High Cholesterol : आंखों पर पीले धब्बे और पैरों में दर्द हो सकते हैं कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के संकेत, तुरंत करने होंगे ये 5 उपाय

आपके शरीर मे कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) का लेवल बढ़ना सीधे-सीधे हृदय रोगों का कारण बनता है। मगर क्यों होता है शरीर में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण और इसका कितना लेवल बुरा है, इसके क्या जोखिम हो सकते हैं और कैसे पता लगाएं कि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ रहा है, आइए जानते हैं विस्तार से।
skin aur eyes me bhi nazar aate hain high cholesterol ke signs
त्वचा और आंखों पर भी नजर आते हैं कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के संकेत। चित्र : अडोबीस्टॉक
Updated On: 12 Dec 2024, 07:10 pm IST
  • 157
डॉ. प्रकाश चंद्र शाही
मेडिकली रिव्यूड

अंदर क्या है

  • क्या होता है कोलेस्ट्रॉल
  • भारतीयों में कोलेस्ट्रॉल का लेवल
  • क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल?
  • हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण
  • बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को रोकने के लिए क्या करें
  • हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण कब हो सकती है डॉक्टर के पास जाने की जरूरत

बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रॉल लेवल एक गंभीर समस्या है। यह न केवल आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि मृत्यु का कारण भी बन सकता है। हृदय रोगों के ज्यादातर मामलों में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना एक बड़ा कारण है। पर क्या आप जानते हैं कि क्यों शरीर में इस तरह बढ़ने लगता है कोलेस्ट्रॉल का स्तर (High Cholesterol) ? क्या हैं इसके संकेत (Symptoms of High Cholesterol) और इसे कैसे कंट्रोल (How to  control High Cholesterol) किया जा सकता है? आइए जानते हैं हेल्थ शॉट्स के इस लेख में विस्तार से।

भारतीयों में बढ़ रहा है कोलेस्ट्रॉल का लेवल 

भारत की 31 प्रतिशत आबादी कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर से गुज़र रही है, यह इसी साल आई एक टेस्ट लैब की रिपोर्ट में सामने आया। यह जानते हुए भी कि बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल सीधे दिल से जुड़ी हुई बीमारियों को आमंत्रण देना है, क्या भारत में इसको लेकर जागरूकता आ सकी है? जवाब है नहीं।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट कहती है कि अभी भी विकासशील देशों में इसको लेकर लोग सचेत नहीं हैं जिसकी वजह से भारत में हाई कोलेस्ट्रॉल से जूझ रहे लोगों की संख्या ज़्यादा है। ध्यान रखिये, अभी वह आबादी कितनी है ये हम नहीं जानते जिन्हें पता ही नहीं है कि उनका कोलेस्ट्रॉल ज्यादा है।

कैसे पता लगाएं कि आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है? क्यों बढ़ता है शरीर का कोलेस्ट्रॉल,बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के खतरे क्या हैं और इसे कैसे रोका कैसे जा सकता है? आज डॉक्टर की मदद से समझेंगे।

High cholesterol dhamniyo ko block kar deta hai
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता लेवल धमनियों को ब्लॉक कर देता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

क्या होता है कोलेस्ट्रॉल (What is Cholesterol)

कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर में ही पाया जाने वाला एक ऐसा लिपिड है, जो शरीर के अंदरूनी कामों जैसे सेल मेम्ब्रेन (Cell Membrane), हार्मोन, विटामिन डी या पाचन के लिए आवश्यक एसिड बनाने के लिए ज़रूरी है। इसे लिवर स्वाभाविक तौर पर बनाता है और कई बार ये हमारे खाने के जरिये भी शरीर में पहुंचता है। उचित मात्रा में तो शरीर में कोलेस्ट्रॉल जरूरी है, लेकिन जब यह बढ़ता है तो फिर शरीर की मुश्किलें भी बढ़ती हैं।

क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल? (Reason of High Cholesterol)

