बच्चों के पेट में कीड़ा और पिनवॉर्म होने की संभावना काफी ज्यादा होती है और यह एक सामान्य इंटेस्टाइनल इनफेक्शन है। पिनवॉर्म पतला से उजले रंग का 6 से लेकर 13 मिलीमीटर तक लंबा एक कीड़ा होता है। यह कीड़े एक बार मे हजारों अंडे दे सकते है जिज़ वजह से पेट मे इनकी संख्या तेजी से बढ़ती है। वहीं ऐसे में बच्चे काफी ज्यादा विचलित रहते हैं और कई अन्य परेशानियों का अनुभव भी करते हैं।
यह समस्या खासकर बच्चों को इसलिए अटैक करती है क्योंकि छोटे बच्चे हाइजीन का ख्याल नहीं रख पाते। वहीं आजकल वर्किंग लाइफ और घरेलू कार्य को मैनेज करते हुए कभी कबार मां का ध्यान बच्चों से हट जाता है। उतने ही देर में आपका बच्चा काफी कुछ छू सकता है, जिस वजह से वॉर्म होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि, ऐसे में आप कुछ तरीकों को आजमा कर इस समस्या से अपने बच्चे को बचा सकती हैं। तो चलिए आज जानते हैं पेट मे होने वाले वॉर्म से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।
पेट में दर्द
अचानक से वजन में गिरावट आना
चिड़चिड़ापन महसूस होना
जी मचलना और उल्टी आना
दस्त की समस्या
बार बार भूख लगना
अनल एरिया में खुजली होना
एनस में रैशेज और दर्द
बच्चों के पेट मे कीड़े होने का सबसे बड़ा कारण कुछ खराब खाध पदार्थ हो सकते हैं। इसके अलावा हाथों से धूल, मिट्टी और गंदगी को छूना और फिर उन्हीं हाथों को मुंह में ले लेने से कीड़े के अंडे पेट मे चले जाते हैं और बच्चों के पेट में वॉर्म इन्फेक्शन का कारण बनते हैं। पालतू जानवरों से भी कीड़े होने की संभावना होती है। हालांकि, यह बहुत कम देखने को मिलता है।
1 बच्चों के लिए खाना बनाने से पहले हाथ को अच्छी तरह साफ करना न भूलें। इसके साथ ही बच्चों के खाने से पहले उनके हाथ को अच्छी तरह साफ करना जरूरी है।
2 किसी भी सब्जी और फल को खाने से पहले पानी से अच्छी तरह साफ करना जरूरी है।
3 सब्जी और मीट को पूरी तरह पकाएं।
4 पालतू जानवरों को समय से वॉर्म इंफेस्टेशन करवाएं।
5 बच्चों को नंगे पैर बाहर न निकलने दें। उनके पैर और हाथ के नाखून को छोटा रखें और समय से अंडरवियर को बदले साथ ही गिला अंडरवियर भूलकर भी न पहनाएं।
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