लेने से ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है। मेडिटेशन या अपने पसंदीदा काम में समय बिताने से आप तनाव को कम कर सकती हैं। अगर आप धूम्रपान या शराब का सेवन करती हैं, तो इसे छोड़ने की कोशिश करें। ये दोनों आदतें डायबिटीज़ की स्थिति को गंभीर कर सकती हैं। डायबिटीज़ मैनेजमेंट का एक और अहम हिस्सा है, नियमित जांच। समय-समय पर ब्लड शुगर लेवल की जांच करते रहें और डॉक्टर से सलाह लेते रहना चाहिए। इससे आपको अपनी स्थिति का सही अंदाजा रहेगा और आप सही समय पर जरूरी बदलाव कर पाती हैं (How to manage blood sugar level)।”

जानें डाइट के अलावा ब्लड शुगर मैनेजमेंट में कौन-कौन से फैक्टर आपकी मदद करते हैं (How to manage blood sugar level)

1. ब्लड शुगर की नियमित जांच है जरुरी

डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल आमतौर पर बढ़ा रहता है, जिसे दावाईयों से नियंत्रित किया जाता है। पर कई बार दवाई लेने के बाद भी कुछ खाने से या अचानक से ब्लड शुगर में स्पाइक या गिरावट आ सकता है। इसलिए सभी मरीजों को ब्लड शुगर लेवल का ट्रैक रखने की सलाह दी जाती है। यदि शुगर बढ़ा हुआ है, तो आप इसपर नियंत्रण पाने के लिए उपाय अपना सकती हैं।

डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच करने के लिए घर पर ही ग्लूकोज मॉनिटर का उपयोग कर सकता है। एक विकल्प निरंतर ग्लूकोज मॉनिटर है, जो एक चिकित्सा उपकरण है। यह व्यक्ति को आसानी से अपने ब्लड शुगर की जांच करने की अनुमति देता है।

संतुलित वजन नियंत्रित रखता है ब्लड शुगर लेवल। चित्र : अडॉबीस्टॉक

2. वेट मैनेजमेंट पर ध्यान दें

आपने जरूर सुना होगा की डायबिटीज की स्थिति में व्यक्ति का वजन बढ़ने लगता है, वहीं ओबेसिटी से ग्रसित व्यक्ति में डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। ऐस में मध्यम वजन बनाए रखने से व्यक्ति को अपने डायबिटीज को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने में मदद मिलती है। शोध मोटापे और इंसुलिन प्रतिरोध के बीच संबंध बताते हैं। इंसुलिन वे हार्मोन है, जो रक्त में ग्लूकोज को सेल्स में प्रवेश करने की अनुमति देता है। इसलिए अपने शरीर के अनुसार डाइट मैनेजमेंट और एक्सरसाइज में भाग लेकर एक स्वस्थ वजन बनाए रखें।

3. सक्रिय रहें

सभी के लिए रोजाना कुछ देर शारीरिक गतिविधियों में भाग लेना जरुरी होता है। जरुरी नहीं की आप जिम जाएं, घर के काम काज, पेट एनिमल को घुमाने जाने जैसी सामान्य गतिविधियों में भाग लेने से भी स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है। एक्सरसाइज के कई स्वास्थ्य लाभ हैं और यह व्यक्ति को अपने रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में भी मदद कर करती है।

विशेष रूप से, व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा देता है, जिससे मांसपेशियों के सेल्स ग्लूकोज को लेने और ऊर्जा के लिए इसका उपयोग करने के लिए हार्मोन का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करती हैं। यह रक्त शर्करा को कम करने में मदद कर सकता है।

अच्छी नींद सेहत के लिए होती है बेहद फायदेमंद। चित्र : अडॉबीस्टॉक

4. पर्याप्त नींद लेना है जरुरी

पर्याप्त नींद लेने से डायबिटीज मैनेजमेंट में मदद मिल सकती है। नेशनल लाइबरेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार एक स्वस्थ वयस्क को 7 से 9 घंटे की उचित नींद लेनी चाहिए। नींद पूरी न होने से शरीर पर कई तरह के प्रभाव पड़ सकते हैं, जिसमें इंसुलिन रेसिस्टेन्स में वृद्धि, भूख में वृद्धि, कार्ब्स और चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थों की लालसा पैदा करना, वजन बढ़ना, ब्लड प्रेशर बढ़ाना, संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता कम होना, डिप्रेशन और चिंता का जोखिम बढ़ाना शामिल है। यह सभी फैक्टर डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर स्पाइक का कारण बन सकते हैं और उनके जीवन की गुणवत्ता कम हो सकती है।

5. स्ट्रेस मैनेजमेंट पर ध्यान दें

तनाव आपके रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकता है। तनावग्रस्त होने पर, आपका शरीर ग्लूकागन और कोर्टिसोल नामक हार्मोन रिलीज करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। ऐसे में व्यायाम, ध्यान, माइंडफुलनेस, डीप ब्रीदिंग, जर्नलिंग, आर्ट और क्राफ्ट, मनोचिकित्सा, आपके पसंदीदा शौक, व्यायाम और रिलैक्सेशन, जैसे योग और माइंडफुलनेस-आधारित स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक तनाव पर नियंत्रण पाने में आपकी सहायता कर सकते हैं। ये गतिविधियां क्रोनिक डायबिटीज के मरीजों में इन्सुलिन से जुडी समस्यायों को ठीक करने में मदद कर सकता है।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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