कार्डियोलॉजी में DM डॉक्टर प्रकाश चन्द्र शाही के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं।

1. उम्र (Age Factor)

महिलाओं में उम्र इसका बड़ा कारण है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं का शरीर HDL जिसे अच्छा कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है, वह बनाना कम करके LDL जिसे शरीर के लिए अच्छा नहीं माना जाता,वह प्रोड्यूस करने लगता है। जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई होता जाता है।

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

2. जेनेटिक कारण (Genetic Reason)

अगर आपके परिवार में किसी को हाई कोलेस्ट्रॉल(High Cholesterol) की दिक्कत रही हो तो यह कॉमन है कि यह समस्या आपको भी हो सकती है। ये जिनेटिक (Genetic) कारण ही होता है जब आपका लिवर कोलेस्ट्रॉल को सही तरीके से प्रॉसेस नहीं कर पाता और आप हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे होते हैं।

3. धूम्रपान और शराब (Smoking and Alcohol leads to High Cholesterol)

शराब और सिगरेट दोनों ऐसे कारण हैं जो शरीर के लिए अच्छे कोलेस्ट्रॉल का बनना रोक कर ख़राब कोलेस्ट्रॉल के बनने की प्रक्रिया शुरू कर देते हैं। इससे हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा बन जाता है।

smoking cholesterol badha sakti hai
स्मोकिंग करने से खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है। चित्र : अडोबीस्टॉक

4. अधिक वजन या मोटापा (Over Weight and obesity)

अगर आपका BMI यानी बॉडी मास इंडेक्स 30 से अधिक है तो आपको हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे ज़्यादा हैं। पेट के आसपास की चर्बी शरीर मे अच्छे कोलेस्ट्रॉल को खत्म करने का कारण बनती है।

5. शारिरिक निष्क्रियता (Body Inactivity)

बॉडी को इनएक्टिव(Inactive) रखना भी कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने की एक वजह है। बैठे बैठे काम करना,व्यायाम ना करना यह सब आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने देने को आमंत्रण है।

6. ज्यादा वसा वाला खाना (high fat food)

मांस,मछली या दूध से बने पदार्थों का बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन आपके शरीर में हाई कोलेस्ट्रॉल के चांसेस को बढ़ाते हैं। अगर आप बहुत ज्यादा तला,भुना या मसालेदार खाते हैं तब भी आपको इसका खतरा होगा। इसके अलावा बहुत ज्यादा मीठा खाना भी कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक कारण है।

हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण (Symptoms of High Cholesterol)

1. पैरों में दर्द या झनझनाहट। ऐसा अक्सर इसलिए होता है कि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की वजह से आपके पैरों की धमनियां ब्लॉक हो जाती हैं।
2. आपको अक्सर थकान,कमज़ोरी और शरीर में दर्द जैसा महसूस होगा। इसका मतलब यह है कि हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से आपके शरीर के अलग अलग हिस्सों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच रहा।
3. बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की वजह से अक्सर सीने में दर्द हो सकता है। इसका मतलब यह हो सकता है कि आपके दिल तक पर्याप्त खून नहीं पहुंच रहा।
4. आपके स्किन या आंखों में भी पीले धब्बे हो सकते हैं। यह बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल की वजह से जगह जगह फैट जम जाती है, जो आपको धब्बों की तरह दिखाई देगी।

बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को रोकने के लिए क्या करें (How to reduce High Cholesterol level)

1. अपना आहार बदलें (Change your food)

मसालेदार खानों को छोड़कर हरी सब्जियों का सहारा लें। साबुत अनाज खाएं। ब्रोकली जैसे फलों को खाने में शामिल करें। जैतून का तेल हो या नारियल का तेल भी खाने में शामिल करें।अंडा अगर खाएं तो उसकी पीली जर्दी निकाल लें। हाँ, एक बात और, खाने में नमक और चीनी का इस्तेमाल कम से कम करें।

