पार्टनर का साथ मिलना सभी को अच्छा लगता है। यदि किसी कारणवश आप सिंगल हो गई हैं, तो इसे सेलिब्रेट करना न भूलें। जितना मजा पार्टनर का साथ देता है, उतना ही मजा सिंगल होना देता है। ज्यादातर सिंगल वुमन से पूछने पर यही जवाब मिलता है कि उन्होंने आजादी का असली सुख सिंगल होने पर ही जाना। दरअसल, आप यदि किसी रिलेशनशिप में होती हैं, तो यह अपने साथ कई जिम्मेदारियां भी लाता हैं। यदि आप सिंगल हैं और जीवन के किसी मोड़ पर अच्छे पार्टनर का साथ मिलता है, तो उसे स्वीकार करने में जरा भी देर न लगाएं। पर जब तक अकेली हैं, तो सिंगलहुड को जरूर एंजॉय करें। हम यहां पर आपको सिंगलहुड लाइफ को एंजॉय करने और खुश रहने के टिप्स (how to enjoy singlehood) बता रहे हैं।
लाइफस्टाइल जर्नलिस्ट श्रीमाेई पियू कुंडू ने भारत की सिंगल महिलाओं पर एक किताब लिखी ‘स्टेटस सिंगल’। इसमें वे भारतीय महिलाओं के बारे में आंकड़े देती हैं कि भारत में 74.1 मिलियन से भी अधिक महिलाएं सिंगल हैं। वे या तो तलाक ले चुकी हैं या अलग रह रही हैं या फिर किन्हीं कारणों से उन्होंने शादी नहीं की।
इसमें विधवा महिलाओं की संख्या भी शामिल है। कुंडु किताब में सुझाव देती हैं कि सिंगल महिलाएं दुखी होने की बजाय खुश होने के अवसर तलाशें और जीवन को आनंदपूर्ण बनाएं।
वीणा मेहता बताती हैं, ‘सिर्फ शादी करने या पार्टनर बनने के लिए हम पैदा हुए हैं, ऐसा कभी न सोचें। आपके जीवन का हर उद्देश्य और काम पार्टनर के इर्द गिर्द बुना नहीं होना चाहिए। दूसरों पर निर्भरता दिखाने की बजाय अकेले दम पर किए जाने वाले लक्ष्य बनाएं और उसे पूरा करने की कोशिश करें।’
पार्टनर, बच्चों के साथ यात्रा तो ज्यादातर महिलाएं करती हैं। पर अकेले यात्रा करने का सुख और उससे हासिल कुछ अलग ही होता है। अकेले यात्रा करने पर व्यक्ति स्वयं को जान पाता है और पहचान पाता है। अकेले होने पर यात्रा के दौरान वह उन चीजों को एक्सप्लोर कर पाता है, जिन्हें वह सिर्फ अकेले करना चाहता है।
इन दिनों भारत सहित कई देशों में यात्रा करने वाली सिंगल महिलाओं का ग्रुप काफी चलन में है। ऐसे ही किसी महिला ग्रुप की सदस्य बनने की कोशिश करें और उनके साथ घूमने का मजा लें।
वीणा कहती हैं, ‘यदि आप अकेली हैं, तो कभी भी यह न सोचें कि आपकी उम्र अब तो ढल गई है। स्त्रियां हर उम्र में सुंदर और सशक्त होती हैं। कभी-भी गुजरे दौर या बुरे पल को याद न करें। ऐसी यादें जब परेशान करें, तो मन को शांत करने वाले एक्सरसाइज करें।‘ एक झटके में उन बातों को दिमाग से निकालने की कोशिश करें।
जिस पल में आप जी रही हैं, उसे एंजॉय करने की कोशिश करें। नई चीजों को एक्सप्लोर करते समय बच्ची बन जाएं। उनकी तरह हंसना-खिलखिलाना, मनपसंद कपड़े पहनना, मनपसंद संगीत सुनना, डांस करना, अपनी रुचि के काम करना आदि जैसे काम करें।
उम्र की गिनती करने की बजाय अपने को स्वस्थ रखने की कोशिश करें। नियमित तौर पर हेल्थ चेकअप कराना न भूलें।
ऐसे लोगों से दूरी बना लें, जो आपको पुरानी यादों में घसीट ले जाते हैं। ऐसे दोस्तों की संख्या में बढ़ोत्तरी करें, जो आपको प्रोत्साहित करते हों, हंसते-हंसाते रहते हों तथा आपको हर तरह की नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखते हों। मित्र बनाने में कभी उम्र का फासला न देखें। कम उम्र वाले लोग भी परिपक्व होते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंअपनी बात खुल कर कहें। उम्र या हैसियत के आधार पर दोस्ती न करें। आप स्वयं भी अच्छी दोस्त बनने की कोशिश करें। सिंगलहुड को एंजॉय करें, लेकिन ऑल्टरनेटिव सामने होने पर मना न करें।
यदि कोई समझदार व्यक्ति आपका पार्टनर बनना चाहता है, तो इस विकल्प को अपनाने से झिझकें नहीं। यदि उसमें कुछ कमी दिखती है, तो कभी-भी उसे पार्टनर बनाने के लिए राजी नहीं हों। उनसे साफ बताएं कि एक दोस्त के तौर पर आप सदा उनके साथ रहेंगी, लेकिन लाइफ पार्टनर बनना आपके लिए मुश्किल है।
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