सेक्स के दौरान प्रोपर इरैक्शन न होना इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction)की ओर इशारा करता है। कई बार ऐसा होना सामान्य है। मगर हर बार इरैक्ट न हो पाना एक स्वास्थ्य समस्या है। मेडिकल न्यूज टुडे के मुताबिक 40 की उम्र के बाद तकरीबन 20 फीसदी पुरूषों में ऐसी समस्या पाई जाती है। इससे न केवल पुरूषों का मनोबल गिरता है बल्कि रिश्ते में खिन्नता आने लगती है। अधिकतर लोग इमोशनली कमज़ोर होने लगते हैं। ऐसे में डॉक्टरी इलाज के साथ साथ कुछ खास टिप्स को भी अवश्य फॉलो करें।
इस बारे में बातचीत करते हुए सेक्सोलॉजिस्ट पल्लवी बर्नवाल का कहना है कि इरैक्शन सेक्सुअल अराउज़ल (Sexual Arousal) से होता है। जब आपके तन मन में सेक्सुअल विचार या डिजायर आते हैं, तो स्टिमयूलेशन (Stimulation) होता है। फिर ब्रेन नर्वस के ज़रिए वो सेंसेशन रिसीव करता है और हार्ट को सिगनल देता है। उसके बाद हार्ट बल्ड पंप करता है और पीनस में भेजता है। ऐसे में इरैक्शन के लिए सेक्सुअन अराउज़ल का होना ज़रूरी है।
अगर आप लाइफ पार्टनर इस समस्या से ग्रस्त है, तो उनका फोक्स इसी बात पर रहता है कि क्या मेरा पार्टनर मेरे साथ अच्छा फील करेगी। ये भावना पुरूषों को अपनी सेंसेशन से डिसकनेक्ट करने लगता है। फिर पुरूषों को प्लेजर मिलना बंद हो जाता हैं। इससे इरैक्शन लूज़ होता है, जो एक साइकॉलोजिकल समस्या होती है। इसके अलावा ऐसी महिलाएं जिनके पार्टनर इस समस्या से जूझ रहे हैं, वे हर वक्त अपना इरैक्शन मॉनिटर करते रहते हैं कि कहीं ये ढ़ीला तो नहीं हो रहा। कहीं इरैक्शन कम तो नहीं हो रहा। इस समस्या को स्पेकटैकोरिंग कहते हैं। बार बार पार्टनर पर फोक्स करना और पीनस को मॉनिटर करना ये चीजें अटेंशन को डायवर्ट करती है।
फ्राइड और जंक फूड का रेगुलर इनटेक हमारे बॉडी वेट को बढ़ाने के अलावा शरीर में कई बीमारियों के जोखिम को भी बढ़़ाने लगता है। अपने पार्टनर को इरेक्टाइल डिसफंक्शन से उभारने के लिए डाइट में विटामिन्स, मिनरल्स, कैल्शियम और प्रोटीन का इनटेक बढ़ा दें। साइंस डायरेक्ट के एक रिसर्च के मुताबिक जो पुरूष इस समस्या से ग्रस्त हैं। उनके शरीर में फ्लेवोनॉयड्स की मात्रा कम पाई जाती है, जो हमें फलों और सब्जियों से प्राप्त होते है। दरअसल, ये तत्व इरेक्टाइल फंक्शन को मज़बूत बनाता है। अपनी डाइट में फल, सब्जियों और फ्लेवोनॉयड्स को सम्मिलित करके इस समस्या को हल कर सकते हैं।
नियमित तौर पर अल्कोहल का सेवन पार्टनर के शरीर में कई समस्याओं के खतरे को बढ़ाता है। इससे शरीर में हाई ब्लड प्रेशर, तनाव, सेक्सुअल रिस्क बिहेवियर और हार्ट हेल्थ का खतरा रहता है। एनसीबीआई की रिसर्च के मुताबिक 84 पुरूष जो नियमित तौर पर अल्कोहल का सेवन कर रहे थे। उनमें से 37 फीसदी पुरूषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या पाई गई। ऐसे में अल्कोहल के सेवन को सीमित करें और फिर धीरे धीरे छोड़ दें।
अगर आपका पार्टनर इस समस्या से ग्रस्त है, तो योग एक आसान विकल्प है। दरअसल, कई बार ब्लड फ्लो नियमित न होने और हार्मोंनल इंबैलेंस के अलावा और भी बहुत से कारण इस समस्या को जन्म देते हैं। मोटापा, हार्ट हेल्थ और डायबिटीज़ भी इसका मुख्य कारण बन जाते हैं। ऐसे में आप योग के माध्यम से इस समस्या को दूर कर सकते हैं। इससे शरीर में ब्लड का फ्लो बेहतर होता है और पैल्विक मसल्स रिलैक्स हो जाते हैं। इससे इरैक्शन लूज़ होने की समस्या दूर हो जाती है। इसके लिए आप अपने रूटीन में पश्चिमोत्तानासन, बद्धकोणासन और धनुरासन को नियमित तौर पर शामिल कर सकते हैं।
ये एक भावनात्मक समस्या भी है। आपका पार्टनर बहुत बार ये सोचकर परेशान हो जाता है कि आप क्या सोचेगीं। ऐसे में आपको मज़बूती से उस स्थिति को संभालना है। आप उन्हें प्रोत्साहित करें और इरैक्शन लूज होने की समस्या को तूल न दें। न ही इस समस्या को लेकर उन्हें कोसें। आपका साथ उनकी आधी टेंशन को खत्म करने का काम कर सकता है। बैडरूम में उन्हें हेल्दी माहौल प्रदान करें और इस विषय पर बात करके उन्हें इमोश्नल सपोर्ट दें
अगर आपका पार्टनर इस समस्या से परेशान है, तो पार्टनर की सलाह से डॉक्टरी जांच और परामर्श बहुत ज़रूरी है। इस डिजीज से जुड़े सभी टेस्ट और जांच करवाएं ताकि समस्या को हल कर सकें। इसके अलावा मानसिक तौर पर खुद को हेल्दी रखने के लिए मनोवैज्ञानिक और सेक्स थेरेपिस्ट की सलाह भी है।
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