2. नियमित व्यायाम करें (Daily Exercise)

दिन भर में कम से कम आधे घण्टे एक्सरसाइज जरूर करें। तेज़ चलना,दौड़ना,साइकिल चलाना- यह सब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और जो आपके शरीर के लिए अच्छे कोलेस्ट्रॉल हैं उन्हें तेज़ी से जनरेट करता है।

3.धूम्रपान और शराब छोड़ें (Quit Smoking and Alcohol)

आज के दौर में हाई कोलेस्ट्रॉल के मुख्य कारणों में से सिगरेट और शराब है। अगर आपको इससे बचना है तो सिगरेट और शराब से दूरी बनानी पड़ेगी, वरना शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल बनते रहेंगे और आप इस समस्या से जूझते रहेंगे।

4. कम लें तनाव (Don’t take stress)

तनाव एक बड़ा फैक्टर है जिसकी वजह से लोग हैरान कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं। तनाव हार्ट की समस्याओं को भी बढ़ाता है। लंबी सांस,योग या मेडिकेशन के सहारे तनाव से निजात पाने की कोशिश करें।

cholesterol control karne ke liye weight loss karna zaruri hai
कोलेस्ट्राॅल कंट्रोल करने के लिए वजन कम करना बहुत जरूरी है। चित्र : अडोबीस्टॉक

5. वजन कम करें (Reduce weight)

हमने अभी बात की थी कि बढ़ता वजन एक वजह है जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। कोशिश करें कि वजन कम रहे। वजन कम करने के लिए नियमित व्यायाम,खाने का ध्यान जरुरी है।

हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण कब हो सकती है डॉक्टर के पास जाने की जरूरत (When to seek a doctor in high cholesterol)

1. अगर स्वस्थ खाने,नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रित करने के बाद भी कोई सुधार ना हो रहा हो तो आपको डॉक्टर से मिलने की ज़रूरत है।
2. अगर लिपिड प्रोफाईल टेस्ट(Lipid Profile Test) में कुल कोलेस्ट्रॉल 200 mg/dL से ज़्यादा, LDL 130 mg/dL से अधिक, या ट्राइग्लिसराइड्स 150 mg/dL से ज्यादा हो तो आपको डॉक्टर से मिलने की ज़रूरत है।
3.यदि आपके परिवार में किसी को कम उम्र में ही दिल का दौरा(Heart Attack), स्ट्रोक या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या रही हो तो डॉक्टर से एक बार जरूर मिल लें।
4. अगर आपके सीने में दर्द,स्किन पर पीले चकते या पैरों में दर्द या झनझनाहट हो रही हो.

चलते-चलते

हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) कोई ऐसी बीमारी नहीं जिसे कंट्रोल या ठीक ना किया जा सके। बस ज़रूरत है सही समय पर सही मैनेजमेंट की। नियमित व्यायाम,स्वस्थ खाना और सही समय पर दवाईयां लेकर आप इसे कंट्रोल में ला सकते हैं। लेकिन थोड़ी भी लापरवाही आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से हार्ट अटैक तक भी पहुंचा सकती है। इसलिए अपने शरीर के लिए,अपने लिए और अपनी लंबी उम्र के लिए सही जीवन चुनिए।

यह भी पढ़ें – ठंडे मौसम में ज्यादा होता है हार्ट अटैक का जोखिम, एक्सपर्ट बता रहे हैं कारण, लक्षण और बचाव के उपाय

  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
राेहित त्रिपाठी
राेहित त्रिपाठी

गोरखपुर यूनिवर्सिटी से स्नातक और लिखने-पढ़ने की आदत। रेख्ता, पॉकेट एफएम, राजस्थान पत्रिका और आज तक के बाद अब हेल्थ शॉट्स के लिए हेल्थ, फिटनेस, भारतीय चिकित्सा विज्ञान और मनोविज्ञान पर रिसर्च बेस्ड लेखन।

अगला लेख