दालचीनी एक ऐसा मसाला है, जो भारतीय रसोई में अमूमन मिल ही जाता है। इसका उपयोग सब्जियों से लेकर केक तक, नमकीन से मीठे तक सभी प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है। दालचीनी का स्वाद हल्का कड़वा और तेज़ होता है। लेकिन यह भोजन के स्वाद को दोगुना कर देती है। सिर्फ इतना ही नहीं यह वजन घटाने में भी काफी मददगार है। यदि आप वजन कम करना चाहती हैं, तो आज ही से दालचीनी को अपनी डाइट में शामिल करें। ये कैसे काम करती हैं, आइए हम आपको बताते हैं विस्तार से।
दालचीनी शरीर के मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करती है, जिससे वजन घटाने की प्रक्रिया तेज होती है। दरअसल, दालचीनी में कुछ ऐसे गुण होते हैं, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती। आप सब्जी, काढ़ा, चाय आदि में साबुत दालचीनी या दालचीनी पाउडर का उपायोग कर सकती हैं।
ब्राउन फैट को गुड फैट के रूप में जाना जाता है। इसमें कई लिपिड ड्रॉपलेट्स और आयरन युक्त माइटोकॉन्ड्रिया होते हैं, जो भोजन को उपयोगी ऊर्जा स्रोत में बदलने में मदद करते हैं। ब्राउन फैट ठंडे वातावरण में गर्मी पैदा कर शरीर को गर्म रखने में भी मदद करता है। इसलिए ठंडे प्रदेशों में बनने वाले व्यंजनों में दालचीनी को जरूर इस्तेमाल किया जाता है।
वैज्ञानिकों ने पाया कि दालचीनी का अर्क त्वचा के नीचे की वसा की परत, वसा कोशिकाओं में ब्राउन फैट को बढ़ाने में मदद करती है। यह बेली फैट वाले लोगों के लिए अच्छा है। कमर या पेट के आसपास जमी चर्बी में सफेद फैट होता है। दालचीनी का सेवन करने से पेट की चर्बी (white fat) को भूरे रंग में बदलने में मदद मिल सकती है। ब्राउन फैट शरीर के तापमान को बनाए रखने और ऊर्जा के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
दालचीनी में मौजूद पॉलीफेनोल्स इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इंसुलिन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है। जब आपका शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या इंसुलिन प्रतिरोधी बन जाता है, तो रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है। जिससे वसा का संचय, मोटापा, मधुमेह और मोटापे से होने वाली अन्य बीमारियां हो सकती हैं।
अनुसंधान ने पुष्टि की है कि दालचीनी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम वाली महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध को कम करके वजन घटाने में सहायता कर सकती है।
दालचीनी उपवास के बाद रक्त शर्करा (blood sugar) के स्तर को कम करने में मदद करती है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-डेविस के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि साबुत दालचीनी या दालचीनी के अर्क का सेवन करने से टाइप 2 मधुमेह के रोगियों में फास्टिंग में रक्त शर्करा का स्तर कंट्रोल हो सकता है ।
खराब या एलडीएल कोलेस्ट्रॉल धमनियों की वॉल्स में जमा हो जाता है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
एनसीबीआई की ही दो अलग-अलग अध्ययनों में पाया गया कि दालचीनी एलडीएल कोलेस्ट्रॉल, फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज और ट्राइग्लिसराइड के स्तर, को कम करने में मदद करती है।
बेली फैट गंभीर चिंता का विषय है। यह अत्यधिक कैलोरी की खपत, इनएक्टिव लाइफस्टाइल और बहुत अधिक तनाव लेने के परिणामस्वरूप होता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि दालचीनी का सेवन वेस्ट साइज़ और शरीर के वजन को कम करने में मदद कर सकता है। ये ऐसे तरीके हैं, जिनसे दालचीनी वजन घटाने में मदद करती है।
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कस्टमाइज़ करेंप्रतिदिन 1-2 चम्मच दालचीनी पाउडर या 1 इंच दालचीनी की छाल लेना एक वयस्क के लिए पर्याप्त है। इससे ज्यादा मात्रा में दालचीनी का सेवन नुकसानदेह हो सकता है।
इसके लिए आपको चाहिए
½ छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर, 1 बड़ा चम्मच नीबू का रस, 1 चम्मच शहद, 1 कप पानी
1 एक कप पानी उबालें और उसमें दालचीनी पाउडर मिलाएं।
2 तब तक उबालते रहें जब तक कि पानी की मात्रा आधी न हो जाए।
3 इसे एक कप में छान लें।
4 शहद और नीबू का रस डालें।
½ छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर, 1 छोटा चम्मच एप्पल साइडर विनेगर, 1 कप पानी
1 एक कप पानी में उबाल लें और उसमें दालचीनी पाउडर डालें।
2 बर्नर को तुरंत बंद कर दें।
3 पानी को कमरे के तापमान पर ठंडा होने दें।
4 सेब का सिरका डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
1 इंच दालचीनी की छाल, 4-5 नीबू के टुकड़े, एक मुट्ठी पुदीने की पत्तियां, 1 कप पानी
1 एक कप पानी में दालचीनी की छाल को रात भर के लिए भिगो दें।
2 सुबह पानी को एक मेसन जार में डाल दें।
3 कटे हुए पुदीने के पत्ते और नींबू के टुकड़े डालें।
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